राज्य

सीएम योगी ने संत-महंत को दिलाया भरोसा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का करें इंतजार, राम मंदिर जरूर बनेगा

राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या के महंतों और संतों ने हुंकार भरी है। दो दिन पहले चेतावनी देने के बाद गुरुवार सुबह दिगंबर अखाड़े के प्रमुख महंत सुरेश दास अन्य संतों और पुजारियों संग सीएम योगी से मिलने के लिए लखनऊ पहुंच गए। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में महंतों ने राम मंदिर निर्माण जल्द शुरू करने की मांग उठाई। इस पर सीएम ने उन्हें मंदिर निर्माण और अयोध्या का विकास करने के लिए आश्वस्त किया है। बैठक में महंत ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के बयान को लेकर सीएम से नाराजगी भी जताई। बैठक के बाद मीडियो को संबोधित करते हुए महंत सुरेश दास ने बताया कि मुख्यमंत्री जी से हमने राम मंदिर निर्माण जल्द शुरू कराने और अयोध्या का विकास करने का मांग को लेकर मुलाकात की। हमारी सभी मांगों को सुनने के बाद सीएम योगी ने कहा है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। सुरेश दास ने बताया कि मुख्यमंत्री ने महंतों और संतों को आश्वस्त किया है कि मंदिर का निर्माण जरूर होगा और अयोध्या का भी विकास किया जाएगा। मीडिया ने जब महंत सुरेश दास से सवाल किया कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तो 2019 चुनाव में सिर्फ विकास को ही एजेंडा बताया है। उन्होंने तो कहा है कि मंदिर हमारा एजेंडा नहीं होगा..। इस इसके जवाब में महंत ने कहा कि मैं किसी नकवी को नहीं जानता, मैं सिर्फ भाजपा को जानता हूं। इसीलिए हम सीएम से मिलने आए हैं। उनके (नकवी) बयान को लेकर हमने सीएम से नाराजगी भी जताई है। सीएम से मिलने से पहले महंत सुरेश दास ने मीडिया से ये भी कहा कि मंदिर के मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो देखेंगे कि 2019 में हमें क्या करना है। जनआंदोलन की दी चेतावनी बता दें कि कि पांच जून को दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि 2019 से पूर्व राममंदिर का निर्माण नहीं शुरू हुआ तो लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार तय है। भाजपा राममंदिर के नाम पर ही राज कर रही है। आज केंद्र व प्रदेश में सरकार है, राष्ट्रपति भी भाजपा के हैं, अब राममंदिर नहीं बनेगा तो कब बनेगा। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार राममंदिर निर्माण का अपना वादा निभाए और इसके लिए लोकसभा में शीघ्र प्रस्ताव पेश करे। ऐसा न होने पर शीघ्र ही जनांदोलन किया जाएगा। अमर उजाला से बात करते हुए महंत सुरेश दास ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट पर हमें भरोसा है। हमें उम्मीद है कि निर्णय भी हमारे पक्ष में आएगा, लेकिन हम अब और इंतजार नहीं कर सकते। जिस मुद्दे पर भाजपा को सत्ता मिली उसे पूरा करने के लिए भाजपा क्या प्रयास रही है। पीएम मोदी लोकसभा में राममंदिर निर्माण का प्रस्ताव लाएं। जनता ने उन्हें राममंदिर निर्माण के लिए ही चुना था। यदि 2019 से पूर्व राममंदिर का निर्माण न शुरू हुआ तो संतों की अगुवाई में जनआंदोलन होगा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार सुनिश्चित होगी। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि राममंदिर निर्माण के लिए योगी सरकार तैयार है बस मोदी सरकार को ठोस कदम उठाना होगा।

लखनऊ- राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या के महंतों और संतों ने हुंकार भरी है। दो दिन पहले चेतावनी देने के बाद गुरुवार सुबह दिगंबर अखाड़े के प्रमुख महंत सुरेश दास अन्य संतों और पुजारियों संग सीएम योगी से मिलने …

Read More »

