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बिहार में पिछड़ी Race 3, सलमान पर भारी पड़ी निरहुआ की बॉर्डर,,

बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस के बिग बॉस माने जाने वाले सलमान खान ने रेस 3 से वापसी की है. एक बार फिर सलमान की इस फिल्म ने दर्शकों को निराश कर दिया है. आलम ये है कि सलमान की ये फिल्म बिहार में बुरी तरह पिट रही है. दर्शक सलमान की रेस 3 से ज्यादा निरहुआ की लेटेस्ट रिलीज बॉर्डर को पसंद कर रहे हैं. ऐसे उड़ रहा सलमान की रेस-3 का मजाक, पढ़ें 10 मजेदार जोक्स जानकारी के मुताबिक, निरहुआ एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की बहुचर्चित फिल्म 'बॉर्डर' ने बिहार में पहले ही दिन बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की चर्चा के मुताबिक करीब 160 करोड़ के बजट में बनी फिल्म 'रेस 3' को पछाड़ दिया है. हाल ये है कि बिहार के जिन शहरों की स्‍क्रीन पर बॉर्डर और रेस 3 की स्क्रीनिंग साथ में चल रही है, वहां निरहुआ की फिल्‍म बॉर्डर का जादू सि‍र चढ़कर बोल रहा है. लेकिन रेस 3 को दर्शकों का रेस्‍पांस औसत मिल रहा है. अब तक मिली बॉक्‍स आफिस रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के सिंगल स्‍क्रीन वाले थियेटर शंकर (सीतामढ़ी), पायल (मोतिहारी), गणेश (हाजीपुर), अजंता (बिहारशरीफ), निभा (नवादा), ज्योति (छपरा), दीपम (घोड़ासहन), लक्ष्मी (समस्तीपुर) और पैराडाइज (गया) में फिल्‍म ‘बॉर्डर’ का कारोबार उम्‍मीद से ज्‍यादा बेहतर रहा है. ये बिहार के ऐसे सिनेमाघर हैं, जो बिजनेस के मामले में काफी अहम माने जाते हैं. फिल्‍म के रिलीज से पहले माना जा रहा था कि रेस 3 के रिलीज के बाद ‘बॉर्डर’ के बिजनेस पर जरूर असर पड़ेगा, मगर पहले दिन ऐसा हुआ नहीं. पहले दिन के रेस्‍पॉन्स के बाद अब ट्रेड पंडितों का मानना है कि ईद के दिन यानी कल बॉर्डर की कमाई और बढ़ने वाली है. यही नहीं सोशल मीडिया नी सिनेप्रेमी अपने अपने अंदाज में रेस 3 और बॉर्डर की तुलना करते नजर आ रहे हैं.

बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस के बिग बॉस माने जाने वाले सलमान खान ने रेस 3 से वापसी की है. एक बार फिर सलमान की इस फिल्म ने दर्शकों को निराश कर दिया है. आलम ये है कि सलमान की ये फिल्म …

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गौरी लंकेश की हत्या करने वाले गिरोह के निशाने पर हैं 26 और शख्सियतें !

वरिष्ठ पत्रकार एवं एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या के राज से पर्दाफाश हो गया है. गौरी लंकेश की हत्या के आरोप में गिरफ्तार परशुराम वाघमोरे ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. साथ ही वाघमोरे ने यह भी स्वीकार किया है कि उसने हिंदू धर्म की आलोचना करने के चलते ही गौरी लंकेश की हत्या की थी. जांच टीम को जो इस मामले में सबसे अहम सुराग मिला है, वह ये कि गिरोह के निशाने पर अभी भी देशभर की 26 ऐसी शख्सियतें हैं, जो हिंदुत्व विरोधी हैं. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए जाने के 10 मिनट के अंदर ही वाघमोरे ने पुलिस वाहन में बैठने के बाद अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा कि 5 सितंबर, 2017 को उसने ही गौरी लंकेश पर गोली चलाई थी. इतना ही नहीं उसने यह भी कहा कि उसे पता था कि वह एक दिन पकड़ा जाएगा. पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गौरी लंकेश की हत्या की बाकायदा साजिश रची गई थी और हत्या को अंजाम देने के लिए कई लोगों की एक टीम बनाई गई थी. वाघमोरे ने बताया कि उसे बेलगाम में इसके लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी गई थी. ट्रेनिंग के दौरान उसने एयर पिस्टल चलानी सीखी और 500 राउंड गोलियां चलाकर अभ्यास पूरा होने के बाद उसने वारदात को अंजाम दिया. धर्म के नाम पर हुई हत्या वाघमोरे ने बताया कि उससे कहा गया था कि धर्म के लिए उसे गौरी लंकेश की हत्या करनी होगी. उसने बताया कि वह पहली बार जुलाई 2017 में बेंगलुरू आया था और कई सप्ताह ठहरा था. इसके बाद वाघमोरे 3 सितंबर, 2017 को दोबारा बेंगलुरू लौटा. अगले ही दिन यानी 4 सितंबर को उसने गौरी लंकेश की हत्या करने की कोशिश की, लेकिन उसकी कोशिश नाकाम रही. लेकिन अगले दिन यानी 5 सितंबर, 2017 को वाघमोरे अपनी साजिश में कामयबा रहा और उसने गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी. वाघमोरे ने बताया कि गौरी लंकेश की हत्या करने के बाद उसी दिन वह बीजापुर लौट गया. उसने पुलिस को बताया कि उसे पता नहीं कि हत्या के लिए उसे कौन सी बंदूक दी गई थी. उसने बताया कि गोली चलाने के बाद उसके हाथ में तेज झटका लगा था. हत्या को अंजाम देने वाले गिरोह का 5 राज्यों में है नेटवर्क एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, गौरी लंकेश की हत्या में शामिल गिरोह का नेटवर्क कम से कम पांच राज्यों में फैला है और उसके करीब 60 सदस्य हैं. अधिकारी ने बताया कि दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं, जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि इस संगठन का कोई नाम नहीं है. पता चला है कि इस गिरोह का मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में नेटवर्क फैला हुआ है. हालांकि गिरोह की उत्तर प्रदेश में मौजूदगी का पता नहीं चल सका है. एक ही बंदूक से की गई थी गौरी लंकेश-कलबुर्गी की हत्या मामले की जांच कर रही SIT के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, गौरी लंकेश, गोविंद पनसारे और एमएम कलबुर्गी को एक ही बंदूक से गोली मारी गई थी. एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'वाघमोरे ने गौरी को गोली मारी और फरेंसिक जांच से इस की पुष्टि भी हुई है कि गोविंद पनसारे, एमएम कलबुर्गी की हत्या उसी हथियार से की गई.' उन्होंने कहा कि हथियार का अभी पता नहीं लगाया जा सका है. फॉरेंसिक रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि तब हुई है और गोली के पिछले हिस्से पर एक ही तरह का निशान बना हुआ मिला. अभी भी गिरोह के निशाने पर हैं देशभर की 26 शख्सियतें जांच में यह भी सामने आया है कि गौरी लंकेश, गोविंद पानसरे और एमएम कलबुर्गी की हत्या के लिए बनाए गए गिरोह के निशाने पर देशभर की 26 शख्सियतें और हैं. इनमें से आठ टार्गेट तो कर्नाटक के रहने वाले हैं. गिरोह ने जिन शख्सियतों को अपना अगला टार्गेट बना रखा है, उनमें एक ही समानता है कि वे सभी हिंदुत्व का विरोध करने वाले हैं. कर्नाटक पुलिस ने गिरोह के अगले टार्गेट से जुड़ी यह जानकारी प्रत्येक राज्य के खुफिया विभागों को भी दे दी है. कर्नाटक पुलिस को टी. नवीन कुमार कि गिरफ्तारी के रूप में गौरी लंकेश हत्याकांड में पहली अहम सफलता मिली थी. इसके बाद जांच टीम ने प्रवीण उर्फ सुजीत कुमार और अमोल काले को गिरफ्तार किया, जिनसे अहम जानकारियां मिलीं. पहले पुलिस अमोल काले को ही मुख्य आरोपी मान रही थी, जिसने गौरी लंकेश को गोली मारी. लेकिन बाद में अमोल काले की डायरी में लिखे कोड वर्ड को क्रैक करने के बाद पुलिस ने मुख्य हत्यारे वाघमोरे को गिरफ्तार किया. पुलिस का कहना है कि गौरी लंकेश की हत्या में शामिल तीन और लोगों की तलाश अभी जारी है. इन तीन संदिग्धों में वह मोटरसाइकिल ड्राइवर भी शामिल है, जिसके पीछे बैठकर वाघमोरे गौरी लंकेश की हत्या करने गया था.

