राष्ट्रीय

अब 30 मिनट पहले मिल जाएगा बादल फटने का अलर्ट जानिए

आने वाले दिनों में उत्तराखंड में बादल फटने से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा। अब न केवल बादल फटने की सटीक जानकारी मिल सकेगी, बल्कि 30 मिनट पहले अलर्ट भी जारी कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, ओलावृष्टि और तूफान को लेकर भी आधा घंटे पहले चेतावनी मिल जाएगी। मौसम विभाग ने राज्य के कुल 95 ब्लॉक में 107 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित किए हैं। ये स्टेशन नवंबर से काम करना शुरू कर देंगे। प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील प्रदेश में अक्सर मानसून सीजन बहुत भारी गुजरता है। इस दौरान ओलावृष्टि और बादल फटने की घटनाओं से जानमाल का भारी नुकसान होता है। इसी सीजन पर नजर डालें तो जून से सितंबर तक बादल फटने की दो दर्जन से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। इसमें सैकड़ों हेक्टेयर फसल तबाह होने के साथ ही कई मवेशियों की जान गई और करीब 100 से ज्यादा परिवार बेघर हुए। जबकि 500 से ज्यादा मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अब तक प्रदेश में 25 ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम हैं, लेकिन नए स्टेशन स्थापित होने से मौसम का सटीक पूर्वानुमान संभव हो पाएगा। इससे माइक्रो लेवल पर भविष्यवाणी करना आसान हो जाएगा। आयुष-यूजी में दाखिले की चाहत रखने वाले युवाओं की राह मुश्किल, जानिए क्यों यह भी पढ़ें उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को भी मौसम की रियल टाइम जानकारी मिलेगी और प्रदेश में खेती और बागवानी को भी इसका लाभ मिलेगा। हर 15 मिनट में मिलेगा रियल टाइम डाटा छात्रों और पर्यटकों को चरस बेचने जा रहे तीन युवक पुलिस ने दबोचे यह भी पढ़ें राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित करने के लिए मौसम विभाग ने राज्य सरकार के साथ एमओयू किया है। इन स्टेशन से मौसम विभाग को हर 15 मिनट में रियल टाइम डाटा मिलेगा। क्या है बादल फटना ट्यूशन से घर लौट रही छात्रा से दुष्कर्म, आपोरित फरार यह भी पढ़ें राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि किसी भी सीमित क्षेत्र मे जब एक घंटे में 100 मिमी या उससे अधिक बारिश होती है, तो इसे बादल फटना कहते हैं। इतनी अधिक बारिश किसी भी क्षेत्र में तबाही मचा सकती है। पहाड़ी क्षेत्रों में एक घंटे में 80-90 मिमी तक की बारिश भी तबाही ला सकती है।

आने वाले दिनों में उत्तराखंड में बादल फटने से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा। अब न केवल बादल फटने की सटीक जानकारी मिल सकेगी, बल्कि 30 मिनट पहले अलर्ट भी जारी कर दिया जाएगा।  इतना ही नहीं, …

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तमिलनाडू: पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में प्रदर्शन करेगी पीएमके

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने बुधवार को बताया कि वह ईंधन की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि के खिलाफ समूचे तमिलनाडु में पांच अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन करेगी. पार्टी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि पीएमके के संस्थापक नेता डॉक्टर एस रामदास …

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दिव्या स्पंदना ने दिया कांग्रेस के सोशल मीडिया हेड के पद से इस्तीफा: सूत्र

शादाब सिद्दिकी, नई दिल्ली: कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल की संयोजक दिव्या स्पंदना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, स्पंदना अब कांग्रेस की सोशल मीडिया संयोजक के पद पर काम नहीं करेंगी. सूत्रों का …

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बिहार: AK-47 उगल रहे हैं मुंगेर के नदी-नाले, जबरदस्त सर्च ऑपरेशन

बिहार के मुंगेर जिले में सर्च ऑपरेशन के दौरान अब तक 20 एके47 राइफल मिल चुकी हैं. इसके बाद भी वहां खोजी अभियान जारी है. पुलिस इस सर्च ऑपरेशन के दौरान गंगा नदी में मिलने वाले नालों को भी खंगाल रही है. ये सारी …

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CJI रंजन गोगोई ने पहले ही दिन जारी किया नया रोस्टर, खुद करेंगे ये काम

देश के नए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाला. बुधवार से ही CJI एक्शन मोड में दिखाई दिए. कार्यकाल के पहले ही दिन उन्होंने चुनाव सुधार से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया और वकील को फटकार लगाई. …

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प्रधानमंत्री मोदी को मिला ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ’ का खिताब

पर्यावरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज चैंपियंस ऑफ अर्थ के खिताब से सम्मानित किया. राजधानी दिल्ली में हुए कार्यक्रम में बुधवार को यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया. पीएम मोदी के अलावा ये अवॉर्ड फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो को भी दिया गया है. कुछ दिनों पहले ही UN की ओर से इस अवॉर्ड से ऐलान किया गया था. इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी वहां पर उपस्थित रहीं. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत हमेशा प्रकृति को मां के रूप में देखता है. उन्होंने कहा कि ये भारत के आदिवासी, किसान और मछुआरों का सम्मान है. इन सभी के लिए भी जीवन प्रकृति के अनुसार ही चलता है. PM ने कहा कि ये भारत की नारी का सम्मान है, जो पौधों का ख्याल रखती हैं. पीएम मोदी ने कहा कि क्लाइमेेट की चिंता जबतक कल्चर से नहीं होगी, इस समस्या को खत्म कर पाना मुश्किल है. हमने प्रकृति को सजीव माना है. पर्यावरण के प्रति भारत की संवेदना को आज विश्व स्वीकार कर रहा है, लेकिन ये हज़ारों वर्षों से हमारी जीवन शैली का हिस्सा रहा है. PM बोले कि आज देश में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस कार्यक्रम में कहा कि देश के लिए गौरव का दिन है. जब पेरिस समझौते से कुछ विकसित देशों ने बाहर निकलने की बात की, तब पीएम मोदी ने कहा था कि भारत ने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किसी दबाव में नहीं किया था. जब हमारी सरकार आई तो पीएम ने जलवायु परिवर्तन पर समिति बनाई थी, पूरी सभा दो भाग में बंट गई थी. एक तरफ पर्यावरण वाले और दूसरी तरफ विकास वाले थे. पर्यावरण वाले प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले विकास का विरोध किया. सुषमा ने कहा कि पीएम मोदी के विजन की वजह से ही 17.19 पैसे वाली ऊर्जा (सौर ऊर्जा) आज आम आदमी को 2 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से मिल रही है. यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो दुनिया को राह दिखा रहा है. पेरिस समझौता दुनिया के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ देश उसे पूरा नहीं कर रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत इसमें अगुवाई कर रहा है. यूनाइटेड नेशन के अनुसार, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को पर्यावरण के लिए वैश्विक समझौते करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2022 तक प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह खत्म करने की शपथ के लिए यह सम्मान दिया गया है. यहां क्लिक करें... इन कदमों के लिए PM मोदी को मिला 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड प्रधानमंत्री मोदी को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पैरवी के लिए अग्रणी कार्यों तथा 2022 तक एकल उपयोग वाली सभी तरह की प्लास्टिक को भारत से हटाने के संकल्प के कारण नेतृत्व श्रेणी में चुना गया है. वार्षिक ‘‘चैम्पियंस आफ अर्थ’’ पुरस्कार सरकार, सिविल सोसाइटी एवं निजी क्षेत्र में ऐसे असाधारण नेताओं को दिया जाता है जिनके कदमों से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

पर्यावरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज चैंपियंस ऑफ अर्थ के खिताब से सम्मानित किया. राजधानी दिल्ली में हुए कार्यक्रम में बुधवार को यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने प्रधानमंत्री को सम्मानित …

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मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में लगी भीषण आग, जानिए कैसे

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के फार्मेसी विभाग में आज सुबह अचानक भीषण आग लग गई. हादसे की सूचना के फौरन बाद दमकल की 10 गाड़ियों के सात राहत-बचाव दल के कर्मचारी पहुंचे. भारी संख्या में मौके पर पुलिस भी मौजूद है. अस्पताल में मरीज की संख्या अधिक होने की वजह से अफरातफरी मच गई. अब तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. View image on TwitterView image on Twitter ANI ✔ @ANI #Visuals: Firefighting operation underway at Kolkata Medical College and Hospital #Kolkata 9:16 AM - Oct 3, 2018 46 See ANI's other Tweets Twitter Ads info and privacy राहत-बचाव दल ने कम से कम 250 लोगों को आग के नजदीक वाले ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया है. कुछ मरीजों को अस्पताल के बाहर जमीन पर इंतजार करते हुए देखा गया. एक अग्निशमन अधिकारी ने कहा, "आग लगने की शुरुआत सुबह 7.58 बजे के आसपास एमसीएच बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर के एक मेडिकल स्टोर से हुई. आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है." उन्होंने कहा, "आग लगने की शुरुआत सुबह 7.58 बजे के आसपास मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर से हुई. आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है." पश्चिम बंगाल के अग्निशमन, इंजीनियरिंग, आवास और पर्यावरण मंत्री चटर्जी अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा, "किसी के घायल होने या हताहत होने की कोई खबर नहीं है." उन्होंने कहा, "वहां काफी धुंआ है. सभी मरीजों को वहां से निकाल लिया गया है. आग के स्रोत का पता लगाने के लिए दमकलकर्मी इमारत में मौजूद थे." प्रभावित इमारत के पर्यवेक्षक जयंता दास के अनुसार, विभिन्न विभागों के करीब 150 रोगियों को बचा लिया गया है.

