राज्य

अखिलेश यादव ने किया बड़ा ऐलान, लड़ेंगे यहाँ से लोकसभा चुनाव

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर बेहद सक्रिय समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज बड़ी घोषणा की है। अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में कन्नौज से लड़ेंगे। इसके …

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केंद्रीय मंत्री ने राहुल के बयान की निंदा और स्वीकारा फिटनेस चैलेंज

बहराइच। केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि देश की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। कांग्रेस सिमटकर चार राज्यों में रह गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के पीएम के योगाभ्यास पर किए गए कमेंट …

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शोरूम के लेडीज टॉयलेट में रिकॉर्डिंग मोड में था मोबाइल फोन, यूं खुला राज तो मचा हड़कंप

 इलेक्ट्रानिक्स रिटेल कंपनी विजय सेल्स के सेक्टर- 18 स्थित शोरूम के टॉयलेट में मोबाइल कैमरे से रिकार्डिंग हो रही थी। बुधवार दोपहर शोरूम में खरीदारी करने पहुंची एक महिला जब टॉयलेट गई तो उसकी नजर मोबाइल पर पड़ी। महिला फौरन वह …

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पीजी सेमेस्टर परीक्षा की एक कापी जांचेंगे तीन शिक्षक

लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) व डिग्री कॉलेजों में परास्नातक (पीजी) कोर्सेज की सेमेस्टर परीक्षा की एक-एक कापी को तीन-तीन परीक्षक मिलकर जांचेंगे। इसका मकसद मूल्यांकन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाना है। नए सत्र से पीजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन में यह बड़ा बदलाव किया जाएगा। इसके साथ ही अब परीक्षा प्रणाली में चरणबद्ध ढंग से बदलाव किए जाएंगे। लविवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि पीजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन में विद्यार्थी किसी भी तरह का सवाल न उठाएं इसके लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। एक ही कापी को तीन-तीन परीक्षक जांचेंगे तो निश्चित तौर पर गड़बड़ी होने की गुंजाइश नहीं रहेगी और मूल्यांकन के प्रति जवाबदेही भी तय होगी। केंद्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था होने के कारण कापी भी समय पर जांची जा सकेंगी। फिलहाल परीक्षा की कापियों की कोडिंग की व्यवस्था पहले ही लागू की जा चुकी है और कापियों का मुख्य पृष्ठ ओएमआर बेस्ड होने के कारण मूल्यांकन के बाद रिजल्ट तैयार करना आसान हो गया है। प्रो. एसपी सिंह के मुताबिक स्नातक में पूरी तरह सेमेस्टर प्रणाली लागू की जा चुकी है। ऐसे में अब इसमें एक सेमेस्टर की परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित और दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा लिखित होगी। फिलहाल अब परीक्षा प्रणाली में चरणबद्ध ढंग से बदलाव किए जा रहे हैं और आगे आने वाले समय पर पूरी व्यवस्था फूलप्रूफ होगी। मूल्यांकन के प्रति विद्यार्थियों का भरोसा और बढ़ेगा। जो कि शिक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है। इससे कॉपी जांचने की प्रक्रिया पर भी भरोसा बढ़ेगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) व डिग्री कॉलेजों में परास्नातक (पीजी) कोर्सेज की सेमेस्टर परीक्षा की एक-एक कापी को तीन-तीन परीक्षक मिलकर जांचेंगे। इसका मकसद मूल्यांकन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाना है। नए सत्र से पीजी सेमेस्टर परीक्षा की कापियों के …

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UPPCS मेंस 2017: परीक्षा पर रोक लगाने से SC का इनकार, तय समय पर होगी परीक्षा

