अन्तर्राष्ट्रीय

SCO में चीन-पाक की मौजूदगी में आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे पीएम मोदी

चीन में आज से शुरू हो रहे दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रवाना हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में उज्‍बेकिस्‍तान, चीन और ताजिकिस्तान के प्रतिनिध‍ियों द्विपक्षीय …

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रिपोर्ट में खुलासा: चीन ने अमेरिकी नेवी की बेहद सीक्रेट जानकारी चुरा ली

चीनी सरकार के हैकर्स ने अमेरिकी नौसेना के कॉन्ट्रैक्टर से नई तरह की जहाज रोधी मिसाइल विकसित करने की गोपनीय योजना समेत समुद्र के नीचे युद्ध से संबंधित कई अति संवेदनशील जानकारियां चोरी कर ली है. ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ की …

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किम जोंग उन को व्हाइट हाउस आने का न्योता दूंगा: डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर सिंगापुर में 12 जून को होने वाली बैठक अच्छी रही तो वो उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन को व्हाइट हाउस आने का न्योता दे सकते हैं. साथ ही उन्होंने …

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सिंगापुर में बात बनी तो किम को व्हाइट हाउस आमंत्रित करूंगा: ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि किम जोंग उन के साथ सिंगापुर में होने वाली उनकी बैठक सफल होने जा रही है. यदि यह बैठक सफल हुई तो ट्रंप किम जोंग को अमेरिका आमंत्रित करेंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि यदि सिंगापुर वार्ता सफल रहती है तो वह किम जोंग उन को अमेरिका आने का न्योता देंगे. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हो सकता है कि अगली मुलाकात व्हाइट हाउस में हो.' ट्रंप ने पहली बार दी इफ्तार की दावत, मुस्लिम समुदाय से मांगा सहयोग बता दें, डोनाल्ड ट्रंप की सिंगापुर में 12 जून को किम जोंग उन के साथ बैठक होने वाली है. ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि उनके लक्ष्य पूरे नहीं होते हैं तो वह अब भी इस बैठक से पीछे हट सकते हैं जगह और दिन के बाद ट्रंप-किम की मुलाकात का वक्त भी मुकर्रर, दुनिया की नजर टिकी किम की ओर से पिछले सप्ताह ट्रंप को भेजी गई निजी चिट्ठी के बारे में ट्रंप ने कहा, ' पत्र सिर्फ अभिवादन था. यह सच में बहुत अच्छा था. मैं उसे सार्वजनिक करने की अनुमति प्राप्त कर सकता हूं. बेहद गर्मजोशी से भरा पत्र था.'

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि किम जोंग उन के साथ सिंगापुर में होने वाली उनकी बैठक सफल होने जा रही है. यदि यह बैठक सफल हुई तो ट्रंप किम जोंग को अमेरिका आमंत्रित करेंगे. अमेरिका के …

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हरियाणा में खिलाड़‍ियों को राहत, कमाई संबंधी विवादास्पद अधिसूचना पर रोक

रियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल ने खेल विभाग द्वारा जारी खिलाडियों की प्रोफेशनल खेल और विज्ञापन से कमाई जमा कराने की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। खेल विभाग ने कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता खिलाड़‍ियों के पुरस्‍कार विवाद के …

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अमेरिकी शख्स ने कबूला अपना गुनाह, मिली 50 साल की सजा

लोगों के शरीर में HIV वायरस फैलाने के मकसद से खुद को संक्रमित करने के मामले में अमेरिकी शख्स स्टीफन कोच ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. अमेरिका की एक अदालत ने बीते सोमवार को इस मामले में कोच को 50 साल की जेल सजा सुनाई. इसके अलावा यौन अपराधी के रुप में रजिस्टर्ड करने का भी आदेश दिया है. यह था आरोप अमेरिका के नॉर्थवेस्ट अरकंसास का रहने वाले 25 वर्षीय स्टीफन कोच पर जानबूझकर अपने शरीर में HIV वायरस ( जिससे एड्स होता है) फैलाने का आरोप था. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोच ने अदालत में खुद यह मान लिया है कि लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए उसने ऐसा किया.वहीं सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि कोच के कंम्प्यूटर को देखने के बाद यह भी संकेत मिले हैं कि उसने जानबूझकर अपने शरीर में HIV वायरस को फैलाकर वायरस स्टेटस के बारे में लोगों को गलत जानकारी दी. कोर्ट में क्या कहा कोच ने कोच ने सर्किट जज रॉबिन ग्रीन से कहा कि उन्होंने अन्य लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए खुद को वायरस से संक्रमित किया. इस बयान के बाद जज ग्रीन ने कोच को 50 साल की जेल की सजा सुनाई है और उसे यौन अपराधी के रुप में रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया है. तीन हफ्ते पहले ऐसा ही एक और मामला सामने आया था. यह मामला अमेरिका के मिसिसिपी इलाके के रहने वाले टायरोन रॉस का था. बीते 29 मई को रॉस को अस्पताल में उनके खिलाफ प्राप्त शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था.रॉस पर अपने पार्टनर समेत अन्य कई लोगों को एचआईवी वायरस से संक्रमित करने का आरोप है.

