धर्म

नवरात्रि के दुसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की करे पूजा

कौन हैं माता ब्रह्मचारिणी  मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को भी पर्वतराज हिमालय की पुत्री ही माना जाता है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तप का आचरण करने वाली। शंकर जी को पति रूप में पाने की आकांक्षा से इन्होंने …

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नवरात्री मनाने की शुरुआत किसने की, क्या आप जानते है

हमारे देश भारत में संस्कृतियों और तहजीबों का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है, जितने त्यौहार और उत्सव हमारे देश में मनाए जाते हैं, उतने शायद दुनिया के किसी भी देश में नहीं मनाए जाते होंगे. हमारा ऐसा ही एक …

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नवरात्र के दौरान उपवास में रखें खास ध्यान, ताकि शुगर और BP परेशान न करें

उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को परिष्कृत करता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज) और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त है तो उपवास रखते समय उसे सजगता बरतना जरूरी है उपवास रखने का निर्णय व्यक्तिगत है, परंतु उपवास से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधित जटिलताओं के बारे में सावधानी से विचार करने के बाद ही निर्णय लें। अपने डॉक्टर से भी सलाह अवश्य लें। टाइप-1 डायबिटीज के रोगी और जिन लोगों की ब्लड शुगर अनियंत्रित है, उन्हें व्रत नहीं रखना चाहिए। रख सकते हैं उपवास आहार और व्यायाम के माध्यम से अच्छी तरह से संतुलित टाइप-2 डायबिटीज में उपवास से संबंधित समस्याओं के होने का खतरा कम होता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति उपवास रख सकते हैं। दवाओं से डायबिटीज नियंत्रित रखने वाले लोग एहतियात के साथ नवरात्र का व्रत रख सकते हैं। न रखें व्रत जिन लोगों की ब्लड शुगर नियंत्रित न हो या डायबिटीज से संबंधित कोई जटिलता हो। जो लोग इंसुलिन लेते हैं, उन्हें नवरात्र में व्रत नहीं रखना चाहिए। ...जब हुदहुद और फैलिन के प्रकोप से थर्राई धरती, जानें क्‍या है मामला यह भी पढ़ें बच लो शुगर से उपवास के दौरान बहुत से लोग लंबे समय तक भोजन के बगैर रहते हैं। यह स्थिति डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए लो शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) का कारण हो सकती है। लो शुगर के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। लो शुगर हो जाने पर शहद, ग्लूकोज या चीनी लेने से शुगर के स्तर को ठीक भी किया जा सकता है, परंतु कभी-कभी लो शुगर होने से व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इसीलिए मधुमेह से ग्रस्त लोगों को व्रत के दौरान भी हर तीन-चार घंटे पर कुछ खाना आवश्यक है। लो शुगर के लक्षण आमतौर पर 70 एमजी/ डीएल से कम के शुगर लेवल होने पर आते हैं। ये लक्षण हैं अचानक पसीना आना, कमजोरी महसूस होना, हाथों और पैरों में कंपन आदि। राफेल विमान डील: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगी रिपोर्ट यह भी पढ़ें हाई शुगर (हाइपरग्लाइसीमिया) उपवास रखने से रक्त में शुगर लेवल के बढ़ने का खतरा होता है। तमाम लोग व्रत में इंसुलिन लगाना और दवा खाना छोड़ देते हैं। इस कारण रक्त शर्करा बढ़ जाती है। नवरात्र के दौरान खाए जाने वाले आहार में फैट (वसा) और कार्बोहाइड्रेट काफी मात्रा में होता है, जैसे आलू, साबूदाना और तले हुए खाद्य पदार्थ आदि। इस प्रकार का खाना रक्त शर्करा बढ़ा देता है। शारदीय नवरात्र : जानिए मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी ‘शैलपुत्री’ के बारे में यह भी पढ़ें डीहाइड्रेशन से बचें डायबिटीज वालों को हाई ब्लड शुगर के अलावा डीहाइड्रेशन का खतरा अधिक रहता है। इसलिए व्रत में तरल पदार्थ जैसे- नारियल पानी, नींबू पानी और लस्सी लेते रहना चाहिए। डीहाइड्रेशन के लक्षण हैं- अधिक थकान, असामान्य प्यास, असामान्य रूप से गाढ़े रंग की पेशाब होना, सांस लेने में तकलीफ आदि। मुंबई के बाद दिल्ली में रह रहे सबसे ज्यादा अरबपति, दो औद्योगिक घरानों का दबदबा यह भी पढ़ें रखें ध्यान उपवास रखने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। डॉक्टर आपकी दवा की खुराक (डोज) में परिवर्तन की सलाह दे सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं की खुराक के बारे में भी सलाह लें। डॉक्टरी सलाह के बिना कभी भी दवा न छोड़ें। एक समय पर थोड़ा खाएं और हर तीन से चार घंटे में कुछ न कुछ खाएं। ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं, जो ब्लड शुगर को ज्यादा न बढ़ाए और आपका पेट भी भरे, जैसे लौकी,कूटू का चीला, खीरे का रायता, पनीर, मौसमी फल, नारियल पानी और सांवा के चावल। सांवा के चावल फाइबर और विटामिंस के उच्च स्रोत हैं। अगर हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल में खाद्य पदार्थों को तैयार किया जाएगा तो वह हानिकारक सिद्ध होगा। डायबिटीज से ग्रस्त लोग नियमित अंतराल पर फल, बादाम, अखरोट और भुना हुआ मखाना आदि खा सकते हैं। नियमित शुगर जांच उपवास के दौरान डायबिटीज वाले लोगों को ब्लड शुगर की जांच दिन में तीन से चार बार करना आवश्यक है। यह सुझाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो दवा या इंसुलिन लेते है। आपके स्‍मार्टफोन होने जा रहे हैं और 'स्‍मार्ट', जानिए- क्‍या होंगे बदलाव यह भी पढ़ें उच्च वसायुक्त खाद्य पदार्थ न लें कुछ लोग नवरात्र में उपवास के बहाने तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्स, पापड़, पूड़ी आदि खाते हैं। इन सब में फैट और नमक की मात्रा अधिक होती है और फाइबर कम होता है। ऐसा खानपान डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदेह है। माय सिटी माय प्राइड : 10 शहरों को मिलीं गर्व करने की 110 वजह ! यह भी पढ़ें नमक की संतुलित मात्रा नवरात्र के दौरान अनेक लोग नमक वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करते हैं। आठ या नौ दिन तक नमक के बगैर रहने से आप कमजोरी महसूस करेंगे और ब्लड प्रेशर सामान्य से नीचे गिर सकता है। नवरात्र के दौरान सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है, परंतु चिप्स और नमकीन न लें।

उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को परिष्कृत करता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज) और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त है तो उपवास रखते समय उसे सजगता बरतना जरूरी है उपवास रखने का निर्णय व्यक्तिगत है, परंतु उपवास …

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शारदीय नवरात्र : जानिए मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी ‘शैलपुत्री’ के बारे में

शारदीय नवरात्र का प्रारंभ मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना से होता है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री गिरिराज हिमालय की पुत्री हैं। श्वेत व दिव्यस्वरूप वाली देवी वृषभ पर आरूढ़ हैं। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल का पुष्प सुशोभित है। कथा के अनुसार, मां शैलपुत्री पूर्वजन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थीं, जिनका विवाह शिव से हुआ था। यज्ञ के आयोजन में दक्ष द्वारा शिव को अपमानित करने से सती ने योगाग्नि में अपने तन को भस्म कर दिया था। अगले जन्म में हिमालय पुत्री के रूप में उनका अवतरण हुआ और वे शैलपुत्री कहलाईं। इन्हें पार्वती भी कहते हैं, जो भगवान शंकर की अद्र्धांगिनी हैं। मुंबई के बाद दिल्ली में रह रहे सबसे ज्यादा अरबपति, दो औद्योगिक घरानों का दबदबा यह भी पढ़ें स्वरूप का ध्यान मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमारे मन को परिमार्जित कर हमारे भीतर विनम्रता व सौम्यता का विकास करता है। जिस प्रकार श्वेत रंग प्रकाश की सभी रश्मियों को परावर्तित कर देता है, उसी प्रकार मां का यह स्वरूप हमें जीवन में निस्पृह रहने का संदेश देता है। यह हमें जीवन के कठिन संघर्षों में भी धैर्य, आशा व विश्वास के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है। मां का श्वेत स्वरूप हममें सद्प्रवृत्ति का आत्मिक तेज प्रदान करता है। मां वृषभ पर आरूढ़ हैं। वृषभ धर्म का प्रतीक है। सद्प्रवृत्तियां ही धर्म हैं, अत: हमें उन्हें धारण करने का संदेश मिलता है। बाएं हाथ में कमल हमें पवित्र कर्मों में प्रवृत्त होने का संदेश प्रदान करता है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल हमारे त्रितापों (दैहिक, दैविक व भौतिक) को नष्ट करता है। आपके स्‍मार्टफोन होने जा रहे हैं और 'स्‍मार्ट', जानिए- क्‍या होंगे बदलाव यह भी पढ़ें आज का विचार माय सिटी माय प्राइड : 10 शहरों को मिलीं गर्व करने की 110 वजह ! यह भी पढ़ें संसार के विषयों से निरासक्त होकर हमारे भीतर सरलता का आविर्भाव होता है। ध्यान मंत्र हैदराबाद में 100 आवारा कुत्तों की मौत से सनसनी, लाशों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया यह भी पढ़ें वंदे वांछितलाभाय चंद्रार्धकृत शेखराम्। वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।