सुप्रीम कोर्ट ने आज 18 जून से शुरू हो रही यूपी लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाअों के पुनर्मूल्यांकन के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा है।  जिसके बाद अब यह तय हो गया है कि अब यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा अपने निर्धारित समय 18 जून से ही शुरू होगी। धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य की याचिकाओं पर मंगलवार को न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई हुई थी जिसपर आज फैसला आया है। मालूम हो कि उप्र लोकसेवा आयोग से जनवरी 2018 में जारी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2017 के परिणाम को 120 याचियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचियों ने 14 प्रश्नों पर आपत्ति की थी जिसमें कोर्ट ने एक प्रश्न को रद करने व दो के उत्तरों में बदलाव कर आयोग को संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था। आयोग ने परिणाम तो संशोधित नहीं किया बल्कि शीर्ष कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर दी। जिस पर आयोग को कोर्ट से स्थगनादेश मिल गया और उसके बाद ही पीसीएस मुख्य परीक्षा कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। मुख्य परीक्षा 18 जून से है। धर्मेंद्र सिंह व अन्य ने शीर्ष कोर्ट में इसी को चुनौती दी है कि आयोग ने हाईकोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया। याचियों का कहना है कि उन सभी को एक या दो नंबर से पीछे रहने के चलते मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिला है, जबकि गलती आयोग की है और हाईकोर्ट ने भी इसे सही माना है। आयोग प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम संशोधित करते तो उन्हें भी मुख्य परीक्षा में शामिल करने का मौका मिल सकता है।   आयोग ने पीसीएस 2017 प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 19 जनवरी 2018 को जारी किया था। इसमें 677 रिक्तियों के सापेक्ष मुख्य परीक्षा के लिए 14032 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था। इसके साथ संशोधित उत्तरकुंजी भी जारी की गई थी। संशोधित उत्तरकुंजी में भी प्रश्नों के सही उत्तर न होने पर कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने आज 18 जून से शुरू हो रही यूपी लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाअों के पुनर्मूल्यांकन के लिए इलाहाबाद उच्च …

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फर्नीचार गोदाम में आग लगने से खलबली

कोतवाली थाना क्षेत्र के कोठापार्चा इलाके में बुधवार की रात फर्नीचर के गोदाम में भीषण आग लगने से खलबली मच गई। लपटें को बढ़ते देख अगल बगल की दुकानें खोली हो गई। खबर पाकर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। कोतवाली क्षेत्र के कोठापार्चा इलाके में रहने वाले अनूप कुशवाहा की घर के पास बाजार के बीच फर्नीचर की दुकान है। पीछे उन्होंने गोदाम बनाया है। गोदाम में तमाम फर्नीचर और लकड़ी, प्लाई भरी थी। शाम करीब साढ़े चार बजे अचानक गोदाम से धुंआ उठने लगा, आसपास के दुकानदारों की नजर गोदाम पर गई तो आग आग का शोर मचा। बाजार के लोग आग बुझाने की कोशिश करने लगे लेकिन लकड़ी में आग जल्द ही फैल गई। कुछ ही पलों में लपटें उठने लगीं। आग पूरे गोदाम में फैली तो बगल के दुकानदारों के होश उड़ गए। फायर ब्रिगेड को खबर मिली तो दो गाड़ियां पहुंच गई। व्यापारियों की भारी भीड़ जमा हो गई। कोतवाली पुलिस ने पहुंच रास्ता खाली कराया। दो दमकलों ने दो घंटे मशक्कत की तब आग पर काबू पाया जा सका। कोतवाली पुलिस के मुताबिक आग लगने का कारण फिलहाल साफ नहीं हो सका है। हालाकि यह जानकारी मिली है कि गोदाम मालिक हवन करने के बाद गोदाम में दीप जलाकर आए थे। ड्राई क्लीनर में फैली आग इलाहाबाद : जार्ज टाउन थाने से कुछ दूरी पर स्थित जेमिनी ड्राई क्लीनर नामक शॉप में मंगलवार की रात आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने भीषण रूप धारण कर लिया और सारा सामान जल गया। आसपास के घरों में धुआं घुसा तो लोगों की नींद खली। जार्जटाउन थाने की पुलिस ने फायर ब्रिगेड को सूचना देकर बुलाया। दमकल के पहुंचते पहुंचने दुकान में रखे सैकड़ों कपड़े खाक हो गए। दुकान महेवा पट्टी, नैनी के रहने वाले रमेश चंद्र कनौजिया के बेटे कुलदीप कनौजिया की है। कुलदीप इन दिनों मालवीय रोड जार्जटाउन में रहकर ड्राई क्लीनर चला रहा है। इंस्पेक्टर संतोष शर्मा ने बताया कि आग शार्ट सर्किट से लगी थी। हजारों का नुकसान हुआ है।

कोतवाली थाना क्षेत्र के कोठापार्चा इलाके में बुधवार की रात फर्नीचर के गोदाम में भीषण आग लगने से खलबली मच गई। लपटें को बढ़ते देख अगल बगल की दुकानें खोली हो गई। खबर पाकर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने …

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उत्तर प्रदेश में 11963 बेसिक शिक्षकों का एक से दूसरे जिले में तबादला

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के 11963 शिक्षकों की आखिरकार एक साल के लंबे इंतजार के बाद पसंदीदा जिलों में तबादले की मुराद पूरी हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सचिवालय एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन अंतर जिला तबादला प्रक्रिया का शुभारंभ किया। स्थानांतरित किये गए शिक्षकों में से 8918 प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक हैं, जबकि 3045 प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक हैं। मुख्यमंत्री ने स्थानांतरण की प्रक्रिया हर हाल में 30 जून तक पूरी करने का निर्देश दिया है। कहा कि जून के बाद कोई भी ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सचेत किया कि छुट्टी, ट्रांसफर पोस्टिंग आदि के लिए शिक्षकों का धनदोहन कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसी शिकायतें मिलनेे पर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इन जिलों से नहीं स्थानांतरित किए शिक्षक भदोही, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, इटावा, सुलतानपुर के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात किसी शिक्षक का तबादला नहीं किया गया है। वहीं चंदौली, मुजफ्फरनगर, संभल, रायबरेली, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, औरैया, सीतापुर, पीलीभीत, हरदोई, कुशीनगर, बदायूं, श्रावस्ती, कासगंज, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, सोनभद्र, शाहजहांपुर व लखीमपुर खीरी के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक भी अन्यत्र नहीं भेजे गए हैं। वजह यह है कि इन स्कूलों में शिक्षकों के 15 फीसद से ज्यादा पद खाली हैं। इनके अलावा प्रदेश के आठ एस्पिरेशनल जिलों-सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बलरामपुर से भी किसी शिक्षक को अन्य जिले में स्थानांतरित नहीं किया गया है। हालांकि इन जिलों में जाने के इच्छुक शिक्षकों का तबादला करने का निर्णय लिया गया है। 37396 शिक्षकों ने किया था ऑनलाइन आवेदन परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के ऑनलाइन अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया तय करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने 13 जून, 2017 को पहला शासनादेश जारी किया था। शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी, 2018 तक चली। इस समयावधि में कुल 37396 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की ओर से किये गए सत्यापन के बाद इनमें से 31513 आवेदन सही पाये गए।  वेटेज अंक के आधार पर हुए तबादले   अंतर जिला तबादले के लिए प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के 40766 तथा प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय व सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय के 6719 पद उपलब्ध थे। शासनादेश में दी गई व्यवस्था के अनुसार दिव्यांग/असाध्य/गम्भीर बीमारी/महिला अध्यापकों को उनकी सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के लिए वेटेज अंक प्रदान किये गए। वेटेज अंक के आधार पर शिक्षकों की सूची सार्वजनिक की गई।  कूटरचना रोकने को क्यूआर कोड की व्यवस्था पहली बार यह व्यवस्था की गई है कि स्थानांतरण आदेश क्यूआर कोड के साथ उपलब्ध होगा जिससे किसी प्रकार की कूटरचना की गुंजायश न रहे। आवेदनकर्ता शिक्षक द्वारा अपना स्थानांतरण आदेश पैन संख्या और बैंक खाता संख्या का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकेगा और उसकी प्रति डाउनलोड की जा सकेगी। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। जुलाई के पहले हफ्ते में बंट जाएं किताबें मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि परिषदीय स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को जुलाई के प्रथम सप्ताह में पुस्तकें, यूनिफॉर्म, जूते-मोजे आदि उपलब्ध करा दिये जाएं। गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने से पहले ग्राम पंचायत व ग्राम प्रधान के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाकर पूरे स्कूल की साफ-सफाई करा ली जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए तथा टॉयलेट आदि की भी साफ-सफाई करवा ली जाए। बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी पहले से ही कर ली जाए।

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के 11963 शिक्षकों की आखिरकार एक साल के लंबे इंतजार के बाद पसंदीदा जिलों में तबादले की मुराद पूरी हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सचिवालय एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों …

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दुष्कर्म के आरोपी नेता नीरज मिश्रा से समाजवादी पार्टी ने किया किनारा

