ज्योतिष के अनुसार देवताओं के गुरु बृहस्पति को एक शुभ देवता और ग्रह माना गया है। 9 ग्रहों में से एक बृहस्पति के शुभ प्रभाव से सुख, सौभाग्य, लंबी आयु, धर्म लाभ आदि मिलता है। वहीं किसी लड़की की शादी में यह ग्रह अहम भूमिका निभाता है। आमतौर पर देवगुरु बृहस्पति शुभ फल ही प्रदान करते हैं, लेकिन यदि कुंडली में यह किसी पापी ग्रह के साथ बैठ जाएं तो कभी-कभी अशुभ संकेत भी देने लगते हैं। ऐसे में बृहस्पति की कृपा पाने और इनसे जुड़े दोष को दूर करने के लिए निम्न उपाय करें —
यदि आपके भीतर इन दिनों नकारात्मकता हावी हो रही हो चाह कर भी आपके प्रयासों के सकारात्मक फल नहीं मिल रहे हों तो आप जीवन में आई नकारात्मकता को दूर करने के लिए प्रतिदिन ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ का 108 बार जप अवश्य करे।
यदि इन दिनों आपके मन में चीजों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती हो और तमाम प्रयासों के बावजूद कार्यों में सफलता न मिल रही हो और तमाम तरह के आर्थिक कष्टों ने घेर रखा हो तो भगवान विष्णु को प्रसन्न करने करने के लिए नियमित रूप से विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। भक्ति-भाव से यह उपाय करने पर निश्चित रूप से बाधाएं दूर होंगी और कार्यों में सफलता मिलेगी।
देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें। साथ ही भगवान विष्णु को संभव हो तो पीले रंग के फल का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में बांटें।
प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु की आराधना के बाद हल्दी और चंदन का तिलक करें। किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए निकलते समय इस उपाय को अवश्य करें, सफलता अवश्य मिलेगी।
देवताओं के गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें या स्वयं कहें। साथ ही साथ प्रत्येक दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से आराधना करें और केले का भोग लगाएं। प्रसाद स्वरूप स्वयं खाएं और दूसरे लोगों में भी बांटे।
देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन दाल, हल्दी, पीले वस्त्र, बेसन के लड्डू आदि किसी योग्य ब्राह्मण को दान करें और केले के वृक्ष पर जल चढ़ाएं।
जिन जातकों को रोग, शत्रु, आदि से परेशानी के साथ-साथ अपने कामकाज में अचानक से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो, वे नियमित रुप से राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। देवगुरु बृहस्पति का यह उपाय परम कल्याणकारी सिद्ध होगा।
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