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के फार्मेसी विभाग में आज सुबह अचानक भीषण आग लग गई. हादसे की सूचना के फौरन बाद दमकल की 10 गाड़ियों के सात राहत-बचाव दल के कर्मचारी पहुंचे. भारी संख्या में …

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एसी से लीक हुई गैस, एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत

एसी से गैस रिसने के बाद एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि सोमवार रात को तिरुवल्लुवर नगर में रहने वाले दंपति और उनका बेटा घर में सो रहे थे। इस दौरान रात को किसी समय एसी के खराब होने की वजह से उससे गैस रिसने लगी, जिससे तीनों की मौत हो गई। जब काफी देर तक घर के दरवाजे नहीं खुले तब पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची तो उन्हें तीनों के शव मिले। प्रारंभिक जांच के अनुसार रात में इलाके की बिजली चली गई थी। इस वजह से दंपति ने इनवर्टर चालू कर रखा था। आधी रात के बाद विद्युत आपूर्ति शुरू हो गई। एसी में गड़बड़ी के चलते गैस लीक हो गई जो तीनों की मौत की वजह बनी।

एसी से गैस रिसने के बाद एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है।  पुलिस ने बताया कि सोमवार रात को तिरुवल्लुवर नगर में रहने वाले दंपति और …

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आयुष्मान बोले भारत योजना में गड़बड़ी का खुलासा, सूची में यूपी के मंत्री का परिवार भी शामिल

आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) की अभी शुरुआत हुई है कि लाभार्थियों की लिस्ट में गड़बड़ी सामने आने लगी है. जरूरमंदों को इलाज में सहायता पहुंचाने के लिए शुरू इस योजना में मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को भी लाभार्थी बना दिया गया. यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना(Satish Mahana ) के पूरे परिवार को आयुष्मान योजना के लाभार्थी के तौर पर दर्शा दिया गया. जब यह बात मंत्री तक पहुंची तो उन्होंने अब पूरे परिवार का नाम योजना के लाभार्थियों की सूची से हटाने को कहा है. मंत्री का कहना है कि उन्हें नहीं मालुम कैसे उनका नाम जोड़ दिया गया, जबकि वह इस दायरे में नहीं आते हैं. https://mera.pmjay.gov.in वेबसाइट पर मौजूद लिस्ट के मुताबिक सतीश महाना परिवार के कुल छह सदस्य लाभार्थी के रूप में शामिल किए गए हैं. इसमें सतीश महाना, उनकी पत्नी अनीता महाना और करन महाना, राधिका, जाह्वनी तथा नेहा का नाम शामिल है. मंत्री के परिवार का नाम कानपुर नगर की लाभार्थियों की सूची में सरकारी मुलाजिमों ने शामिल किया है. 'आयुष्मान भारत' लॉन्च, PM मोदी बोले- सरकारी पैसे से चलने वाली इतनी बड़ी योजना दुनिया के किसी भी देश में नहीं यूं चेक करें आयुष्मान लाभार्थियों की सूची अगर आप योजना के तहत लाभार्थियों की लिस्ट देखना चाहते हैं तो आपको https://mera.pmjay.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा. फिर यहां संबंधित कॉर्नर- PM - Jan Arogya Yojana | Login पर जाकर अपना मोबाइल नंबर डालना होगा. फिर छह अंकों का ओटीपी नंबर मिलेगा. जिसे डालने के बाद आप संबंधित राज्य के ऑप्शन पर जाएं और फिर नामवार या फिर राशन कार्ड संख्या के हिसाब से नामों को ढूंढ सकते हैं. bv3abl08 आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की लिस्ट में शामिल मंत्री सतीश महाना का देखिए नाम क्या है आयुष्मान भारत योजना इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये की कवरेज देना है. इससे 10.74 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे. इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं. वैसे इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान कर दिया गया है. यह योजना लाभार्थियों को नकदी रहित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी. इससे अस्पताल में भर्ती होने पर आने वाले खर्च में कमी आएगी जो लोगों को और निर्धन बना देता है. p7hg8od यूपी के मंत्री सतीश महाना की प्रोफाइल. लाभार्थियों की सूची में भी पिता का नाम रामऔतार वर्मा ही है. इससे भयंकर स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान उत्पन्न वित्तीय जोखिम कम होगा. पात्र लोग सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आएंगी. नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों में ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों में 2.33 परिवार हैं. योजना का लाभ करीब 50 करोड़ लोगों को मिलेगा.एसईसीसी के डाटाबेस में वंचना के आधार पर पात्रता तय की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में वंचना की श्रेणियों (डी1,डी2,डी3,डी4,डी5, डी6 और डी7) के आधार पर लाभार्थियों की पहचान की गयी है. शहरी क्षेत्रों में 11 पेशवेर मापदंड पात्रता तय करेंगे. इसके अलावा जिन राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना है, उसके लाभार्थी भी इस नयी योजना के अंतर्गत आएंगे. इस योजना से 27 राज्य जुड़े हैं. दिल्ली, तेलंगाना और ओडिशा ने इस योजना से जुड़ने के लिये मना कर दिया है. योजना से 15000 अस्पताल जोड़े जाएंगे. अभी तक 13 हजार अस्पताल जोड़े गए हैं. माना जा रहा है कि भारत जैसे देश में जहां महंगी होती मेडिकल सेवाएं के बीच आम आदमी को गरीब बना रही हैं, यह योजना मोदी सरकार के लिये गेम चेंजर साबित हो सकती है.

