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जीएसटी में 7.32 करोड़ का एक और फर्जीवाड़ा

फर्जी दस्तावेज के सहारे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का बिल बनाने और उसके आधार पर खरीद-बिक्री करने के नए-नए मामले सामने आते जा रहे हैं। ताजा मामला टेल्को क्षेत्र से जुड़ा है, जहां पीके ट्रेडर्स ने ना केवल फर्जी बिल बनाकर सामानों की खरीद-बिक्री की, बल्कि उसके आधार पर खरीदारों ने लगभग 7.32 करोड़ रुपये इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का सरकार पर दावा भी ठोक दिया। झारखंड राज्य कर विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल के संयुक्त आयुक्त संजय कुमार प्रसाद ने बताया कि बिल भुगतान करने के लिए जब विवरणों का मिलान किया गया, तो पीके ट्रेडर्स का नाम-पता सब फर्जी मिला। इसके बाद जमशेदपुर अंचल की ओर से टेल्को थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। संयुक्त आयुक्त ने बताया कि इसे मिलाकर अब तक जमशेदपुर प्रमंडल में जीएसटी फर्जीवाड़े के विभिन्न थानों में पांच मामले दर्ज कराए जा चुके हैं, जिसमें लगभग 65 करोड़ 26 लाख रुपये का चूना सरकार को लगाने की कोशिश की गई है। जिला पुलिस इस मामले में तत्परता से काम कर रही है। झारखंड में 51 करोड़ के बाद छह करोड़ का नया जीएसटी फर्जीवाड़ा यह भी पढ़ें पुलिस के साइबर एक्सपर्ट विभिन्न कागजातों के आधार पर जांच-पड़ताल कर रहे हैं, उम्मीद है कि देर से ही सही सभी आरोपित पकड़े जाएंगे। साइबर सेल इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर चुका है। उम्मीद है इसका परिणाम सामने आयेगा। इसके लिए विशेषज्ञों के एक दल का गठन किया गया है। अब तक का फर्जीवाड़ा 26 मई : कंचन एलाय एंड स्टील, जुगसलाई (मनोज पारिख): 14 करोड़ 28 मई : कृष्णा इंटरप्राइजेज, बिरसानगर (अंकित शर्मा) : 37.16 करोड़ 8 जून : महिंद्रा ट्रेडर्स, बर्मामाइंस : 1.05 करोड़ 8 जून : शाकंभरी मेटालिक्स एंड एलाय, जुगसलाई : 5.73 करोड़ 9 जून : पीके ट्रेडर्स, टेल्को : 7.32 करोड़

फर्जी दस्तावेज के सहारे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का बिल बनाने और उसके आधार पर खरीद-बिक्री करने के नए-नए मामले सामने आते जा रहे हैं। ताजा मामला टेल्को क्षेत्र से जुड़ा है, जहां पीके ट्रेडर्स ने ना केवल फर्जी …

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जानिए, क्यों ये अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर अपने देश के PM से मंगवाना चाहता है सार्वजनिक माफी

स्पेन के गोलकीपर डेविड डी गिया देश के प्रधानमंत्री प्रेडो सांचेज से नाराज हैं और वह चाहते हैं कि सांचेज सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। साल 2016 में यूरो चैंपियनशिप के दौरान यौन उत्पीड़न मामले में डेविड का नाम शामिल था, जिस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताने से इनकार किया। स्पेन के प्रधानमंत्री पिछले सप्ताह राष्ट्रीय फुटबाल टीम से मिले थे। उन्होंने इस दौरान व्यक्तिगत रूप से डेविड से माफी मांग कर इस मुद्दे को खत्म करने की कोशिश की थी। डेविड ने पहले भी यौन उत्पीड़न मामले में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का सबूत नहीं मिला। प्रधानमंत्री सांचेज ने यह कहा कि डेविड को सहज महसूस नहीं हो रहा है, क्योंकि वह यूरो-2016 स्पेन के गोलकीपर थे। ‘डियारियो एएस’ के हवाले से डेविड ने कहा, 'मैंने शांत रूप से उनकी माफी ले ली थी। उन्होंने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से बताया था और इसीलिए मुझे लगता है कि उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।' डेविड ने कहा, 'इस देश में अन्य लोगों के बारे में बात करना आसान है। मैंने हमेशा कहा है कि यह सब झूठ है और उसके बावजूद लोगों ने यह कहा कि मुझे राष्ट्रीय टीम में नहीं जाना चाहिए।' बकौल डेविड, 'अंत में चीजें साबित हो गई हैं और हमने देखा है कि यह सब झूठ था। इस मुद्दे ने निजी तौर पर मुझ पर कोई प्रभाव नहीं डाला, लेकिन निश्चित तौर पर कई लोग हैं, जो मेरे करीब हैं। जो इस मुद्दे से मुझसे कई अधिक प्रभावित हुए।'

