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FIFA वर्ल्ड कप: अर्जेंटीना को तीसरी बार खिताब दिला पाएंगे मेसी?

फुटबॉल जगत के महान खिलाड़ियों में शुमार लियोनेल मेसी ने अपने करियर में सभी ट्रॉफी जीती है, लेकिन वह अब तक अपने देश को फीफा विश्व कप का खिताब दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं. रूस में 14 जून …

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FIFA 2018: वर्ल्ड कप में इस धुरंधर के नाम है सबसे ज्यादा गोल

2018 फीफा वर्ल्ड कप 2 दिन बाद रूस में 32 टीमों के बीच खेला जाएगा. फुटबॉल के इस महासंग्राम का इंतजार फैंस को बेसब्री से है. सिर्फ टीम की नहीं, बल्कि दुनियाभर के धुरंधर फुटबॉलरों के बीच रोमांचक और कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप में कुल 736 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. इन खिलाड़ियों में से 53 ऐसे फुटबॉलर हैं, जिनके नाम वर्ल्ड कप में कम से कम एक गोल दर्ज है. मौजूदा वर्ल्ड कप में शामिल खिलाड़ियों में डिफेंडिंग चैंपियन जर्मनी के स्टार फॉरवर्ड थॉमस मुलर के खाते में सर्वाधिक 10 गोल हैं. उनके बाद कोलंबिया के फुटबॉलर जेम्स रोड्रिग्ज के नाम 6 गोल दर्ज है. इसके बाद अर्जेंटीना के स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेसी और गोंजालो हिगुएन, उरुग्वे के लुइस सुआरेज और ऑस्ट्रेलिया के टिम काहिल के नाम 5-5 गोल दर्ज हैं. मौजूदा वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रहे फुटबॉलरों के गोल - 10 -  थॉमस मुलर (जर्मनी) 6 -  जेम्स रोड्रिग्ज (कोलंबिया) 5 -  लियोनेल मेसी (अर्जेंटीना) 5 -  गोंजालो हिगुएन (अर्जेंटीना) 5 -  लुइस सुआरेज (उरुग्वे) 5 -  टिम काहिल (ऑस्ट्रेलिया) फीफा वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे ज्यादा गोल-  फीफा वर्ल्ड कप में जर्मनी के पूर्व स्ट्राइकर मिरोस्लाव क्लोजे ने 24 मैचों में सबसे ज्यादा 16 गोल किए हैं. क्लोजे के पीछे ब्राजील के रोनाल्डो हैं, जिन्होंने 19 मैचों में 14 गोल किए हैं.

2018 फीफा वर्ल्ड कप 2 दिन बाद रूस में 32 टीमों के बीच खेला जाएगा. फुटबॉल के इस महासंग्राम का इंतजार फैंस को बेसब्री से है. सिर्फ टीम की नहीं, बल्कि दुनियाभर के धुरंधर फुटबॉलरों के बीच रोमांचक और कड़ी …

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खौफनाकः ज्वालामुखी से निकलता है मौत का लावा