उप्र : सीतापुर में आदमखोर कुत्तों के काटने से घायल बच्चों से मिले सीएम

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को सीतापुर पहुंचकर पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद सीधे जिला अस्पताल पहुंचे. यहां भर्ती अमन और अभिषेक से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. यह दोनों बच्चे आदमखोर कुत्तों के हमले से घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री ने बच्चों के परिजनों से बात कर उन्हें भरोसा दिलाया कि इलाज में कोई कमी नहीं की जाएगी। उन्होंने अस्पताल स्टाफ को भी बेहतर इलाज करने का निर्देश दिया. उप्र : सीतापुर में आदमखोर कुत्तों के काटने से घायल बच्चों से मिले सीएम सीतापुर जिले के खैराबाद क्षेत्र के फिरोजपुर गांव निवासी अमन और मछरेहटा के गुरैनी गांव निवासी अभिषेक को आदमखोर कुत्तों ने नोचकर घायल कर दिया था। दोनों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. घायल बच्चों से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री उनका हालचाल लेने के बाद वहां से चले गए. इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिए जाने का कोई आश्वासन नहीं दिया

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को सीतापुर पहुंचकर पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद सीधे जिला अस्पताल पहुंचे. यहां भर्ती अमन और अभिषेक से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. यह दोनों बच्चे आदमखोर कुत्तों के हमले …

Read More »

मेरठ में नमाज पढ़ने को लेकर दो पक्षों में मारपीट, इलाके में फोर्स तैनात….

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में बुधवार को नमाज पढने को लेकर दो संप्रदायों के बीच जमकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में खूब मारपीट हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव को देखते हुए एहतियातन भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। आरोप है कि एक पक्ष के दर्जनों युवकों ने मौलाना और नमाजियों को पीट डाला। इस घटना से आक्रोशित दूसरे पक्ष ने भी उन पर हमला बोल दिया मेरठ में नमाज पढ़ने को लेकर दो पक्षों में मारपीट, इलाके में फोर्स तैनात घटना मेरठ के नौचंदी सेक्टर 3 स्थित पुराना मकबरा का है, यहां लोग नमाज अता करते हैं। रमजान के पूर्व रात्रि में लोग तरावीह की नमाज पढ़ने पहुंचे। तभी दूसरे सम्प्रदाय के लोगों ने उन्हें नमाज पढ़ने से मना किया। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में बहस होने लगी। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्ष में मारपीट शुरू हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी और फोर्स मौके पर पहुंच गए और स्थिति को संभाला। उपद्रवा कर रहे लोगों को भगाया। फिलहाल पुलिस इलाके के गणमान्य को बुलाकर मामले को हल करने की कोशिश कर रही है।वहीँ मामला कुछ सुधरते नजर आ रहा था कि तभी कुछ हिंदू संगठन के लोगों ने ऐलान कर दिया कि गुरुवार से मकबरे पर जागरण किया जाएगा। इसके इलाके में तनाव का माहौल है। एतिहातन मकबरे पर पुलिस फोर्स तैनात की गई।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में बुधवार को नमाज पढने को लेकर दो संप्रदायों के बीच जमकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में खूब मारपीट हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव को देखते हुए एहतियातन भारी पुलिस …

Read More »

