भारत-चीन के बीच एलएसी पर हालात तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। इस बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि चीन ने अपने रूस निर्मित सुखोई विमानों को तिब्बत बॉर्डर पर तैनात किया है। उन्होंने कहा कि हमें जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। बता दें कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिशों के बाद भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता लगातार चौथे दिन बेनतीजा रही।
सेना प्रमुख ने की समीक्षा
लद्दाख दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख नरवाने ने पैंगोंग झील के संपूर्ण इलाके की सुरक्षा स्थितियों को लेकर स्थानीय कमांडरों के साथ विशेष समीक्षा बैठक की। अग्रिम मोर्चे के कमांडरों ने दुश्मन की चुनौतियों का जवाब देने के लिए सेना की ऑपरेशनल तैयारियों से भी सेना प्रमुख को रूबरू कराया। बुधवार को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में अग्रिम मोर्चे पर वायुसेना की तैयारियों का जायजा लिया था। उन्होंने जवानों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश भी दिया।
चीन-पाक से निपटने को तैयार : रावत
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत परमाणु से लेकर अन्य पारंपरिक खतरों तक का सामना कर रहा है और हमारी सेनाएं इन सबसे निपटने में सक्षम हैं। चीन से गतिरोध का फायदा उठाने की कोशिश में अगर पाक ने कुछ भी करने का प्रयास किया, तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
कूटनीति से ही निकलेगा समाधान : जयशंकर
एक कार्यक्रम में विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद के हल का रास्ता कूटनीति के गलियारे से ही होकर निकलेगा। उन्होंने जोर दिया कि किसी समझौते पर पहुंचना दोनों देशों के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। सीमा पर जो भी होता है, उसका प्रभाव आपसी संबंधों पर पड़ता है।
हर मोर्चे पर तैयार सेना
सेना एलएसी के अग्रिम मोर्चे पर चीनी सैन्य आक्रामकता बढ़ने की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं कर रही है। विशेषकर पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाकों में चीनी सेना की किसी भी तरह की कारस्तानी को रोकने के लिए खास सर्तकता बरती जा रही है।
पैंगोंग त्सो में यथास्थिति बदलने के प्रयास
चीन ने पैंगोंग त्सो में यथास्थिति बदलने के प्रयास में भड़काऊ सैन्य हरकतें कीं। चीनी सैनिकों ने 31 अगस्त को उकसावे वाली कार्रवाई की थी, मगर भारतीय सैनिकों ने पीएलए की भूमि पर कब्जा करने वाले मंसूबों को नाकाम कर दिया। 29-30 अगस्त 2020 की मध्यरात्रि को चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के दौरान सैन्य-राजनयिक सहमति का उल्लंघन किया।