शारदीय नवरात्र का प्रारंभ मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की उपासना से होता है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री गिरिराज हिमालय की पुत्री हैं। श्वेत व दिव्यस्वरूप वाली देवी वृषभ पर आरूढ़ हैं। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा …

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भगवान के तेज़ से आज भी उबलता हैं यहाँ का पानी , यकीन नहीं तो पढ़ लो पूरी खबर..

यूं ताे मनाली घूमने-फिरने वालों की पसंदीदा जगह है। वहां की वादियां, नजारे किसी काे भी मोह लेते हैं। लेकिन मनाली में एक धार्मिक जगह ऐसी है, जहां बर्फीली ठण्‍ड में भी पानी उबलता रहता है। मान्‍यता है कि शेषनाग …

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गजब- ये क्या इस मंदिर के अन्दर अन्दर जाते ही पुरुष बन जाते हैं महिला ,ये सच हैं या फ़साना…

दुनिया के हर कोने में अलग-अलग धर्म और जाति को मानने वाले लोग रहते हैं। हमारे देश के अलावा भी कई सारे ऐसे देश हैं जहां के कुछ मंदिर, मस्जिद मे औरतों का जाना मना है। लेकिन चलिए आज हम …

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चांदी की मामूली सी अंगूठी, चुटकी में चमका सकती है आपकी लाइफ…

हर इंसान का जन्म से मृत्यु तक का सिर्फ एक ही सपना रहता है कि वो अधिक से अधिक धन कमाए और सुखी से अपने जीवन को व्यतीत कर सके लेकिन यह सभी के नसीब में नहीं होता है ऐसे …

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चांदी की अंगूठी से करें एक उपाय, पलभर में चमक जाएगी आपकी किस्मत

चांदी की अंगूठी से करें एक उपाय, पलभर में चमक जाएगी आपकी किस्मत

आप सभी जानते ही होंगे कि हर इंसान का जन्म से मृत्यु तक का सिर्फ एक ही सपना रहता है कि वो अधिक से अधिक धन कमाए और सुखी से अपने जीवन को व्यतीत कर सके लेकिन यह सभी के …

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नवरात्री में ऐसे जलाए अखंड ज्योत आपकी सारी मनोकामना हो जांएगी पूरी 

नवरात्री में ऐसे जलाए अखंड ज्योत आपकी सारी मनोकामना हो जांएगी पूरी 

कहते हैं कि हिंदू धर्म में अग्नि को देव माना गया है और यह सृष्टि के पंचमहाभूतों में से एक है. कहा जाता है कि यज्ञ, हवन से लेकर चिता की अग्नि तक को अत्यंत पवित्र में गिना जाता है …

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हर व्यक्ति के लिए शुभ नहीं होता मोती,पहनने से पहले जान ले ये बात वरना भुगतना पड़ेगा …

कभी कभी विशेष रूप से औषधि के रूप में मोती का प्रयोग होता है। चन्द्रमा की तरह उसका रत्न भी शांत, सुन्दर और शीतल होता है। इसका प्रभाव सीधा मन और शरीर के रसायनों पर पड़ता है। मोती का प्रभाव …

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