स्पेन के गोलकीपर डेविड डी गिया देश के प्रधानमंत्री प्रेडो सांचेज से नाराज हैं और वह चाहते हैं कि सांचेज सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। साल 2016 में यूरो चैंपियनशिप के दौरान यौन उत्पीड़न मामले में डेविड का नाम शामिल …

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छोटा समझ के ना टकराना, एक नन्‍हें सांप ने ये कह कर दूसरे विशालकाय सांप को हरा कर दिखाया

वैसे तो आपने गाना सुना होगा कि छोटा बच्‍चा समझ के हमसे ना टकराना रे, पर यहां बात बच्‍चे की नहीं एक छोटे सांप की हो रही है जिसने अपने से बड़े और दमदार सांप को पटखनी दी। आमतौर पर देखा जाता है कि बड़े सांप, छोटे सांपों पर भारी पड़ते हैं और उनको निगल भी जाते हैं, लेकिन हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक छोटा 3 फुट का सांप अपने से बड़े करीब 5 फुट के सांप से भिड़ा हुआ है और आखिर में उसकी गर्दन पकड़ कर मात दे देता है। ऐसा था नजारा ओडीशा सन टाइम्‍स की एक खबर के अनुसार हाल ही में ओडिशा के कोरापुट जिले से सांपों की लड़ाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक छोटे से ट्रिंकेट सांप ने बड़ी बहादुरी से एक जहरीले सांप पायटेस म्यूकोसा जिसे भारतीय रैट स्‍नेक के तौर पर जाना जाता है, पर हमला किया। ये 5 फुट का बड़ा सांप अपने से छोटे गैर विषैले ट्रिंकेट को अपना भोजन बनाने के प्रयास में था। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि रैट स्‍नेक की कोशिश को नाकाम करते हुए टिंकेट ने चालाकी दिखाते हुए अपनी रक्षा कर ली। इस मजेदार जंग की खबर का वीडियो स्‍थानीय समाचार चैनलों पर भी दिखाया गया। सर काटने के बाद भी सांप के डसने से मरते मरते बचा एक शख्‍स यह भी पढ़ें जीव संरक्षकों की वजह से बची जान पता चला है कि इस लड़ाई के प्रत्‍यक्षदर्शियों ने जीव संरक्षण के कार्यकर्ताओं को इस बारे में सूचना दी। पहले तो वे लोग भी इस नजारे को देख कर आश्‍चर्यचकित हो गए। इसके बाद उन्‍होंने भी इस लड़ाई को कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया। इन लोगों का भी यही कहना था कि ऐसा पहली बार देखा गया है कि कोई छोटा सांपअपने से इतने बड़े सांप को काबू कर ले। बाद में दोनों सांपो छुड़ाकर अलग कर दिया गया। प्रत्‍यक्षदर्शियों के अनुसार छोटा सांप बेहद फुर्तीला था और उसने बड़ी चतुराई से रैट स्‍नेक की गर्दन पकड़ ली थी। यदि थोड़ी देर और दोनों की लड़ाई चलती और उन्‍हें अलग ना किया जाता तो बड़े सांप की जान जाना तय था।

वैसे तो आपने गाना सुना होगा कि छोटा बच्‍चा समझ के हमसे ना टकराना रे, पर यहां बात बच्‍चे की नहीं एक छोटे सांप की हो रही है जिसने अपने से बड़े और दमदार सांप को पटखनी दी। आमतौर पर …

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झारखंड में डॉक्टर को महंगा पड़ा सरकार के विरुद्ध लिखना, दो वेतन वृद्धि पर रोक