 आयुष्मान भारत योजना की अभी शुरुआत हुई है कि लाभार्थियों की लिस्ट में गड़बड़ी सामने आने लगी है. जरूरमंदों को इलाज में सहायता पहुंचाने के लिए शुरू इस योजना में मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को भी लाभार्थी बना दिया …

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सीजीआइ जस्टिस गोगोई की 4 बड़ी चुनौती, इस पर टिकी है देश की निगाहें

देश के प्रधान न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्‍टूबर को सेवानिवृत्त हो गए। उनके उत्‍तराधिकारी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्‍ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई तीन अक्‍टूबर को यानी आज नए मुख्‍य न्‍यायाधीश का पदभार संभालेंगे। जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्‍तर भारत के पहले मुख्‍य न्‍यायधीश होंगे। जस्टिस गोगोई देश के 46वें प्रधान न्‍यायाधीश होंगे और 17 नंवबर, 2019 तक उनका कार्यकाल होगा। आइए जानते हैं कि बतौर सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस गोगोई के समक्ष क्‍या होंगी बड़ी चुनौतियां। इसके अलावा बतौर सुप्रीम कोर्ट के जज पिछले छह वर्षों के कार्यकाल में उन्‍होंने कई अहम फैसले दिए हैं। इसके चलते वह सुर्खियों में रहे साथ जस्टिस गोगोई के करियर का लेखा-जोखा। क्‍या है नए CJI के समक्ष नई चुनौतियां JAGRAN TOP TEN: टॉप न्‍यूज, आज इन बड़ी खबरों पर बनी हुई है नजर यह भी पढ़ें 1- नए सीजीआइ के समक्ष कामकाज की फेहरिस्‍त में सबसे ऊपर संवदेनशील अयोध्‍या विवाद का मामला है। इसे निपटाना उनके समक्ष एक बड़ी चुनौती होगी। देश के लिए यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर सबकी निगाहें होंगी। a- खास बात यह है कि अयोध्‍या मामले में 28 अक्‍टूबर को शीर्ष अदालत की तीन जजों की बेंच सुनवाई शुरू करने जा रही है। इस मामले में नए सीजेआइ गोगाेई को तीन बेंच के लिए जजों का ऐलान करना है। यह मामला पिछले आठ वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अक्टूबर से लागू हो रहे कई बड़े बदलाव, कहीं मिलेगी खुशी तो कहीं लगेगा झटका यह भी पढ़ें 2- पदभार ग्रहण करने के बाद नए सीजेआइ के समक्ष एक और बड़ी चुनौती न्‍यायिक कामकाज की भारी भरकम सूची को निपटाने की होगी। मौजूदा समय में करीब 3.30 करोड़ मामले लंबित पड़े हैं। 3- उनकी दूसरी सबसे बड़ी चुनौती करीब एक दशक से न्‍यायपालिका में जजों के खाली पदों को भरने की है। जजों की कमी के कारण चुनौतियां लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा जजों की नियुक्‍‍ित को लेकर न स‍िर्फ सुप्रीम कोर्ट बल्कि हाई कोर्ट में भी नियुक्तियां करना एक चुनौती होगी। खेल, गीत, कथा व अभिनय के माध्यम से पढ़ाएं संस्कृत: जुगरान यह भी पढ़ें 4- सीजेआइ के समक्ष एक और चुनौती होती है केंद्रीय बजट की। देश की न्‍याययिक संस्‍थाओं में बुनियादी ढांचे समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां बजट बढ़ाने की तुरंत चुनौती होगी। 2017-18 में केंद्रीय बजट का महज 0.4 फीसद ही न्‍यायिक व्‍यवस्‍था के लिए मिला है। सुर्खियों में रहे जस्टिस गोगाेई सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में जस्टिस रंजन गोगोई कई पीठों में शामिल रहे। इस दौरान उन्‍होंने कई अहम फैसले भी सुनाए हैं। 