मुंबई. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए विपक्ष को आइडिया सुझाया है. शौरी ने कहा है कि विपक्षी दलों को चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए उसके खिलाफ एक संयुक्त उम्मीदवार उतारकर केवल दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला बनाने पर सर्वसम्मति से फैसला करना चाहिए. 
उन्होंने यहां कहा, ‘जैसा कि इस्लामी चरमपंथ में होता है, अगर कोई प्रवचन दे रहा है तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब वे हथियार उठाकर जमीन कब्जा लेते हुए हैं तो यह असल समस्या बन जाती है. आपको उन्हें सैन्य तरीके से हराना होगा.’ शौरी ने एक परिचर्चा में कहा, ‘इसलिए लोकतंत्र में भी, इस तरह के बलों की हार चुनावी सुधार के जरिये होनी चाहिए. विपक्ष व अन्य के नेताओं को एक संकल्प लेना चाहिए कि बीजेपी के उम्मीदवार के खिलाफ केवल एक उम्मीदवार.’
अरुण शौरी इससे पहले कई मौकों पर केंद्र में काबिज बीजेपी और उसकी पॉलिसी के खिलाफ बयान जाहिर कर चुके हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने 4 अक्टूबर को नोटबंदी को मनी लॉन्ड्रिंग स्कैम बताया था और कहा था कि, ‘इसके जरिए बड़े पैमाने पर ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया है.’ अरुण शौरी ने जी.एस.टी. लागू करने को नासमझी में लिया गया फैसला करार देते हुए कहा था कि इसमें बड़ी त्रुटियां हैं. यही कारण है कि सरकार को कई बार इसके नियमों में बदलाव करना पड़ा. जी.एस.टी. से कारोबार पर संकट आया है और लोगों की आमदनी घटी है. इस समय देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है जो जी.एस.टी. के कारण ही पैदा हुआ है.’
शौरी का बयान काफी कुछ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और बीजेपी के लोकसभा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बयानों से मेल खाता है. ये दोनों वरिष्ठ नेता पार्टी लाइन से हटकर अपनी राय के लिए हाल के दिनों में चर्चा में रहे हैं.
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