दुबई में बैठे डी कंपनी के गुर्गे ने दी थी वसीम रिजवी के नाम की सुपारी

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में रॉ की मदद से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डी कंपनी के 5 शूटरों को गिरफ्तार किया था. जिसमें से 2 शूटरों ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि वे दुबई में डी गैंग के खास गुर्गे फारुख डेवडीवाला के संपर्क में थे. उसी ने वसीम रिजवी के कत्ल की सुपारी दी थी. दरअसल, 12 मार्च को रॉ के इनपुट पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी के बुलंदशहर से सलीम को गिरफ्तार किया था. जबकि 26 अप्रैल को मुजीर जिलानी को महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में सलीम और मुजीर ने खुलासा किया की वो दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला के संपर्क थे. फारुख ने ही सलीम और मुजीर को यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या करने की सुपारी दी थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि यूपी में सिर्फ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ही इनके निशाने पर नहीं थे, बल्कि शिव सेना के एक लोकल लीडर की हत्या की साजिश रची गई थी. और इन हत्याओं का मकसद यूपी में दंगे करवाना था. जिससे मौजूदा सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हों. दुबई में रची गई नापाक साजिश जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मार्च में ही रॉ को इनपुट मिला था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई डी गैंग के दुबई में बैठे 2 गुर्गों और एक पाकिस्तानी की मदद से भारत में सक्रिय स्थानीय अपराधियों को हायर कर रही है. वे किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. इंडियन एजेंसी ने इनपुट को डेवलप किया तो पता चला कि दुबई में बैठे डी गैंग के गुर्गे फारुख डेवड़ीवाला, सईद उर्फ सैम और एक पाकिस्तानी नागरिक खैय्याम को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हिंदुस्तान को दहलाने का जिम्मा दिया है. इंडियन एजेंसी ने दुबई पुलिस को इन तीनों की ख़बर दी. जिसके बाद फारुख, सैम और पाक नागरिक खैय्याम को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया. दुबई में तीनों ने यूपी के शिया बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी समेत लोकल शिव सेना के लीडर को टारगेट कर दंगे भड़काने की साजिश का खुलासा किया. साथ ही भारत में मौजूद और काम को अंजाम देने वाले सहयोगियों के नाम का खुलासा भी किया. रॉ ने इस इनपुट को तुरंत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल से शेयर किया. जिसके बाद 12 मार्च को सलीम, आरिफ और अबरार को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया. एक शख्स को हरियाणा से पकड़ा गया, जो इनको हथियारों की सप्लाई करने वाला था. इसके बाद 26 अप्रैल को मुजीर को नासिक से गिरफ्तार किया गया. एनआईए ने भी पंजाब में लगातार आरएसएस के नोताओं की हत्या के मामले में जो चार्जशीट दायर की है, उसमें बताया गया है कि ISI कैसे लोकल क्रिमिनल्स को हायर करके इस तरह की वारदातों को अंजाम तक पहुंचा रही है. अंडरवर्ल्ड और आतंकी संगठन के कई मॉड्यूल का पर्दाफाश करने वाले दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड पुलिस अफसर अशोक चांद ने आजतक से बात करते हुए बताया कि आईएसआई ने इससे पहले साल 2001 में बाजपई सरकार के दौरान डी कंपनी के जरिए स्थानीय अपराधियों को हायर कर पत्रकार अनिरुद्ध बहल और तरुण तेजपाल की हत्या की साजिश रची थी. तब अशोक चांद और उनकी टीम ने ही इस केस पर वर्कआउट किया था. दरअसल दोनों पत्रकारों ने उन दिनों बीजेपी के अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण समेत कई नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन कर सनसनी फैली दी थी. चांद के मुताबिक आईएसआई एक साजिश के तहत दोनों पत्रकारों की हत्या करवाकर वाजपेयी सरकार को बदनाम करना चाहती थी.

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में रॉ की मदद से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डी कंपनी के 5 शूटरों को गिरफ्तार किया था. जिसमें से 2 शूटरों ने …

Read More »

राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या के संतों से मिले CM आदित्यनाथ

केंद्र और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार होने के बाद भी अयोध्या में राम मंदिर का मामला अभी साफ नहीं हो सका है. संत इस रवैये से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं और इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की. दिगंबर अखाडा के महंत सुरेश दास और स्थानीय विधायक वेदप्रकाश के नेतृत्व में संतों का एक दल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को उनके सरकारी आवास पर मिला. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद महंत सुरेश दास ने बताया कि 25 जून को योगी आदित्यनाथ अयोध्या आ रहे हैं और वहीं पर सारी बात की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि हम बीजेपी के साथ हैं. बीजेपी कम से कम राम मंदिर निर्माण करने में सहायता कर रही है, सरकार से हमारी कोई नाराजगी नहीं है. इससे पहले महंत परमहंस दास ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बीजेपी को 2019 में फिर से सत्ता में आना है तो उसे राम मंदिर बनवाना ही होगा. अगर वह ऐसा नहीं करती है तो हम बीजेपी के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे जो उसकी हार तय करेगी. राम मंदिर के अलावा साधु-संतों ने अयोध्या के चहुंमुखी विकास के एजेंडे को लेकर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से चर्चा की. मुख्यमंत्री के साथ संत अपने 3 खास एजेंडे के साथ मिलने आए थे. 3 खास एजेंडा संतों का पहला एजेंडा था कि कागजों में अयोध्या में सरयू नदी घाघरा के नाम से जानी जाती है इसलिए इसे रिकॉर्ड में भी सरयू किया जाए. उनका दूसरा एजेंडा था कि सरयू के पानी को राम की पैड़ी में अविरल बनाया जाए जो फिलहाल रुका हुआ है. इसके अलावा उनकी मांग है कि अयोध्या को इस तरह से विकसित किया जाए कि इसकी पहचान धर्म नगरी के रूप में हो. दिगंबर अखाडा के महंत सुरेश दास यूं तो हर महीने मुख्यमंत्री योगी से मिलने आते हैं और योगी भी अयोध्या जाते हैं तो महंत सुरेश दास के यहां जरुर जाते हैं, लेकिन आज अयोध्या से आए साधु संतों के मुलाकात को लेकर कयासबाजी लगनी शुरू हो गई

केंद्र और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार होने के बाद भी अयोध्या में राम मंदिर का मामला अभी साफ नहीं हो सका है. संत इस रवैये से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं और …

Read More »

करप्शन के आरोप पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन, एक साथ दो जिलों के DM सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यूपी सीएम ने गोंडा और फतेहपुर के डीएम को निलंबित कर दिया है. पिछले दो दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी की ये दूसरी बड़ी कार्रवाई है. मुख्यमंत्री ने गोंडा के डीएम जेबी सिंह, फतेहपुर के डीएम प्रशांत कुमार को निलंबित किया. बताया जा रहा है कि दोनों डीएम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप था. जेबी सिंह को खाद्यान अनियमितता और प्रशांत को सरकारी जमीन गलत तरीके से निजी व्यक्ति को देना का आरोप था. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब दो डीएम एक साथ निलंबित हुए है. एक दिन पहले भी की थी कार्रवाई आपको बता दें कि एक ही दिन पहले मंत्री अनुपमा जायसवाल के दो निजी सचिवों को भी हटाया गया था. अनुपमा जायसवाल के जिम्मे बाल विकास और पुष्टाहार मंत्रालय है और इनके निजी सचिवों पर ट्रान्सफर पोस्टिंग को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. कैराना और नूरपुर उपचुनाव में हार और सरकार के भीतर सहयोगियों के तेवर को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है. आखिर क्यों हटाया गया? जनपद गोंडा में सरकारी खाद्यान्न बांटने में गड़बड़ी और डीएम के स्तर पर अप्रभावी तथा अत्यधिक शिथिल नियंत्रण की वजह से न सिर्फ गोंडा के जिलाधिकारी बल्कि जिला आपूर्ति अधिकारी और जिला खाद्य विपणन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. साथ ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए गये हैं ताकि मिसाल स्थापित हो सके. दूसरी तरफ फतेहपुर में गेहूं खरीद में अनियमितताएं पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने फतेहपुर के जिलाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इस मामले में भी में एफ0आई0आर0 दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही योगी आदित्यनाथ ने दो जिलों के डीएम को बदल दिया था. जिसमें राजशेखर को बस्ती का जिलाधिकारी बनाया गया था, जबकि सहारनपुर की कमान आलोक पांडेय को दी गई थी. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों में योगी सरकार पर उनके ही साथियों ने सवाल उठाए हैं. हाल ही में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि अधिकारी पैसा तो लेते हैं लेकिन काम नहीं करते हैं. हाल ही में पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने भी योगी सरकार के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अपना फूडपार्क शिफ्ट करने की बात की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि इस सरकार में काम नहीं हो रहा है, सिर्फ फाइलें अटकाईं जा रही हैं. जिसके बाद यूपी सीएम ने खुद योगगुरु रामदेव और बालकृष्ण से बात की थी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यूपी सीएम ने गोंडा और फतेहपुर के डीएम को निलंबित कर दिया है. पिछले दो दिनों में भ्रष्टाचार के …

Read More »