खौलते-दहकते शोलों ने क़रीब महीने भर से अमेरिका के हवाई और ग्वाटेमाला को दहला रखा है. रह-रह कर फूटते ज्वालामुखी और इनसे निकलते लावे की नदियां अपने रास्ते में आनेवाली हर चीज़ को खाक करती आगे बढ़ रही हैं. मरने वालों की तादद लगातार बढ़ रही है. हालांकि इन शोलों ने अपने अंदर से कई सवाल भी बाहर उगले हैं. सवाल ये है कि आखिर ज़मीन के अंदर धधकती आग कहां से आती है? ज़मीन के नीचे मौजूद पत्थर किन हालात में आग का दरिया बन जाती हैं? ज्वालामुखी का ज्वाला आखिर कितना गर्म होता है. बहते लावे का तापमान कितना होता होगा? आग का दरिया और खौफनाक मंजर रह-रह कर उबलते और ज़मीन पर बहते शोले की तस्वीरें जितनी ख़ौफ़नाक हैं. उतनी ही दिलकश भी. पिघलते शोले की दिलकश तस्वीरें हर बार हैरान करती हैं. वजह ये कि पत्थर जैसी सख़्त और बेजान चीज़ अपने अंदर पैदा हुई गर्मी से यूं आग के दरिया में तब्दील हो सकती है, ये देख कर और जान कर भी इस पर आसानी से यकीन नहीं होता. क्योंकि आज तक आप और हम अपने आस-पास सचमुच जिन पत्थरों को देखते आए हैं, वो बेहद कठोर, भारी और सख्त होते हैं. कुछ इतने सख्त कि जब किसी सख्त चीज़ की मिसाल भी दी जाती है, तो ज़िक्र पत्थरों का ही होता है. कितनी होती है लावे की तपिश लेकिन 2,120 तापमान पर पिघलते लावे की कहानी ही कुछ और है. ये सख्त तो नहीं, लेकिन गर्म इतनी है कि अपने रास्ते में आनेवाले हर चीज़ का नामो-निशान मिटा दे. गर्म लावे के इसी मिज़ाज को समझने के लिए हाल ही में वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे प्रयोग किए जिनके नतीजों ने खुद इन वैज्ञानिकों के साथ-साथ पूरी दुनिया को भरमा दिया. इन प्रयोगों की पूरी सच्चाई जानने से पहले समझ लेते हैं कि पिघलते लावे की असली तपिश आख़िर होती कितनी है और ये हमारे आस-पास मौजूद चीज़ों के मुकाबले आखिर कितना ज़्यादा गर्म है. बर्फ़ का पिघलना 32 डिग्री तापमान यानी फॉरेनहाइट पर बर्फ पिघलना शुरु होती है. सबसे पहले बर्फ़ के पिघलते टुकड़े को देखिए. रेफ्रिजरेटर से निकालने के चंद मिनटों के अंदर ही बर्फ़ तेज़ी से पिघलने लगती है और धीरे-धीरे पानी में तब्दील हो जाती है. जानते हैं उस वक्त यहां का तापमान कितना होता है? महज़ 32 डिग्री. 32 डिग्री की इस गर्मी में इंसान आराम से रह सकता है. चॉकेलट का पिघलना अब बारी चॉकलेट की है. आम तौर पर चॉकलेट 50 डिग्री तापमान तक अपनी शेप यानी आकार में रहती है. लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाती है, चॉकलेट भी पिघलने लगती है. लेकिन पूरी तरह पिघलने के लिए चॉकलेट को भी 90 डिग्री तापमान की गर्मी की दरकार होती है. बहता लावा, तबाही का मंजर ज्वालामुखी से निकलते, पिघलते और बहते लावे को आख़िर इस रूप में आने के लिए कितनी गर्मी की ज़रूरत होती होगी? ये जानना ही अपने-आप में किसी अजूबे से कम नहीं है. क्योंकि ये तापमान है 2,120 डिग्री फॉरेनहाइट या फिर कई बार उससे भी ज़्यादा. पिघलते लावे की तस्वीरें इसका अहसास तो कराती ही हैं, लेकिन लावे के साथ-साथ पिघलते लोहे की इन तस्वीरों को देख कर भी आप इस गर्मी को समझ सकते हैं. क्योंकि आम तौर पर लोहे को पिघलने के लिए भी 2,000 डिग्री फॉरेनहाइट से ज़्यादा की गर्मी की ज़रूरी होती है. अमेरिकी वैज्ञानिकों के प्रयोग वैसे यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे की माने तो कई बार लावा 570 डिग्री फॉरेनहाइट पर भी ज़मीन के नीचे से बाहर निकलने लगता है. लेकिन हैरानी भरे तरीक़े से अपने धीरे-धीरे बहने और पूरी रफ्तार से चलने के दौरान इसकी गर्मी में कई गुना ज़्यादा इज़ाफ़ा हो जाता है. उदाहरण के लिए धीरे-धीरे बहते इस लावे का तापमान 895 डिग्री फॉरेनहाइट, जबकि सौ मील की रफ्तार से बहते लावे की इस नदी का तापमान 2,120 डिग्री फॉरेनहाइट तक हो सकता है. जिसके आस-पास फटकना भी खुद को राख में तब्दील कर लेने वाली बात है. लेकिन फिर भी कुछ अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अपनी जान पर खेल कर हाल में इस लावे को लेकर जो प्रयोग किए हैं, उसकी तस्वीरें भी दिमाग़ घुमा देने वाली हैं. लावे में आई-फ़ोन वैज्ञानिकों ने धीरे-धीरे बहते इस लावे की गर्मी का अंदाजा लगाने के लिए एक आई फ़ोन को ही इसके हवाले कर दिया. नतीजा क्या हुआ, ये आपके सामने है. देखते ही देखते आईफ़ोन में आग लग गई, वैज्ञानिकों ने कुछ देर के लिए उसे निकाला भी, लेकिन अगली बार जब ये लावे की चपेट में आया तो इसे राख बनते देर नहीं लगी. लावे में कैन्ड फूड आई फ़ोन के बाद बारी कैन्ड फूड के एक डिब्बे की थी. डिब्बा लावे में क्या गया, कुछ ऐसे गायब हुआ कि उसका कोई नामो-निशान ही नहीं बचा. अब ज़रा सोचिए उन मकानों, दुकानों, गाड़ियों या फिर इंसानों और जानवरों की, जो ऐसे लावे की चपेट में आते होंगे. पिघलता और बहता लावा उनका क्या हाल करता होगा. यही करामात है शोलों से निकले इस लावे की. जो इंसान को खौफ से भर देती है.