1- चुनाव के दौरान उम्‍मीदवारों की संपत्ति, शिक्षा व चल रहे मुकदमों का ब्‍यौरा देने के लिए ओदश देने वाली पीठ में जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल थे। एसी से लीक हुई गैस, एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत यह भी पढ़ें 2- मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी विज्ञापनों में केवल राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के प्रधान न्‍यायाधीश की तस्‍वीरें ही शामिल हो सकती हैं। इसका मकसद यह सुनिचित करना था कि राजनेता राजनीतिक फायदे के लिए करदाता के पैसे का बेजा इस्‍तेमाल नहीं कर सकें। इस फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर की गई थी, जिसमें गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की थी। 3- वर्ष 2016 में जस्टिस गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज मार्कंडेय काटजू को अवमानना का नोटिश भेजा था। जस्टिस काटजू ने अपने एक फेसबुक पोस्‍ट में सोम्‍या दुष्कर्म और हत्या मामले में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए फैसले की निंदा की थी। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को दुष्कर्म का दोषी करार दिया, लेकिन हत्‍या का नहीं। यह फैसला जस्टिस गोगोई की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने दिया था। अवमानना नोटिस के बाद जस्टिस काटजू सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और उन्‍होंने फेसबुक के पोस्‍ट के लिए माफी भी मांगी थी। जिसकी देखभाल में 40 दिन लगा रहा स्टाफ, उसे दो दिन से नहीं मिला इलाज यह भी पढ़ें 4- कोलकाता हाईकोर्ट के जज कर्णन को छह महीने की कैद की सजा सुनाई और असम में राष्‍ट्रीय नागरिकता रजिस्‍टर एनआरसी बनाने वाली पीठ में शामिल रह चुके हैं। जाटों को केंद्रीय सेवा से बाहर रखने वाली पीठ का भी हिस्‍सा रह चुके हैं जस्टिस गोगोई। कौन हैं रजंन गोगाेई इस खिलाड़ी ने सुलभ शौचालय में काटे जिंदगी के 12 साल, अब मिला सरकार से सम्मान यह भी पढ़ें जन्‍म : 18 नवंबर 1954 को असम के डिब्रूगढ़ में हुआ। शिक्षा : उनकी शुरुआती शिक्षा डॉन वास्‍को स्‍कूल में हुई। इंटरमीडिएट की पढ़ाई काटेन कॉलेज गुवाहटी से हुई । दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के सेंट स्‍टीफन कॉलेज से इतिहास में स्‍नातक की शिक्षा पूरी की। इसके बाद डीयू से कानून की डिग्री हासिल की। आधी रात 'किसान घाट' पर खत्म हुई किसान क्रांति पदयात्रा, UP-उत्तराखंड लौटने लगे लोग यह भी पढ़ें करियर : 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में बतौर वकील करियर की शुरुआत की। 28 फरवरी 2001 को गुवाहटी हाईकोर्ट का जज बनाया गया। इसके बाद 9 सितंबर 2010 को उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा होईकोर्ट में हो गया। 12 फरवरी 2011 को वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश के रूप में नियुक्ति हुए। इस पद पर वह करीब एक वर्ष तक रहे। 23 अप्रैल 2012 काे वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने।

देश के प्रधान न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्‍टूबर को सेवानिवृत्त हो गए। उनके उत्‍तराधिकारी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्‍ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई तीन अक्‍टूबर को यानी आज नए मुख्‍य न्‍यायाधीश का पदभार संभालेंगे। जस्टिस गोगोई इस पद …

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