सीएम के एक गलत फैसले से दिल्ली को 800 करोड़ से अधिक का घाटा, HC भी उठा चुका सवाल

मुफ्त पानी की योजना को दिल्ली सरकार भले ही अपनी बड़ी कामयाबी बताती रही है पर जल बोर्ड के खजाने पर इसका असर दिखने लगा है। स्थिति यह है कि जल बोर्ड को पानी आपूर्ति से होने वाली कमाई से अपने कर्मचारियों का वेतन निकालना मुश्किल हो रहा है। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत मिली जानकारी के अनुसार खर्च की तुलना में पानी आपूर्ति से राजस्व कम मिलने के कारण जल बोर्ड को दो साल में करीब 808 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है। इसका कारण सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का वेतन बढ़ना बताया गया है। जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस घाटे की भरपाई के लिए ही पानी की दरों में 20 फीसद की बढ़ोतरी की थी। फरवरी से लोगों के पास पानी का बढ़ा हुआ बिल पहुंच रहा है। आरटीआइ के जवाब के अनुसार 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक जल बोर्ड को एक पैसे का घाटा नहीं हो रहा था। इसके बाद वर्ष 2016-17 में 533 करोड़ व वर्ष 2017-18 में 275 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। इस बारे में जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वेतन बढ़ोतरी के बाद अचानक खर्च ज्यादा बढ़ गया, जबकि तीन सालों से पानी के बिल में बढ़ोतरी नहीं की गई थी। पहले हर साल पानी की दरों में 10 फीसद बढ़ोतरी का प्रावधान था। यदि हर साल 10 फीसद बढ़ोतरी होती तो यह स्थिति नहीं आती। यही वजह है कि इस बार पानी की दरों में 20 फीसद बढ़ोतरी की गई। इसके अलावा जल बोर्ड ने घाटे की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार से करीब 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट की मांग की थी। सरकार ने वर्ष 2017-18 में 200 करोड़ की सहायता राशि भी दी। यह राशि जल बोर्ड को मुफ्त पानी आपूर्ति के बदले सरकार से मिलने वाली सब्सिडी से अलग है। मुफ्त पानी पर दिल्ली हाईकोर्ट भी उठा चुका है सवाल दिल्ली हाईकोर्ट भी दिल्ली में मुफ्त पानी नीति को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना कर चुका है। हाईकोर्ट ने 24 मई को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। कार्यकारी मुख्य जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर की बेंच ने कहा था कि किसी को भी मुफ्त में कुछ नहीं दिया जाना चाहिए। 10 पैसा या 1 पैसा चार्ज करिए। वास्तव में जरूरतमंद लोगों के अलावा किसी को कुछ फ्री नहीं दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब वरिष्ठ वकील और एमिकस क्यूरी राकेश खन्ना ने इस मुद्दे पर अदालत के हस्तक्षेप की मांग की थी। दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील दयान कृष्णन ने मुफ्त पानी नीति का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि इसमें पानी का संरक्षण सुनिश्चित है क्योंकि मुफ्त इस्तेमाल के लिए 20 हजार किलो लीटर की सीमा है। हालांकि बेंचल ने कहा कि कई ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने तय सीमा से ऊपर अवैध तरीके से कई मंजिल बनवा ली हैं। ऐसे लोग भी मुफ्त पानी का लाभ ले रहे हैं जबकि वे इसका बिल चुकाने में सक्षम हैं। वहीं कोर्ट ने कहा कि अगर सिर्फ गरीब बस्तियों में रहने वाले लोगों को राहत मिलती तो समझा जा सकता था। अब मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।

मुफ्त पानी की योजना को दिल्ली सरकार भले ही अपनी बड़ी कामयाबी बताती रही है पर जल बोर्ड के खजाने पर इसका असर दिखने लगा है। स्थिति यह है कि जल बोर्ड को पानी आपूर्ति से होने वाली कमाई से …

Read More »

दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र शुरू, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर हो सकती है चर्चा

दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र बुधवार से शुरू हो गया है। विशेष सत्र के दौरान दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए चर्चा हो सकती है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया …

Read More »

गुरुग्रामः स्कूल में 7 साल के मासूम की हत्या करने वाले छात्र को 7 महीने बाद भी नहीं मिली जमानत