समाजवादी पार्टी ने एटा में अपनी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष नीरज मिश्रा को पार्टी से बाहर कर दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा विधान परिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने नीरज मिश्रा को पार्टी से बाहर करने का आदेश जारी किया है। बहुजन समाज पार्टी से एटा के पटियाली से विधानसभा चुनाव लड़ चुके नीरज मिश्रा ने बाद में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। नीरज मिश्रा की पत्नी शशि मिश्रा पटियाली जनपद कासगंज की चेयरवूमेन हैं। शशि मिश्रा के पति नीरज मिश्रा को समाजवादी पार्टी से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण निष्कासित किया है। नीरज मिश्र के खिलाफ कासगंज के पटियाली थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज है। पीडि़ता ने कल लखनऊ में विधान भवन के सामने पति संग आत्मदाह की कोशिश की थी। कासगंज निवासी दुष्कर्म पीडि़ता ने कल पति संग विधान भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था। महिला का आरोप है कि समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष नीरज मिश्र ने नौकरी दिलाने के नाम पर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में उसने 2015 में कासगंज के पटियाली थाना में एक एफआइआर भी दर्ज कराई थी। इसके बाद भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने से आहत महिला पति संग आत्मदाह करने पहुंची थी। हजरतगंज पुलिस महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। महिला का आरोप है कि 11 सितंबर, 2015 को आरोपित नीरज मिश्र उसे नौकरी का झांसा देकर लखनऊ के एक होटल में लेकर गए थे। इस दौरान नीरज ने महिला को नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला के मुताबिक नीरज एक डिग्री कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं और बसपा सरकार में इलाहाबाद में उच्च शिक्षा आयोग के सदस्य भी रहे हैं। आरोपित की पत्नी सपा से पटियाली की नगर पंचायत अध्यक्ष हैं और वहीं के भागवत राष्ट्रीय इंटर कॉलेज की प्रबंधक हैं। आरोप है इसी कॉलेज में नौकरी दिलाने के लिए साक्षात्कार के बहाने लखनऊ लेकर आए थे, जहां महिला से दुष्कर्म किया गया। पीडि़ता ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपित बार-बार विवेचना स्थानांतरित करवा देता है। सपा सरकार में दबाव के कारण पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। वर्तमान सरकार में भी पहुंच के कारण आरोपित मामले को दबा रहा है। पीडि़ता ने कासगंज पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

समाजवादी पार्टी ने एटा में अपनी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष नीरज मिश्रा को पार्टी से बाहर कर दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा विधान परिषद सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने नीरज मिश्रा को पार्टी से बाहर करने का आदेश …

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सावधान! ट्रेन में सेल्फी लेने वालों पर सख्त रेलवे, जाना पड़ेगा जेल

ट्रेन के अंदर या रेल लाइन के किनारे सेल्फी ली तो छह माह के लिए जेल जाना पड़ सकता है। ट्रेन से गिरने या कटने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर रेलवे ने नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत पुलिस और चेकिंग स्टाफ को कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। कुछ माह पहले एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक युवक रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही ट्रेन के आगे सेल्फी ले रहा था। इसी दौरान ट्रेन आ गई और युवक की कटकर मौत हो गई थी। मामले को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने गंभीरता से लिया। सेल्फी की वजह से ट्रेन में या पटरियों पर कितनी मौतें हो चुकी हैं, इसकी रिपोर्ट तैयार कराई गई। इसमें यह बात सामने आई कि रेल प्रशासन द्वारा जागरूक करने के बाद भी चलती ट्रेन के अंदर, कोच के दरवाजे पर खड़े होकर, प्लेटफार्म के किनारे खड़े होकर या आती हुई ट्रेन के साथ सेल्फी लेने में लोग हादसे के शिकार हो रहे हैं। पिछले माह तक सेल्फी लेने वालों पर कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं था। लिहाजा आरपीएफ, जीआरपी और टीटीई ऐसे मामले में कार्रवाई नहीं कर पाते थे। अब रेलवे ने जुर्माना वसूलने के साथ जेल भेजने का प्रावधान किया है। रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पी श्रीनिवास की ओर से 22 मई को जारी पत्र में ट्रेन में सेल्फी लेने को अपराध की श्रेणी में शामिल करने की जानकारी दी गई है। छह माह की जेल या दो हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। आरपीएफ, जीआरपी और टीटीई कार्रवाई करेंगे। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है।

ट्रेन के अंदर या रेल लाइन के किनारे सेल्फी ली तो छह माह के लिए जेल जाना पड़ सकता है। ट्रेन से गिरने या कटने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर रेलवे ने नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत पुलिस …