राज्य ब्यूरो, रांची। एक सरकारी डॉक्टर को झारखंड सरकार की लागू स्थानीय नीति सहित विभिन्न नीतियों का विरोध करना महंगा पड़ा। राज्य सरकार ने इसे सरकारी सेवक के कृत्य के विरुद्ध मामला मानते हुए कार्रवाई का निर्णय लिया है। उसे निंदन की सजा देने तथा दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी किया जाएगा। पाकुड़ के बेलडांगा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डॉ. हांसदा एस. शेखर ने 2016 में ही एक अंग्रेजी अखबार में एक आलेख लिखा था। इसमें राज्य सरकार की स्थानीय नीति का विरोध किया गया था। बताया जाता है कि इस आलेख में स्थानीय नीति के अलावा मुख्यमंत्री रघुवर दास के बारे में भी टिप्पणी की गई थी। जब यह मामला राज्य सरकार के संज्ञान में आया तो कार्मिक विभाग ने यह कहते हुए कार्रवाई की अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग से की कि सरकारी सेवक होने के नाते वह सरकार की नीतियों की आलोचना नहीं कर सकते। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई का निर्णय लिया। मोदी ने पीएम आवास लाभुकों से की बात, झारखंड की रानीमिस्त्री की तारीफ की यह भी पढ़ें विभागीय जांच पदाधिकारी ने उक्त डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा, जिस पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद विभागीय जांच पदाधिकारी ने कार्रवाई की अनुशंसा विभाग से की। सरकारी सेवक आचार नियमावली के तहत कार्रवाई डा. हांसदा के विरुद्ध कार्रवाई सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 के प्रावधानों के तहत की जा रही है। इस प्रावधान में कहा गया है कि कोई सरकारी सेवक सेवा में रहते हुए सरकारी नीतियों की आलोचना नहीं कर सकता।

राज्य ब्यूरो, रांची। एक सरकारी डॉक्टर को झारखंड सरकार की लागू स्थानीय नीति सहित विभिन्न नीतियों का विरोध करना महंगा पड़ा। राज्य सरकार ने इसे सरकारी सेवक के कृत्य के विरुद्ध मामला मानते हुए कार्रवाई का निर्णय लिया है। उसे …

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रांची में बवाल के दौरान दारोगा को उपद्रवियों ने दौड़ाकर पीटा, वर्दी फाड़ी

