राजनीतिक विचारों का एक स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान जरूरी: नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम व नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को राजनीतिक दलों से जेलों में बंद सभी नेताओं की रिहाई के लिए एकजुट होने को कहा है।

पांच अगस्त, 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए महत्वपूर्ण बदलावों का जायजा लेने के लिए मेरा मानना है कि राजनीतिक विचारों का एक स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान जरूरी है। हम अभी भी ऐसे माहौल से कुछ दूर हैं, जहां इस तरह का राजनीतिक संवाद संभव हो।

उनके मुताबिक, मैं पूरी तरह से जानता हूं कि सैकड़ों कश्मीरी परिवारों की तुलना में मैं कहीं अधिक भाग्यशाली रहा हूं। मुझे घर पर नजरबंद कर दिया गया था और मेरे परिवार की मेरे पास पहुंच थी। कल जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने गया, तो उसे देखने के लिए मुझे अपने घर से एक किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी।

इससे पहले कि हम राजनीति को हमें विभाजित करने की अनुमति दें, मैं यहां सभी राजनीतिक नेताओं से अपील करता हूं कि वे जेलों में बंद लोगों की रिहाई के लिए एकजुट हों।

हम उन सभी को जल्द से जल्द जारी करना चाहते हैं, लंबित हैं कि उन्हें जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। यह एक मानवीय मांग है और मुझे आशा है कि अन्य लोग इस मांग को भारत सरकार के सामने रखने में मेरा साथ देंगे।

डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने करीब सवा सात माह बाद शनिवार को पहली बार अपने पुत्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। इस मौके पर उमर की मां और बहन समेत भांजा भी मौजूद था।

डॉ. फारूक और उमर को पांच अगस्त 2019 की तड़के ही प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की घोषणा के मद्देनजर एहतियातन हिरासत में लिया था।

फारूक को गुपकार रोड पर स्थित उनके मकान में ही बंदी बनाकर रखा गया था। जबकि उमर को घर से करीब दो किलोमीटर दूर हरि निवास में बंदी बनाया गया है। फारूक गत शुक्रवार को ही रिहा हुए हैं।

शनिवार की सुबह फारूक अपनी पत्नी मौली, बेटी साफिया अब्दुल्ला, भांजे अदीम और एक अन्य रिश्तेदार के साथ अपने बेटे से मिलने हरि निवास पहुंचे।

पूरे परिवार ने करीब एक घंटा साथ में बिताया। अपने पुत्र से मिलने के बाद फारूक काफी खुश नजर आए। बताया जा रहा है कि बाप-बेटे ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात, सियासत पर चर्चा करने के अलावा कई पारिवारिक मुद्दों पर भी बातचीत की है। इस दौरान उनके बीच हंसी मजाक भी होता देखा गया है।

राज्य गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फारूक ने शुक्रवार की शाम को ही आग्रह किया था कि वह अपने बेटे से मिलना चाहते हैं। उन्होंने सात माह से उसे देखा नहीं हैं। उनका यह आग्रह नियमों के आधार पर कबूल किया गया।

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