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जी भरभर मनमानी-पाताल गया पानी, बढ़ी प्यास-सूखे कुएंजी भरभर मनमानी-पाताल गया पानी, बढ़ी प्यास-सूखे कुएं

सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाने वाले ऐतिहासिक इंदारा कुएं अब पूरी तरह से साथ छोड़ गए हैं। संकरी गलियों में मौजूद यह वह कुएं थे, जो पानी से हमेशा लबालब रहते थे। पाइप्ड वॉटर सप्लाई क्या शुरू हुई हमने इन प्राकृतिक कुओं को कूड़े से ही पाट डाला। नब्बे के दशक में तत्कालीन नगर विकास मंत्री लाल जी टंडन ने इन कुओं को पुनर्जीवित कर इनमें बोरिंग करा कर जलापूर्ति शुरू कराई। निजाम बदला और देखरेख के अभाव में कुएं फिर सूखने लगे। लगभग डेढ़ दशक पहले राजधानी में करीब 27 इंदारा कुओं से जलापूर्ति की जाती थी। दो-दो घटे सुबह-शाम जलकल विभाग इन पुराने कुओं से क्षेत्र में जलापूर्ति करता था। पानी मिला तो लालच भी बढ़ने लगा और कुओं से चार-पाच घटे आपूर्ति की जाने लगी। नतीजा यह हुआ कि जल स्तर नीचे जाने लगा, जिससे कुएं सूखने लगे। जलकल अभियंता बताते हैं कि कदम रसूल वार्ड के अशफाक उल्ला नगर में मौजूद कुआ महीने भर पहले तक लोगों की प्यास बुझा रहा था। जल स्तर नीचे गया तो कुएं से पानी छूट गया। आज आलम यह है कि पुनर्जीवित किए गए सभी कुएं सूख चुके हैं और इनमें लगे ताले प्यासे लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। राजधानी में कब्जों ने पी लिए कुएं और तालाब, खतरे में जल निकायों का अस्तित्व यह भी पढ़ें जलकल विभाग की पूर्व महाप्रबंधक राजीव बाजपेई कहते हैं कि इंदारा कुएं ज्यादातर संकरी गलियों या घनी आबादी के बीच थे। बड़े कुओं को इंदारा कहा जाता था। पुराने लखनऊ की तंग गलियों में मौजूद ऐसे कुओं को लोगों ने कूड़ा घर बना दिया था। कई जगह कब्जे भी हो गए थे। दरअसल यह कुएं ऐसे स्थानों पर थे जहा पानी की दिक्कत थी। जलकल द्वारा की जाने वाली सप्लाई यहा पहुंच नहीं पाती थी और नलकूप बनाने की जगह नहीं थी। ऐसे में इलाके में पानी के संकट को खत्म करने के लिए लालजी टंडन ने इनकी सफाई करा कर पुनर्जीवित कराने का काम शुरू किया। कुओं की सफाई कर उसमें बोरिंग की गई। आस-पास के 150-200 घरों तक कुएं से आपूर्ति होने लगी। धीरे-धीरे जल स्तर सरकने लगा। साथ ही लालच बढ़ा और कुओं से लगातार पानी लिया जाने लगा। जबकि कुओं में पानी रुक-रुक कर आता है। नतीजा यह हुआ कि कुएं सूखने लगे। जलकल विभाग जोन तीन के अवर अभियंता अरूण सिंह बताते हैं कि अशफाक उल्ला नगर में मोहन मीकिंस के पीछे बने इंदारा कुएं से तो बीते माह तक आपूर्ति की जा रही थी। लेकिन अब इसमें पानी नहीं है। इसी तरह पुराने शहर के विभिन्न इलाकों में मौजूद कुएं भी अब सूख चुके हैं। गोमती के पानी में आशिक सुधार : गोमती नदी में शारदा नदी का पानी मिलने से अब आशिक सुधार नजर आ रहा है। तीन दिन पहले हुई बारिश का पानी भी पीछे से गोमती से आने से नदी की गंदगी छंट गई है। मंगलवार को गऊघाट पंम्पिंग स्टेशन पर पानी की गुणवत्ता में सुधार नजर आया। जलकल महाप्रबंधक एसके वर्मा ने बताया कि मंगलवार को पानी की गुणवत्ता में कुछ और सुधार नजर आया है, लेकिन अभी गोमती नदी में गंदगी है, बस शारदा नदी और पानी का पानी गोमती नदी में मिलने से गंदगी कम हुई है। दो तीन दिन में और