लोगों के शरीर में HIV वायरस फैलाने के मकसद से खुद को संक्रमित करने के मामले में अमेरिकी शख्स स्टीफन कोच ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. अमेरिका की एक अदालत ने बीते सोमवार को इस मामले में कोच …

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साउदी अरब: फैशन शो में मॉडल्स की जगह ड्रोन्स ने दिखाए डिजाइनर कपड़ें, देखें तस्वीरें

सऊदी अरब के प्रिंस सलमान द्वारा साउदी महिलाओं की आजादी के दायरे को बढाए जाने जैसी कोशिशों को जहां एक तरफ पंख मिलते दिख रहे है वहीं दूसरी तरफ कई मंचों पर इस आजादी की आलोचना भी हो रही है. इसी बीच यहां के जेद्दाह शहर में आयोजित हुए एक फैशन शो को सोशल मीडिया पर मजाक के तौर पर देखा जा रहा है. यहां महिलाओं के डिजाइनर कपड़ों को प्रदर्शित करने के लिए मॉडल्स के बजाए ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया. इस शो का एक वीडियो भी ट्वीट किया गया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्रोन्स कपड़े टांग कर सैकड़ों लोगों के बीच हॉल में उड़ान भर रहे है. इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स इसपर तरह तरह के कमेंट्स कर रहे है. एक ब्रिटिश समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में फैशन शो के ऑर्गनाइजर अली नबील अकबर ने कहा कि, 'खाड़ी देश में इस तरह का शो अपने आप में पहला था. इसकी तैयारी में दो हफ्ते का समय लगा. ड्रोन से कपड़े दिखाने का फैसला काफी अच्छा था, क्योंकि रमजान के महीने में यही सबसे बेहतर था. इसके लिए ऑर्गनाइजर्स को काफी सोचना भी पड़ा था.' हालांकि सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार इसी साल आयोजित हुआ फैशन शो भी विवादों का हिस्सा रहा था. ये इवेंट अपने कड़े नियमों की वजह से विवादों में आ गया था. इस शो में महिला मॉडल महिला दर्शकों के सामने ही परफॉम करने की इजाजत थी.सऊदी अरब के प्रिंस सलमान द्वारा साउदी महिलाओं की आजादी के दायरे को बढाए जाने जैसी कोशिशों को जहां एक तरफ पंख मिलते दिख रहे है वहीं दूसरी तरफ कई मंचों पर इस आजादी की आलोचना भी हो रही है. इसी बीच यहां के जेद्दाह शहर में आयोजित हुए एक फैशन शो को सोशल मीडिया पर मजाक के तौर पर देखा जा रहा है. यहां महिलाओं के डिजाइनर कपड़ों को प्रदर्शित करने के लिए मॉडल्स के बजाए ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया. इस शो का एक वीडियो भी ट्वीट किया गया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि ड्रोन्स कपड़े टांग कर सैकड़ों लोगों के बीच हॉल में उड़ान भर रहे है. इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स इसपर तरह तरह के कमेंट्स कर रहे है. एक ब्रिटिश समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में फैशन शो के ऑर्गनाइजर अली नबील अकबर ने कहा कि, 'खाड़ी देश में इस तरह का शो अपने आप में पहला था. इसकी तैयारी में दो हफ्ते का समय लगा. ड्रोन से कपड़े दिखाने का फैसला काफी अच्छा था, क्योंकि रमजान के महीने में यही सबसे बेहतर था. इसके लिए ऑर्गनाइजर्स को काफी सोचना भी पड़ा था.' हालांकि सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार इसी साल आयोजित हुआ फैशन शो भी विवादों का हिस्सा रहा था. ये इवेंट अपने कड़े नियमों की वजह से विवादों में आ गया था. इस शो में महिला मॉडल महिला दर्शकों के सामने ही परफॉम करने की इजाजत थी.