जागरण संवाददाता, रांची। भाजयुमो की मोटरसाइकिल जुलूस में नारेबाजी के विरोध में रविवार को असामाजिक तत्वों का उपद्रव डेली मार्केट थाने के सामने दिखा। भाजयुमो कार्यकर्ताओं व पुलिस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था। वाहनों में तोड़-फोड़ की गई थी। जुलूस के स्कॉट में शामिल पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया। जिसे मौका मिला उसी ने लाठी व डंडे से पीटा। इसका वीडियो सोमवार को वायरल हो गया। वीडियो में लोअर बाजार थाने में पदस्थापित दारोगा अनिल कुमार गुप्ता की पिटाई करते हुए उपद्रवी दिख रहे हैं। उनकी मोटरसाइकिल गिरा दी गई थी। उन पर लाठी और डंडे भी बरसाए गए। वर्दी भी फाड़ डाली। दारोगा अनिल कुमार किसी तरह वहां से जान बचाकर भागे। इससे पहले भाजयुमो कार्यकर्ताओं को भी भीड़ में शामिल लोगों ने लाठी-डंडों और लात घूंसों से मारा। भीड़ से बचने के लिए कार्यकर्ताओं को मौके से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। भागने के दौरान उनकी बाइक को एक व्यक्ति लेकर भाग रहा था। भागने के दौरान बाइक को किसी परिचित ने रोक कर सुरक्षित रखवाया। वायरल वीडियो के माध्यम से पुलिस मारपीट करने वालों की पहचान करने में जुटी है। वीडियो वायरल होने के बाद दारोगा अनिल कुमार ने एफआइआर दर्ज कराने के लिए डेली मार्केट थाने में आवेदन दिया है। नाबालिग को पीटते हुए थाने ले गया दारोगा, थानेदार ने लगाई फटकार यह भी पढ़ें दारोगा को गिराकर चप्पल खोलकर मारा, चाभी खींची वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि दारोगा को पहले एक उपद्रवी ने बाइक से खींच कर गिरा दिया। इसके बाद चप्पल खोलकर मारी। इसके बाद दूसरे व्यक्ति ने बाइक की चाभी खींच ली। इसके बाद बाइक लेकर वहां से भागने लगा। हालांकि बाइक को किसी तरह चोरी होने से बचाया गया। डेली मार्केट थाने में तीन एफआइआर, 1000 बने आरोपित मेन रोड में हुए बवाल मामले में डेली मार्केट थाने में तीन अलग-अलग एफआइआर दर्ज किए गए हैं। तीनों एफआइआर में चार नामजद समेत 1000 लोगों को आरोपित बनाया गया है। नामजद आरोपितों में मोहम्मद रफीक के ही नाम का खुलासा किया गया है। उसकी तलाश में छापेमारी भी शुरू कर दी गई। वहीं, अज्ञात आरोपितों की तलाश की जा रही है। नौकरी दिलाने के नाम पर दारोगा से भी ठग लिए सात लाख यह भी पढ़ें पहली एफआइआर लोअर बाजार थाने में पदस्थापित दारोगा अनिल कुमार गुप्ता ने दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि एसएसपी के निर्देश पर भाजयुमो की जुलूस की सुरक्षा में लगे थे। सुरक्षा के दौरान जुलूस और समुदाय विशेष के लोगों के बीच झड़प हो गई। झड़प के दौरान दारोगा वहां पहुंचे तो उनपर हमला कर दिया गया। वर्दी फाड़ डाला गया। दारोगा से मारपीट मामले में चार आरोपितों को नामजद और करीब 50 अज्ञात को आरोपित बनाया गया है। जानें, किसने क्या कहा मैं अकेला था मेरे पास पिस्टल नहीं था, मुझे निहत्था देखकर मुझ पर हमला किया गया। मैंने किसी तरह अपनी जान बचाई, मेरी वर्दी फाड़ दी गई। मैंने घटना की जानकारी तुरंत वरीय अधिकारियों को दी, जब तक अतिरिक्त बल मौके पर पहुंचा तब तक उपद्रवी भाग चुके थे। - अनिल कुमार गुप्ता, सब इंस्पेक्टर लोअर बाजार थाना। --- नामजद आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है। अज्ञात लोगों की पहचान की जा रही है। पहचान होने के साथ ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस किसी भी स्थिति में अमन-चैन को बिगड़ने नहीं देगी। इसमें शहर के लोगों का सहयोग भी जरूरी है। -अमन कुमार, सिटी एसपी, रांची।

जागरण संवाददाता, रांची। भाजयुमो की मोटरसाइकिल जुलूस में नारेबाजी के विरोध में रविवार को असामाजिक तत्वों का उपद्रव डेली मार्केट थाने के सामने दिखा। भाजयुमो कार्यकर्ताओं व पुलिस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था। वाहनों में तोड़-फोड़ की गई थी। …

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25 साल तक एक बेगुनाह को जेल में रखने के बाद 1 करोड़ डॉलर का मुआवजा दे कर किया रिहा

बेकसूर को 25 साल की जेल समाचार एजेंसी आईएनएस की खबर के अनुसार एक व्‍यक्‍ति को अमेरिका की जेल में 25 साल बिताने के बाद बेगुनाह पाया गया। खबरों की माने तो ये मामला अमेरिका में पेंसेलवेनिया राज्‍य के फिलाडेल्फिया शहर में पिछले सप्‍ताह बुधवार को एक मामले की जांच के दौरान एक अनोखा फैसला सुनाया गया। ये केस अपने आप में एक रिकॉर्ड बताया जा रहा है। रिर्पोट में पता चला है कि एंथनी राइट नाम के एक व्‍यक्‍ति को 1991 में बलात्कार और हत्या के एक अपराध में बिना पेरोल के उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। बाद में डीएनए जांच में साबित हुआ कि राइट ने ये अपराध दरसल किया ही नहीं और वो बेकसूर है। मिलेगा भारी मुआवजा जांच की रिर्पोट देखने के बाद फैसला दिया गया कि राइट को फौरन रिहा किया जाए। इसके साथ ही उसे भारी भरकम मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया। इस आदेश में मुआवजे की राशि एक करोड़ रुपये तय की गई। हालाकि 25 साल की निर अपराध सजा काटने के बाद ये मुआवजा कितना मायने रखता है ये तो इसे भुगतने वाला ही बता सकता है। इस बीच पता चला है ऐसी जांच के बाद निर्दोष पाये जाने राइट अकेले नहीं है। गलती से मिले 1 डॉलर के लॉटरी टिकट ने बना दिया 31 करोड़ की मालकिन यह भी पढ़ें और भी हैं खराब जांच के शिकार इस बीच अमेरिका में आपराधिक जांच में डीएनए साक्ष्य को बढ़ावा देने वाले संगठन इनोसेंस प्रोजेक्ट के एक बयान से पता चला है कि इन हालात के शिकार होने वाले राइट पहले व्‍यक्‍ति नहीं हैं। उनके अनुसार पुलिस की खराब जांच प्रक्रिया के कई पीड़ित और भी हैं। ये भी दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने संभवत राइट को पहले से तैयार लिखित अपराध स्‍वीकार करने वाले कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मार पीट की धमकी देकर मजबूर किया था। इनोसेंस प्रोजेक्ट के अनुसारद राइट अमेरिका के 344वें ऐसे व्यक्ति हैं जो डीएनए जांच में निर्दोष निकले हैं।

