अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के लिए भारत की ओर से की जाने वाली फंडिंग को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में लाइब्रेरी के लिए पैसे देना किसी काम का नहीं है। ट्रंप ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि यहां इसका कोई इस्तेमाल नहीं है। उन्होंने कहा कि कहा कि मैं आश्चर्य हूं कि उस देश में कौन इसका उपयोग करेगा।
ट्रंप ने कहा जब मैं मोदी के साथ था, तो वह लगातार कहते रहे कि उन्होंने अफगानिस्तान में एक लाइब्रेरी बनाई है। पता है वह ऐसा था जैसे हमने 5 घंटे साथ में खपा दिया हो और हमसे ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि मैं यह कह दूं ‘ओह, लाइब्रेरी के लिए धन्यवाद। मुझे नहीं पता कि अफगानिस्तान में इसका इस्तेमाल कौन कर रहा है?
साल 2015 में अफगानिस्तानी संसद का उद्घाटन करते वक्त पीएम मोदी ने वहां के युवाओं को आधुनिक शिक्षा देने और प्रोफेशनल स्किल्स को बढ़ाने का वादा किया था। भारत ने अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाई को लेकर हमेशा उत्साह दिखाया है क्योंकि तालिबान शासन के दौरान भारत विरोधी आतंकवाद को वहां काफी बढ़ावा मिल रहा था।
बुधवार को दिए अपने बयान पर ट्रंप ने 1979 से 1989 तक अफगानिस्तान में सोवियत संघ का जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि रूस कही सोवियत यूनियन हुआ करता था। मगर, अफगानिस्तान में लड़ते हुए वह दीवालिया हो गया और अफगानिस्तान ने सोवियत संघ को रूस बना दिया।
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