सऊदी अरब के प्रिंस सलमान द्वारा साउदी महिलाओं की आजादी के दायरे को बढाए जाने जैसी कोशिशों को जहां एक तरफ पंख मिलते दिख रहे है वहीं दूसरी तरफ कई मंचों पर इस आजादी की आलोचना भी हो रही है. …

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अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने की रेस में 70 फीसदी भारतीय

अमेरिकी सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों में ग्रीन कार्ड को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने के लिए इंतजार करने वालों की सूची में तीन चौथाई से ज्यादा भारतीयों के नाम शामिल है. बता दें कि अमेरिका में कानूनी तौर पर स्थायी निवासी घोषित किए जाने को ग्रीन कार्ड धारक कहते है. ये ताजा आंकड़ें अमेरिकी नागरिकता और प्रवासी सेवा (यूएससीआईएस) द्वारा जारी किए गए है. मई, 2018 तक रोजगार आधारित वरीयता श्रेणी के तहत कुल 3 लाख 95 हजार 25 विदेशी नागरिक ग्रीन कार्ड की कतार में खड़े हुए थे. इनमे से 3 लाख 6 हजार सिर्फ भारतीय नागरिक थे. अमेरिकी ग्रीन कार्ड पाने की रेस में भारत के बॉस चाइना का नंबर आता है. यहां चीन के चीन के 67,031 लोग ग्रीन कार्ड पाने की लाइन में लगे हुए है. भारत और चीन के अलावा एल सेल्वाडोर के 7252, ग्वाटेमाला के 6027, होंडुरस के 5,402, फिलीपींस के 1,491, मैक्सिको के 700 और विएतनाम के 521 लोग ग्रीन कार्ड पाने का इंतज़ार कर रहे है. गौरतलब है कि अमेरिका के मौजूदा क़ानून के मुताबिक, एक वित्तीय वर्ष में किसी भी स्वतंत्र देश के सात फीसदी नागरिकों को ही ग्रीन कार्ड दिया जाता है.

अमेरिकी सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों में ग्रीन कार्ड को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने के लिए इंतजार करने वालों की सूची में …

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अंतरराष्ट्रीय हुई भारतीय EVM की ‘बदनामी’, बोत्सवाना के विपक्ष ने किया विरोध

भारतीय ईवीएम की 'बदनामी' अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है. चुनाव आयोग के ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर देश में तो हंगामा होता ही रहा है, अब इसको लेकर अफ्रीकी देश बोत्सवाना में भी बवाल मचा हुआ है. यहां भारतीय चुनाव आयोग की साख दांव पर लगी हुई है, क्योंकि भारत के ईवीएम को यहां अक्टूबर 2019 के आम चुनाव में आजमाने की बात चल रही है, लेकिन विपक्षी दल का कहना है कि ईवीएम से छेड़छाड़ कर सत्ताधारी दल नतीजे अपने पक्ष में कर सकता है. बोत्सवाना के चुनाव आयोग ने भारतीय चुनाव आयोग से अपने प्रतिनिधि भेजकर ईवीएम की अच्छाई और इसके एररप्रूफ होने की बात साबित करने का अनुरोध किया है. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, हीरों के भंडार के लिए मशहूर बोत्सवाना में भारत से आयातित ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर गर्मागर्म राजनीतिक बहस चल रही है. बोत्सवाना डेमोक्रेटिक पार्टी (BDP) की सरकार ने ईवीएम के इस्तेमाल के लिए मतदाता कानून में बदलाव किया है. इसके विरोध में वहां की विपक्षी पार्टी बोत्सवाना कांग्रेस पार्टी (BCP) कोर्ट चली गई है. बीसीपी का आरोप है कि ईवीएम के इस्तेमाल से नतीजे सत्ताधारी बीडीपी के पक्ष में ही होंगे. दूसरी तरफ, सरकार ने इस पर चुनाव आयोग को इस पर राय देने को कहा है. बोत्सवाना के इंडीपेन्डेंट इलेक्टोरल कमीशन का तर्क है कि ईवीएम के इस्तेमाल से चुनाव प्रक्रिया में तेजी आएगी. बोत्सवाना सरकार और उसके चुनाव आयोग ने भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के एक्सपर्ट से कहा है कि वे ईवीएम के इस्तेमाल की अच्छाई को लेकर वहां की अदालत में अपनी राय दें. ECI अधिकारियों से आग्रह किया गया है कि वे ईवीएम और वीवीपैट के बारे में संदेहों को दूर करने के लिए बोत्सवाना की कोर्ट में एक प्रजेंटेशन दें. इसके लिए बोत्सवाना से एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को भारत आया था. प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से कहा है कि यहां से 4-5 ईवीएम भेज कर बोत्सवाना के कोर्ट में उसका प्रदर्शन दिखाएं. चुनाव आयोग इसे लेकर बड़ी दुविधा में है, क्योंकि पहले से ही देश में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं. बोत्सवाना में कुल 57 संसदीय क्षेत्र हैं और इसके लिए 6,000 पोलिंग स्टेशन पर चुनाव कराए जाते हैं. इनके लिए भारत में महज 2-3 दिन में ही ईवीएम मशीन तैयार किए जा सकते हैं.