बेकसूर को 25 साल की जेल  समाचार एजेंसी आईएनएस की खबर के अनुसार एक व्‍यक्‍ति को अमेरिका की जेल में 25 साल बिताने के बाद बेगुनाह पाया गया। खबरों की माने तो ये मामला अमेरिका में पेंसेलवेनिया राज्‍य के फिलाडेल्फिया …

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दिल्ली हाईकोर्ट ने वेबसाइट और केबल ऑपरेटर्स को फुटबाल मैचों का प्रसारण करने पर लगाई रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने वेबसाइट, केबल ऑपरेटर्स और इंटरनेट सेवा देने वालों समेत 160 इकाइयों पर सोनी से बिना लाइसेंस लिए अवैध तरीके से किसी भी रूप में 2018 फीफा विश्व कप के प्रसारण पर रोक लगा दी है. फुटबाल विश्वकप 14 जून से शुरू हो रहा है. बता दें कि सोनी को फुटबाल विश्वकप के प्रसारण का अधिकार मिला है. जज प्रतिभा एम सिंह ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क डिस्ट्रीब्यूशन इंडिया प्राइवेट लि. (सोनी) की याचिका पर यह अंतरिम निर्देश दिया. याचिका में यह आशंका जतायी गई थी कि केबल परिचालक और वेबसाइट कार्यक्रम के अनाधिकृत पारेषण में शामिल हो सकती हैं. कोर्ट ने इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और दूरसंचार विभाग (डीओटी) से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इंटरनेट सेवा प्रदाता उन वेबसाइट को ब्लॉक करें जो विश्वकप फुटबाल मैच का अवैध तरीके से प्रसारण कर सकती हैं और जिनके नाम कंपनी की याचिका में हैं. कोर्ट ने सभी 160 इकाइयों को सोनी की याचिका पर अपना रुख बताने के लिये तलब किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सितंबर की तारीख रखी है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने वेबसाइट, केबल ऑपरेटर्स और इंटरनेट सेवा देने वालों समेत 160 इकाइयों पर सोनी से बिना लाइसेंस लिए अवैध तरीके से किसी भी रूप में 2018 फीफा विश्व कप के प्रसारण पर रोक लगा दी है. फुटबाल विश्वकप …

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क्यों हो रहे हैं बैंक घोटाले? आज संसदीय समिति के सामने बताएंगे RBI गवर्नर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल आज संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. इस दौरान वह बैंकिंग धोखाधड़ी और बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बारे में अपना पक्ष रखेंगे. वित्त पर संसद की इस स्थायी समिति में …

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UPSC पास किए बगैर संयुक्त सचिव के लिए सीधी भर्ती पर विपक्ष ने साधा निशाना, येचुरी ने कहा ये ‘संघियों’ की भर्ती योजना है