वरिष्ठ पत्रकार एवं एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या के राज से पर्दाफाश हो गया है. गौरी लंकेश की हत्या के आरोप में गिरफ्तार परशुराम वाघमोरे ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. साथ ही वाघमोरे ने यह भी स्वीकार किया …

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ईद के दिन शहीद औरंगजेब के गांव में मातम, लोग बोले- खून का बदला खून से लेंगे

हत्या से पहले क्या पूछ रहे थे आतंकी? पीटीआई की एक रिपोर्ट में अफिशियल्स के हवाले से कहा गया है कि औरंगजेब की हत्या से पहले आतंकियों से पूछताछ की थी. इस दौरान घाटी में आतंकियों के खिलाफ चलाए उन तमाम ऑपरेशंस के बारे में औरंगजेब से सवाल कर रहे थे, जिनमें वो शामिल थे. कौन थे औरंगजेब? औरंगजेब, जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के शोपियां में शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. उनकी उम्र 24 साल थी. उनके पिता भी सेना में थे. रिटायरमेंट के बाद वो गांव में रहते हैं.

भारतीय सेना के कश्मीरी जवान औरंगजेब की शहादत पर पूरा देश गमजदा है. शहीद का पार्थिव घाटी में उनके गांव मेंढर पहुंच चुका है. उनके पार्थिव को हेलिकॉप्टर से गांव लाया गया. आज ही के दिन सैनिक सम्मान के साथ …

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शिमला में भी प्रदूषण से परेशान पर्यटक, ‘डस्ट अटैक’ से दिल्ली बेहाल

दिल्ली-एनसीआर की हवा चौथे दिन भी जहरीली बनी रही, फिलहाल हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद तीनों एमसीडी ने बड़े दर्जे पर दिल्ली में पानी का छिड़काव किया. धूलभरी जगहों जैसे दिल्ली के रामलीला मैदान में भी पानी का छिड़काव किया गया जिससे हवा की गुणवत्ता में थोडा सुधार  हुआ. दिल्ली में छिड़काव के बाद धूल का प्रवाह कम हो गया जिसके कारण शनिवार को भी हवा की गुणवत्ता में कुछ और सुधार होने की उम्मीद है. दरअसल राजस्थान से सटे पाकिस्तान बॉर्डर पर तेज रफ्तार से लू चल रही हैं, जिसके चलते राजस्थान, दिल्ली और हरयाणा में भी मौसम ने करवट ली. इसका कारण वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) को माना जा रहा है. जिसके चलते दिल्ली- एनसीआर में प्रदूषण की मात्रा बढ़ोतरी हुई. 15 से 18 जून तक पश्चिम विक्षोभ की वजह से कुछ इलाकों में धूल भरी हवा चल सकती है और बरसात या बूंदाबांदी हो सकती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डाटा के मुताबिक दिल्ली- एनसीआर में पीएम 10 का स्तर 626 और दिल्ली में 650 दर्ज किया गया वहीं दिल्ली- एनसीआर में पीएम 2.5 का स्तर 162 और दिल्ली में 164 दर्ज किया गया. दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा था सवाल

दिल्ली-एनसीआर की हवा चौथे दिन भी जहरीली बनी रही, फिलहाल हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार दर्ज किया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद तीनों एमसीडी ने बड़े दर्जे पर दिल्ली में पानी का छिड़काव किया. धूलभरी जगहों …

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क्या सचमुच राहुल गांधी ने खुद को सबसे बड़ा बेवकूफ कहा था?

