6 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने के साथ नौ दिन तक उपवास रखा जाता है। आइए जानते हैं नवरात्रि की 9 खास बातें…
पूरे साल में कुल मिलाकर 4 बार नवरात्रि का पर्व आता है। चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि।
चैत्र नवरात्रि से हिन्दू पंचांग का नया वर्ष का आरम्भ हो जाता है।
शारदीय नवरात्रि को महानवरात्रि भी कहा जाता है। क्योंकि यह दशहरे के ठीक एक दिन पहले व्रत को खोला जाता है।
गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना करने वालों के लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है। गुफ्त नवरात्रि में तांत्रिकों द्वारा काली मां की साधना की जाती है।
नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। ये नौ स्वरूप इस प्रकार है- मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां
इस चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी और हाथी पर सवार होकर विदाई लेंगी।
नवरात्रि का विशेष नक्षत्रों और योगों के साथ आना मनुष्यों के जीवन पर खास प्रभाव डालता है। इस बार चैत्र नवरात्रि के पूरे नौ दिनों में चार सर्वार्थ सिद्धि योग, एक रवि पुष्य योग भी बनेगा।
इस नवरात्रि पूरे चार दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पहली बार बन रहा है।
नवरात्रि में उपवास के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। इसमें नौ दिनों तक संयम के साथ दिनचर्या रखनी पड़ती है। अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता।