रोहिणी के विजय विहार इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में लड़कियों के साथ यौन शोषण मामले में सीबीआई ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर इस केस संबंधित सभी जानकारी मांगी है. इस पत्र के मिलने के बाद आज दिल्ली पुलिस इसका जवाब देगी. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच को सीबीआई को सौंप दिया है. सभी दस्तावेज दिल्ली पुलिस के पास हैं.
इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस, महिला आयोग, CWC और DCPCR की टीम इस आध्यात्मिक आश्रम पर लगातार छापेमारी कर रही है. इतना ही नहीं कथित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के अन्य आश्रमों में भी छापेमारी की जा रही है. सोमवार को महिला आयोग की टीम दिल्ली के करावल नगर और नांगलोई आश्रम में छापेमारी कर रही है.
रोहिणी स्थित आश्रम में बीते सप्ताह महिला डॉक्टरों की एक टीम भी पहुंची थी. उसने आश्रम में मौजूद महिलाओं की मेडिकल जांच किया. 200 गज में बने आश्रम में अय्याश बाबा ने 21 महिलाओं को कैद रखा था, जिनमें मुक्त कराई गईं 5 नाबालिग लड़कियां भी शामिल थीं. इस आश्रम में रखी गईं ज्यादातर महिलाओं की तबीयत खराब है. उनका इलाज चल रहा है.
DCW की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने बताया कि बाबा के मोहन गार्डन स्थित आश्रम से 5 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया है. उन्होंने बताया कि यहां भी विजय विहार के आश्रम की तरह ही महिलाओं और लड़कियों को कैद कर रखा गया था. आस-पास के लोगों ने बताया कि शुक्रवार की शाम छापेमारी से पहले सुबह ही आश्रम से कई लड़कियों को हटा दिया गया था.
उन्होंने यह भी बताया कि आश्रम के अंदर से अक्सर महिलाओं के रोने की आवाजें आती थीं. रोहिणी आश्रम पर छापेमारी के दौरान 41 महिलाओं को मुक्त कराया गया था. हाईकोर्ट में पेश की गईं महिलाओं की आपबीती सुनने के बाद ढोंगी बाबा के सभी आश्रमों पर छापेमारी का आदेश दिया गया था. दिल्ली महिला आयोग भी बाबा के सभी ठिकानों का पता लगाने में जुट गई है.
उत्तम नगर का आश्रम भी पूरी तरह से बंद करके रखा गया था. किसी को भी ऊपर जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी. इस आश्रम को मेडिकल सेंटर के रूप में चलाया जा रहा था, जहां विजय विहार और अन्य 6 आश्रमों से बीमार महिलाओं को यहां लाया जाता था. इस आश्रम से भी बड़ी मात्रा में दवाइयां और अश्लील किताबें बरामद की गई थी.
अय्याश बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के इस आश्रम का संचालन गुरुमूर्ति नारायण करता था. इमारत के ग्राउंड और पहली मंजिल पर गुरुमूर्ति, उनका पुत्र सत्यनारायण और उसकी पत्नी रहती थी. गुरुमूर्ति का पूरा परिवार वीरेंद्र देव का भक्त है. इसी मकान की ऊपरी दो मंजिलें गुरुमूर्ति ने आश्रम को दान दे रखी थीं, जिसमें 21 महिलाएं अभी भी कैद में हैं.
एक एनजीओ द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में इस मुद्दे को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे. एक पीड़ित युवती ने कोर्ट से कहा था कि आश्रम में बहुत से ऐसे लोग हैं जो नाबालिग युवतियों का ब्रेनवॉश करते हैं. उनका यौन शोषण भी करते हैं. दो महीने से उसके साथ भी यौन शोषण किया जा रहा था.