राहुल गांधी के शिकंजी और ढाबे वाले बयान की आग अभी बुझी भी नहीं थी कि उनका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगा. वायरल हो रहे वीडियो में राहुल गांधी एक सभा में अपने आप को इस देश का सबसे बड़ा बेवकूफ कहते हुए दिखाई दे रहे हैं. लोग इस वीडियो को खूब चटकारे लेकर शेयर कर रहे हैं. आप खुद देख लीजिए इस वीडियो को जो चर्चा का केन्द्र बना हुआ है. दरअसल, यह वीडियो हाल ही में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम का है जहां राहुल गांधी ओबीसी कॉन्फ्रेन्स में हिस्सा लिया था. यह वही सम्मलेन था जहां अपने भाषण में राहुल गांधी ने कोका कोला कंपनी के संस्थापक को शिकंजीवाला बताया था. जब हमने राहुल गांधी के यूट्यूब पेज पर मौजूद इस सम्मलेन की पूरी वीडियो देखी तो पूरी कहानी खुदबखुद साफ हो गई. राहुल गांधी असल में एक एनडीए के सांसद के साथ अपनी बातचीत का जिक्र कर रहे थे.

राहुल गांधी के शिकंजी और ढाबे वाले बयान की आग अभी बुझी भी नहीं थी कि उनका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगा. वायरल हो रहे वीडियो में राहुल गांधी एक सभा में अपने आप को …

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रिपोर्ट के अनुसार हत्या से पहले आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब से की थी पूछताछ

जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना के जवान औरंगजेब की हत्या से ठीक पहले का एक वीडियो सामने आया है. औरंगजेब की हत्या से पहले कुछ जानकारियां निकलवाना चाहते थे. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि औरंगजेब की हत्या के अगले दिन यानी शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जो उनकी हत्या से ठीक पहले का लग रहा है. इस वीडियो में आतंकी, भारतीय जवान औरंगजेब से उन एनकाउंटर्स के बारे में पूछताछ करते नजर आ रहे हैं, जिनका औरंगजेब हिस्सा रहे. जानकारी के मुताबिक, डेढ़ मिनट का यह वीडियो किसी जंगल में फिल्माया गया है. वीडियो में औरंगजेब नीली जींस और टी-शर्ट पहने नजर आ रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, संभवतः हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी, औरंगजेब से सेना में उनके काम, तैनाती की जगहों और जिन एनकाउंटर्स में उन्होंने हिस्सा लिया उसके बारे में पूछताछ करते नजर आ रहे हैं. बता दें कि गुरुवार की देर शाम कश्मीर के पुलवामा में औरंगजेब का शव गोलियों से छलनी पाया गया. आतंकवादियों ने उन्हें गुरुवार की ही सुबह करीब 9 बजे अगवा कर लिया था. पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला. उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान मिले. औरंगजेब 4-जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के शादीमार्ग (शोपियां) स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे.

जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना के जवान औरंगजेब की हत्या से ठीक पहले का एक वीडियो सामने आया है. औरंगजेब की हत्या से पहले कुछ जानकारियां निकलवाना चाहते थे. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा …

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UP: महीनों रेप करता रहा कोचिंग टीचर, गर्भवती हुई नाबालिग छात्रा

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक नाबालिग छात्रा से रेप की सनसनीखेज वारदात सामने आई है. पुलिस ने बताया कि नाबालिग छात्रा से रेप करने वाले आरोपी कोचिंग टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी दीपक सक्सेना एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है. पुलिस ने आरोपी दीपक सक्सेना के खिलाफ POCSO एक्ट समेत आईपीसी की कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. बरेली के SP सिटी अभिनंदन सिंह ने बताया कि पीड़िता का बयान दर्ज कर केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी टीचर दीपक सक्सेना बरेली के प्रेमनगर के गुलाब नगर में चेतराम फाटक का रहने वाला है. इसके अलावा वह शाहबाद दीवानखाना में दीपक सरस्वती कॉमर्स कोचिंग इंस्टीट्यूट भी चलाता है. हालांकि आरोपी टीचर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. जानकारी के मुताबिक, 10वीं में पढ़ने वाली 15 वर्षीय पीड़िता का अक्टूबर, 2017 में इस कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन करवाया गया था. लेकिन एडमिशन के एक महीने के अंदर ही 17 नवंबर, 2017 को आरोपी टीचर ने पहली बार उसके साथ रेप किया. पीड़िता ने बताया कि दीपक सक्सेना ने उसे किसी को यह बात न बताने की धमकी दी थी और कहा था कि अगर उसने किसी को यह बात बताई तो वह उसके माता-पिता की हत्या कर देगा. धमकी से डरकर छात्रा ने घरवालों को कुछ नहीं बताया. इसका फायदा उठाकर दीपक सक्सेना उसके साथ लगातार रेप करता रहा . लेकिन इस बीच पीड़िता गर्भवती हो गई. पीड़िता की तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर के यहां ले जाने के बाद परिजनों को उसकी आपबीती पता चली. घटना की जानकारी होने के बाद परिजनों ने बीते बुधवार को पुलिस में तहरीर दी, जिसके बाद आरोपी टीचर दीपक सक्सेना के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक नाबालिग छात्रा से रेप की सनसनीखेज वारदात सामने आई है. पुलिस ने बताया कि नाबालिग छात्रा से रेप करने वाले आरोपी कोचिंग टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी …

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पाकिस्‍तान की सत्‍ता पर सैन्‍य ग्रहण: चार बार के तख्तापलट से कमजोर हुआ जन-‘तंत्र’

आजादी के बाद से ही पाकिस्‍तान में लोकतंत्र और सैन्‍य शासन के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा है। पाकिस्‍तान में सत्‍ता संघर्ष के खेल में केवल राजनीतिक दलों के बीच होड़ नहीं रहती, बल्कि  यहां की सियासत में सैन्‍य …

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भगंवत मान ने कहा-कांग्रेस में नहीं हो रहा शामिल, आप का सिपाही हूं आैर वहीं रहूंगा

भगवंत मान ने हरसिमरत कौर बादल द्वारा बठिंडा से चुनाव लड़ने की चुनौती की चर्चा करते हुए कहा कि वह संगरूर छोड़ कर नहीं जा सकते। यदि मेरे खिलाफ चुनाव लड़ना है तो हरसिमरत कौर भी संगरूर से चुनाव लड़ लें। पार्टी के प्रांतीय प्रधानगी के पद से इस्तीफे के संबंध में उन्होंने कहा कि वह अपने फैसले पर आज भी कायम हैं।

आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान और सांसद भगवंत मान ने कहा कि उनके बारे में आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाने की बात कोरी अफवाह है। वह आप के सिपाही हैं और इसी पार्टी में रहेंगे। वह अगला …

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इतिहास बन जाएगी लालू द्वारा शुरू की गई ये रेल सेवा, जानिए वर्षों तक क्‍यों चली घाटे में