भारतीय ईवीएम की ‘बदनामी’ अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है. चुनाव आयोग के ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर देश में तो हंगामा होता ही रहा है, अब इसको लेकर अफ्रीकी देश बोत्सवाना में भी बवाल मचा हुआ है. यहां भारतीय …

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चीन: सोशल क्रेडिट सिस्टम में 169 लोग फेल, ट्रेन-प्लेन में नहीं कर पाएंगे सफर

बहुचर्चित सोशल क्रेडिट सिस्टम के नियमों पर खरा ना उतरने के बाद चीन ने करीब 169 लोगों को ब्लैक लिस्ट किया है. अब इन सभी लोगों को देश में फ्लाइट या ट्रेन में सफर जैसी सुविधा प्राप्त नहीं हो पाएगी, इन सभी के नाम वेबसाइट पर सार्वजनिक भी कर दिए गए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी की पहचान को सार्वजनिक किया गया है. अगर आप सार्वजनिक स्थानों पर नियमों का उल्लंघन करते हैं, बैंकिंग लेन-देन में गड़बड़ी करते हैं या फिर सरकार के नियमों का भी उल्लंघन करते हैं तो सोशल क्रेडिट सिस्टम के तहत आपकी रेटिंग कम हो जाती है. जिसके बाद ये कड़ा फैसला लिया गया है. चीन ने 2013 में इस क्रेडिट सिस्टम की शुरुआत की थी, जल्द ही इसके तहत देश के सभी नागरिकों को लाया जाएगा. इस सिस्टम ने सरकार की ओर से कई जगह कैमरे और अन्य तरह के सॉफ्टवेयर इंस्टाल किए हुए हैं जो आपकी गतिविधियों पर नज़र रखते हैं. अभी इसमें 169 लोगों के नाम दिए गए हैं, बताया जा रहा है कि ये लिस्ट मासिक तौर पर अपडेट होगी. चीन में यह सिस्टम 2014 से काम कर रहा है, लेकिन 2020 तक इसके तहत पूरी जनसंख्या कवर हो जाएगी. वहीं खराब रेटिंग वालों को ब्लैकलिस्ट भी किया जा रहा है. अभी तक क्या हुआ असर... - अभी तक के आंकड़ों को मानें तो करीब 9 मिलियन (90 लाख) लोगों को खराब रेटिंग मिली है. इन्हें ये खराब रेटिंग उनके कोर्ट केस या डिफॉल्ट के आधार पर मिली है. खराब रेटिंग वालों के एअर टिकट लेने पर पाबंदी लगा दी गई है. - इसके अलावा करीब 3 मिलियन (30 लाख) लोगों को खराब क्रेडिट परफॉर्मेंस के आधार पर ही ट्रेन की टिकट लेने से भी बैन कर दिया गया.

बहुचर्चित सोशल क्रेडिट सिस्टम के नियमों पर खरा ना उतरने के बाद चीन ने करीब 169 लोगों को ब्लैक लिस्ट किया है. अब इन सभी लोगों को देश में फ्लाइट या ट्रेन में सफर जैसी सुविधा प्राप्त नहीं हो पाएगी, …

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