गुरुग्राम के भोंडसी स्थित नामी स्कूल में 8 सितंबर 2017 को सात साल के मासूम प्रिंस की हत्या करने वाले आरोपी छात्र भोलू को पंजाबा हरियाणा कोर्ट ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी छात्र भोलू की ओर से दायर की गई जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसका मतलब ये है कि 7 नवंबर को गिरफ्तार हुए आरोपी को आने वाला समय बाल सुधार गृह में ही गुजारना होगा। बता दें कि बीते साल गुरुग्राम के एक नामी स्कूल में 11वीं के एक छात्र ने सिर्फ इसलिए एक मासूम छात्र की हत्या कर दी थी क्योंकि वह परीक्षा और पीटीएम टालना चाहता था। इस मामले में पहले गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को आरोपी मानकर गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में ये केस सीबीआई के हाथ में जाने पर अशोक को इस मामले से बरी कर दिया गया और प्रिंस के ही स्कूल के 11वीं के छात्र भोलू को उसकी हत्या का आरोपी बनाया गया। भोलू को सीबीआई ने 7 नवंबर को गिरफ्तार किया था तब से ही वह बाल सुधार गृह में रह रहा है। आज उसकी जमानत याचिका रद्द होने के बाद आगे भी उसे वहीं रहना होगा। इस हत्याकांड के बाद पूरा देश में आक्रोश छा गया था। इसके बाद से ही सीबीआई ने स्कूलों के लिए कई नई गाइलाइन्स बनाईं।

गुरुग्राम के भोंडसी स्थित नामी स्कूल में 8 सितंबर 2017 को सात साल के मासूम प्रिंस की हत्या करने वाले आरोपी छात्र भोलू को पंजाबा हरियाणा कोर्ट ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी छात्र भोलू की …

Read More »

फर्जी एफआईआर करवाने वाले टिंकू सिंह को सीबीआई ने किया अरेस्ट

उन्नाव के माखी में रेप पीडि़ता के पिता पर मारपीट और आ‌र्म्स एक्ट की फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाले टिंकू सिंह को सीबीआई ने अरेस्ट कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी टिंकू सिंह ने पूछताछ में कुबूल किया है कि उसने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर यह फर्जी एफआईआर दर्ज कराई है. फर्जी मुकदमे के आधार पर हुई थी अरेस्टिंग खाने के शौकीन भी ले रहे पक्षियों की जान गौरतलब है कि रेप पीडि़ता के पिता को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर व उसके गुर्गो ने पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया था. जिसके बाद वह माखी थाने में एफआईआर दर्ज करवाने पहुंचा तो विधायक सेंगर के दबाव में पुलिस ने टिंकू सिंह की तहरीर पर मारपीट व आ‌र्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर उलटे उसे ही जेल भेज दिया था. लेकिन, वहां उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद हत्या का मुकदमा दर्ज कर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, भाई अतुल व उसके तीन साथियों को अरेस्ट कर लिया गया था. जबकि, घटना के बाद से टिंकू सिंह फरार चल रहा था. हालांकि, बाद में वह खुद ही सीबीआई दफ्तर पहुंचा था. विधायक के इशारे पर दर्ज कराई एफआईआर पत्नी ने खाना नहीं बनाया तो दे दी जान सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, टिंकू सिंह से कई राउंड चली पूछताछ के बाद उसने कुबूल किया कि विधायक सेंगर के कहने पर ही उसने पीडि़ता के पिता के खिलाफ मारपीट व आ‌र्म्स एक्ट की झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले की भी जांच कर रही सीबीआई ने मंगलवार को आरोपी टिंकू सिंह को रीजनल ऑफिस बुलाया और उसे अरेस्ट कर लिया. गौरतलब है कि इससे पूर्व सीबीआई इसी मामले में माखी थाने के पूर्व एसओ अशोक सिंह भदौरिया और दारोगा कामता प्रसाद सिंह को भी अरेस्ट कर चुकी है

उन्नाव के माखी में रेप पीडि़ता के पिता पर मारपीट और आ‌र्म्स एक्ट की फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाले टिंकू सिंह को सीबीआई ने अरेस्ट कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी टिंकू सिंह ने पूछताछ में कुबूल …

Read More »

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com