पटना घाट से दीघा घाट का रेलखंड पटना का सबसे पुराना रेलखंड है। पटना में रेल लाइन बिछाने के लिए इसका निर्माण किया गया था। बाद में इसपर रेलसेवा बंद हो गई। लालू प्रसाद के रेलमंत्री बनने के बाद इस ट्रैक पर पुन: रेल का परिचालन शुरू हुआ। इस रूट पर सात हॉल्ट दीघा, राजीव नगर, शिवपुरी, पुनाईचक, बेलीरोड, पुराना सचिवालय और आर ब्लॉक हैं। गुजरती है ट्रेन तो लगता है जाम इस रेलखंड पर सुबह और शाम मिलाकर दो जोड़ी डेमू ट्रेनों का परिचालन दानापुर मंडल की ओर से किया जा रहा है। इन ट्रेनों में मुश्किल से चार-पांच यात्री सवार होकर यात्रा करते हैं। सुबह-शाम जब यह ट्रेन बेली रोड को पार करती है तो क्रॉसिंग बंद होने से दोनों ओर गाडिय़ों की लंबी कतारें लग जाती हैं। पटना घाट से गाड़ी 8 बजकर 20 मिनट में खुलती है। सभी स्टेशनों और हॉल्टों पर रूकते हुए दीघा हॉल्ट पर 9 बजकर 45 मिनट पर पहुंचती है। कुछ ही समय के बाद ट्रेन वापस प्रस्थान कर जाती है। अरबों की जमीन बचाने के लिए घाटे में चलाई जा रही थी ट्रेन पटना-दीघा रेलखंड की अरबों की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए रेल प्रशासन हर माह लाखों का घाटा सहकर ट्रेन चला रहा है। इस रेलखंड में चलने वाली ट्रेन लगभग खाली ही रहती है। यात्री नहीं मिलते हैं। हाल्टों पर टिकट घर वर्षो से बंद है। फिर भी रेलगाड़ी चलती है। हालांकि रेलगाड़ी के परिचालन के बाद भी पटरी के दोनों तरफ खटाल हैं। अतिक्रमणकारी हमेशा इस रेलखंड की जमीन को कब्जा करने की जुगत में लगे रहते हैं।  रेल मंत्रालय द्वारा पटना-दीघा रेलखंड की जमीन को राज्य सरकार को पथ निर्माण के लिए देने के फैसले के बाद दानापुर रेलमंडल के डीआरएम रंजन प्रकाश ने बताया कि रेलगाड़ी नहीं चलाई जाती तो जमीन पर अतिक्रमण हो जाता। अतिक्रमण से जमीन को बचाए रखने के लिए घाटे बाद भी रेलगाड़ी चलाई जा रही थी।डीएमआरएम ने बताया कि यातायात को सुगम बनाये रखने में दीघा-पटना रेलखंड की जमीन मील की पत्थर साबित होगी। दूसरी तरफ पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पटना-दीघा रेलखंड की जमीन 71.253 एकड़ है। रेल मंत्रालय इस रेलखंड की जमीन को सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार को देने का सैद्धांतिक सहमति दे दी है। पटना की यातायात व्यवस्था सुगम हो जाएगी। 221.7191438 करोड़ रुपये राज्य सरकार रेलवे को भुगतान करेगी। पटना उच्च न्यायालय की कमेटी ने जमीन के बदले राशि तय की है। बोरिंग रोड को जाम से मिलेगी राहत, घट जाएगी दीघा की दूरी दीघा-पटना रेलखंड की जगह फोरलेन बन जाने से बोरिंग रोड और अशोक राजपथ पर वाहनों का दबाव घट जाएगा। अभी सड़क जाम के कारण दीघा से पटना जंक्शन जाने में घंटों लग जाते हैं। सड़क निर्माण के बाद दीघा से पटना जंक्शन की दूरी भी घटकर महज सात किलोमीटर हो जाएगी। शहर के कई महत्वपूर्ण सड़क भी इससे जुड़ जाएंगे। नई सड़क के बाद उत्तर बिहार से आने वाले वाहनों के बोझ को भी आसानी से झेला जा सकेगा। दीघा गंगा ब्रिज से अभी छोटे वाहनों का परिचालन हो रहा है। सोनपुर की तरफ चौड़ी सड़क के निर्माण नहीं होने के कारण वाहनों का दबाव नहीं है। उत्तर बिहार से आने वाले वाहनों के लिए एम्स तक जाने के लिए एलिवेटेड रोड का निर्माण भी हो रहा है। इसके साथ बगल में चौड़ी सड़क का निर्माण हुआ है। जुड़ जाएंगी कई कॉलोनियां दीघा रेल लाइन के स्थान पर सड़क निर्माण के बाद राजधानी के कई मोहल्ले मुख्य सड़क पर आ जाएंगे। पंचवटी कॉलोनी, माइका कॉलोनी, फेयर फिल्ड कॉलोनी, राजीव नगर, इंद्रपुरी, महेश नगर, शिवपुरी, पटेलनगर पूर्णरूप से मुख्य सड़क के किनारे आ जाएंगे। इन मोहल्ले का कायाकल्प हो जाएगा। इसके अलावा दीघा, पाटलिपुत्र, पुनाइचक, एसकेपुरी, आर.ब्लॉक का अधिकांश क्षेत्र का एक छोर मुख्य सड़क से जुड़ जाएगा।

पटना घाट से दीघा घाट का रेलखंड पटना का सबसे पुराना रेलखंड है। पटना में रेल लाइन बिछाने के लिए इसका निर्माण किया गया था। बाद में इसपर रेलसेवा बंद हो गई। लालू प्रसाद के रेलमंत्री बनने के बाद इस …

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