यूपीएससी एग्जाम के बगैर संयुक्त सचिव स्तर पर सीधी भर्ती कराने के फैसले पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर करारा निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक स्तर पर संघियों की भर्ती कराने की कोशिश है. इसके जरिए यूपीएससी और एसएससी पास करने वाले कैंडिडेट का महत्व कम किया जा रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसलों के जरिए केन्द्र सरकार आरक्षण को भी खत्म करने की कोशिश कर रही है. येचुरी अलावा अन्य कई विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशासनिक विफलता का परिणाम है. उन्होंने कहा, "दस विभागों में वरिष्ठ स्तर पर नौकरशाही के पद ऐसे निजी लोगों के लिए खोलना जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास नहीं की है, ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशासनिक विफलता का परिणाम है."उन्होंने कहा कि यह खतरनाक परम्परा है और इससे केंद्र सरकार की नीतियों में पूंजीवादियों और धनाढ्यों का प्रभाव बढ़ने की संभावना है. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी सरकार के फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा देश भर में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कमी के कारण उत्पन्न जरूरतों को देखते हुए प्रयोग के तौर पर ये योजना लाई गई है. साल 2013 से 2017 को छोड़कर 1990 के दशक से एनडीए के सहयोगी रहे कुमार ने सिविल सेवाओं को कमतर करने के लिए कांग्रेसी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पहले कि सरकारों ने हमें इस स्थिति में छोड़ दिया है कि हमें प्रशासन की कई जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई आ रही है. विपक्ष की आलोचनाओं से इत्तेफाक नहीं रखते हुए केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में भी सीधी भर्ती की वकालत की और कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. मानव संसाधन राज्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से शैक्षणिक संस्थानों की क्षमता में सुधार आएगा. इस पर आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि सरकार प्रतिबद्ध नौकरशाही यानि कि डेडिकेटेड ब्युरोक्रेसी चाहती है, इसलिए बिना यूपीएससी के ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाने का फैसला लिया गया है. हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का कहना है कि हमें अभी और ब्यौरे के बारे में जानने की जरूरत है. देखते हैं कि हमारे अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले सरकार क्या जवाब देती है. उन्होंने कहा, ‘‘इस विज्ञापन को लेकर आशंका है. अगले कुछ दिनों में हम इस बारे में जवाब दे सकेंगे.’’राजनीति में आने से पहले नौकरशाह रहे कांग्रेस प्रवक्ता पी एल पुनिया ने आरोप लगाया कि सरकार सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े लोगों की भर्ती करने का प्रयास कर रही है.

यूपीएससी एग्जाम के बगैर संयुक्त सचिव स्तर पर सीधी भर्ती कराने के फैसले पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर करारा निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक स्तर पर संघियों की भर्ती कराने की कोशिश है. …

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RSS मानहानि मामले में आज कोर्ट में पेश होंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता की तरफ से दायर मानहानि के मामले में ठाणे की अदालत में पेश होंगे. राहुल गांधी इससे पहले भी इस मामले में पेश हो चुके हैं. राहुल गांधी ने एक रैली में महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था. ठाणे के भिवंडी की अदालत द्वारा आज की सुनवाई में कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ आरोप तय किए जाने की संभावना है. आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने मार्च 2014 में ठाणे की एक रैली में राहुल गांधी के बयान के बाद मानहानि का मामला दायर किया था. 'प्रोजेक्ट शक्ति' को लॉन्च करेंगे राहुल राहुल अदालत में पेशी के बाद मुंबई के लिए रवाना होंगे और साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण अभ्यास के तहत गोरेगांव के बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र में पार्टी के बूथ स्तर के 15,000 कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत करेंगे. राहुल इसके साथ ही 'प्रोजेक्ट शक्ति' को लांच करेंगे. इस पहल का मकसद कांग्रेस में दोतरफा संवाद (कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच) कायम करना है. इस परियोजना के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सूचीबद्ध किया जाएगा और फिर उन्हें पार्टी पदाधिकारियों की ओर से मुहैया कराए गए एक फोन नंबर पर एसएमएस भेजना होगा. पार्टी के बयान के मुताबिक, इस परियोजना से आंतरिक तौर पर संवाद का उचित प्रवाह सुनिश्चित हो सकेगा. इससे पार्टी कार्यकर्ता केंद्रीय नेतृत्व को अपने विचारों और सुझावों से अवगत करा सकेंगे. इससे उनका मनोबल बढ़ेगा. यह परियोजना राष्ट्रीय स्तर पर चलाई जाएगी और आज मुंबई में इसकी शुरुआत होगी.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता की तरफ से दायर मानहानि के मामले में ठाणे की अदालत में पेश होंगे. राहुल गांधी इससे पहले भी इस मामले में पेश हो चुके हैं. राहुल गांधी …

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