सुधार की संभावना है। गोमती नदी का लेबल कम होने और शारदा नदी का पानी न छोड़े जाने से ऐशबाग और बालागंज जलकल से होने वाली पेयजल आपूर्ति दूषित थी। पानी में झाग और बदबू आ रही थी। दो कौड़ी का निकला सवा करोड़ का पंप, पुराने इलाके में गहराया जल संकट- सामने आई ये खामिया यह भी पढ़ें संतोषी माता मंदिर कुंडरी में पानी पीने योग्य नहीं : बीते एक माह से कुंडरी रकाबगंज संतोषी माता मंदिर और आसपास क्षेत्र के लोग सीवर का बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। हाल यह है कि सुबह और शाम को लोग पानी के लिए दूरदराज लगी टंकियों और हैंडपंप से पीने के लिए पानी ढोने को मजबूर हैं। आलम यह है कि नल खोलते ही सीवर का बदबूदार पानी आने लगता है। शिवम अग्रवाल बताते हैं कि यहा पाइप लाइन क्षतिग्रस्त है जैसे ही पानी की आपूर्ति शुरू होती है। सीवर का गंदा पानी आने लगता है। यह रोज की समस्या है। पहले सुपरवाइजर रामकुमार सिंह आकर इसे साफ करा देते थे। अब यहा कोई झाकने नहीं आता है। करीब महीने भर से यह समस्या बनी हुई है। शिकायतों के बाद भी इस ओर किसी भी जिम्मेदार ने आने की जहमत नहीं उठायी है। अश्रि्वनी साहू बताते हैं कि डयूटी से आते ही पहले पानी ढोना शुरू किया जाता है उसके बाद अन्य काम। इसके स्थायी हल की बात कहते हुए आने वाले सुपरवाइजर इस्टीमेट बना इसे पूरी तरह दुरुस्त कराने का आश्वासन देते हैं, लेकिन बरसों पुरानी इस समस्या का आज तक स्थायी हल नहीं निकला है। राजाजीपुरम में दो माह से हो रही है दूषित जलापूर्ति : गोमती नदी का गंदा पानी तो दूषित जलापूर्ति का कारण है ही लेकिन राजाजीपुरम में दो माह से गंदा पानी नलों से आ रहा है। पानी में इतनी अधिक बदबू है, जिससे लगा रहा है कि उसमे सीवर मिल रहा है। जलकल के अभियंताओं से शिकायत के बाद भी कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है। राजाजीपुरम में ई-3947 व आसपास के घरों में दो माह से गंदा पानी नलों से आ रहा है। स्थानीय निवासी संगीता रस्तोगी ने बताया कि दो माह से गंदा पानी नल से आ रहा है। पानी पीना तो दूर दूसरे काम भी नहीं हो पा रहे हैं। इंदारा मतलब बड़ा कुआ : पतली लखौरी ईंटों से बने इंदारा कुएं ऐसे बड़े कुएं होते थे, जिनमें चार-पाच गरारी होती हैं। एक बार में पाच-छह लोग एक साथ पानी भर सकते थे। यह कहना है इतिहासविद योगेश प्रवीन का। वह बताते हैं कि गौसनगर में शिवाला के पास भी एक इंदारा कुआ था जो अब सूख चुका है। वह कहते हैं कि पुराने शहर में ऐसे बहुत से कुएं थे। इनके नाम से मुहल्लों के नाम तक पड़े जैसे लाल कुआ, छाछी कुआ, कंकड़ कुआ, घैला कुआ, भोलानाथ कुआ आदि। यहा हैं इंदारा कुएं : छोटा इमामबाड़े के पीछे चरक कुआ, मोहिनीपुरवा, हुसैनगंज, ऐशबाग पीले कालोनी, आइटी कालोनी ऐशबाग, राजकीय आइटीआइ अलीगंज, छपरतल्ला बड़ा चादगंज, डालीगंज इक्का स्टैंड, बरोलिया मनकामेश्वर मंदिर वार्ड, खदरा, कुम्हारन टोला, ठाकुर द्वारा, हसनगंज।

सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाने वाले ऐतिहासिक इंदारा कुएं अब पूरी तरह से साथ छोड़ गए हैं। संकरी गलियों में मौजूद यह वह कुएं थे, जो पानी से हमेशा लबालब रहते थे। पाइप्ड वॉटर सप्लाई क्या शुरू हुई हमने इन …

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