खौलते-दहकते शोलों ने क़रीब महीने भर से अमेरिका के हवाई और ग्वाटेमाला को दहला रखा है. रह-रह कर फूटते ज्वालामुखी और इनसे निकलते लावे की नदियां अपने रास्ते में आनेवाली हर चीज़ को खाक करती आगे बढ़ रही हैं. मरने …

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नॉर्थ कोरिया के साथ कोई भी समझौता संसद की निगरानी में हो: डेमोक्रेट्स

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच मंगलवार को ऐतिहासिक मुलाकात हुई. दोनों ने कहा कि दोनों देश आगे साथ मिलकर शांति की बात करेंगे. इसी बीच अमेरिका में विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष छह सांसदों ने मांग की है कि उत्तर कोरिया के साथ कोई भी संभावित समझौता कांग्रेस के अनुमोदन और उसकी निगरानी में ही हो. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक नेतृत्व ने एक बयान में कहा, ‘‘आने वाले समय में भले ही जो हो लेकिन प्रशासन को उत्तर कोरिया पर कांग्रेस से सलाह मश्विरा करना चाहिए. कोई भी संभावित समझौता कांग्रेस की निगरानी में ही हो. ’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ईरान परमाणु समझौते पर मजबूत निगरानी की मांग की थी और वे उत्तर कोरिया के संबंध में भी ऐसी ही मांग करते हैं. तब डेमोक्रेटिक ओबामा प्रशासन ने कांग्रेस को नजरअंदाज कर दिया था. डेमोक्रेटिक सांसदों के अनुसार, अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर वार्ता अधिक सुरक्षित, स्थिर कोरियाई प्रायद्वीप बनाने और एशिया में अमेरिकी नेतृत्व की क्षमताओं को साबित करने का ऐतिहासिक अवसर है. गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन ने सिंगापुर के सेंटोसा द्वीप में एक दूसरे से हाथ मिलाया और हंसकर बातचीत भी की. पहले दौर की बातचीत के बाद फिलहाल दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक चल रही है. सेंटोसा द्वीप के कैपेला रिजॉर्ट में दोनों नेताओं के बीच 41 मिनट तक वन-ऑन-वन मुलाकात हुई. ये मुलाकात कई मायनों में ऐतिहासिक है. अमेरिका का कोई सिटिंग राष्ट्रपति पहली बार किसी उत्तर कोरियाई नेता से मिला है. वहीं, सत्ता संभालने के 7 साल बाद किम जोंग उन पहली बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर आए हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच मंगलवार को ऐतिहासिक मुलाकात हुई. दोनों ने कहा कि दोनों देश आगे साथ मिलकर शांति की बात करेंगे. इसी बीच अमेरिका में विपक्षी दल डेमोक्रेटिक …

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इमरान खान की Ex-wife ने वसीम अकरम की ‘सेक्स लाइफ’ को लेकर किया सनसनीखेज खुलाासा

पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और नेता इमरान खान की एक्स-वाइफ रेहम खान ने एक ऐसा खुलासा किया है जिससे कि हर तरफ सनसनी फैल गई है. रेहम खान ने क्रिकेटर वसीम अकरम की सेक्स लाइफ को लेकर ये खुलासा अपनी किताब में किया है. अंग्रेज़ी मीडिया 'टीओआई' के हवाले से ख़बर है कि रेहम कि ये किताब के कुछ हिस्से ऑनलाइन लीक हो गए हैं.  इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि रेहम ने किताब में कहा है कि अपने सेक्स से जुड़ी कल्पनाओं को पूरा करने के लिए वसीम अकरम ने अपनी पूर्व दिवंगत पत्नी का इस्तेमाल किया. रेहम ने लिखा है कि अकरम ने अपने सामने ही एक अफ्रीकी व्यक्ति से अपनी पत्नी को सेक्स करने पर मजबूर किया. उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि उनकी सेक्स से जुड़ी कल्पनाओं को तृप्ति मिल सके. लीक हुए हिस्से में ये बात किताब की पेज संख्या 402 से 572 के बीच छपी है. इन आरोपों के बाद बाद वसीम अकरम ने रेहम खान को कानूनी नोटिस भेजा है. रेहम ने इमरान खान पर भी कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने ब्रिटेन के एक बिजनेसमैन का जिक्र करते हुए लिखा है कि वो इमरान के बुरे कामों पर पर्दा डालने का काम करता है. किताब के पेज नंबर 464 पर उन्होंने लिखा है कि इमरान ने एक महिला को प्रेग्नेंट कर दिया था जिसके बाद बुखारी नाम के इस बिजनेसमैन ने उसके अबॉर्शन का बंदोबस्त करवाया. आपको बता दें कि रेहम और इमरान की शादी साल 2015 की जनवरी में हुई थी और इसी साल के अक्टूबर महीने में दोनों का तलाक हो गया. ये इमरान की दूसरी शादी थी. पिछले साल इमरान ने इस्लामिक धर्मगुरू बुशरा खान से शादी की है. ऐसी ख़बरें हैं कि ये शादी भी टूटने की कगार पर है. जेमिमा के साथ 1995 में इमरान की पहली शादी हुई थी और ये शादी नौ सालों तक चली थी.

पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और नेता इमरान खान की एक्स-वाइफ रेहम खान ने एक ऐसा खुलासा किया है जिससे कि हर तरफ सनसनी फैल गई है. रेहम खान ने क्रिकेटर वसीम अकरम की सेक्स लाइफ को लेकर ये …

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ट्रंप और किम ने सिंगापुर समझौते पर किए साइन, उत्तर कोरियाई नेता ने कहा- दुनिया अब बदलाव देखेगी

ऐतिहासिक तल्खियों को मिटाकर आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की खुशगवार माहौल में मुलाकात हुई और ये मुलाकात सिंगापुर के होटल कैपेला में 50 मिनट तक चली. इस मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बहुत अच्छी बातचीत हुई. कभी दोनों नेताओं के तल्ख बयान एक-दूसरे के बीच जंग की शंका पैदा करते थे, लेकिन आज जब पहली बार मिले तो पहले हाथ मिलाया उसके बाद दोनों बातचीत के लिए होटल के एक कमरे में पहुंचे. ट्रंप ने किम जोंग उन के बीच करीब 50 मिनट तक बातचीत हुई. बातचीत शुरू करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम दोनों देशों के संबंध अच्छे होंगे. वहीं किम जोंग उन ने कहा कि आपसे मिलना इतना आसान नहीं था. मुझे खुशी है कि हम सारी दिक्कतों को हटा कर मिल रहे हैं. वन टू वन मुलाकात के बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक हुई. इससे पहले डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन अलग-अलग होटलों से सेंतोसा आइसलैंड स्थित कैपेला होटल पहुंचे. ट्रंप और किम जोंग उन के बीच परमाणु परीक्षण को लेकर लंबे समय से तल्खी रही है. ऐसे में सिंगापुर की धरती पर हुई मुलाकात पर सबकी नजर टिकी थी. एबीपी न्यूज़ भी सिंगापुर में मौजूद है. डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन मुलाकात की खास बातें 11:23 AM: भविष्य में किम जोंग उन से मुलाकात पर डोनल्ड ट्रंप ने कहा- हम फिर मिलेंगे और आगे कई बार मिलेंगे. 11:20 AM: डोनल्ड ट्रंप ने किम जोंग उन को अमेरिका बुलाए जाने के सवाल पर कहा, हम जरूर बुलाएंगे 11:17 AM: समझौते पर हस्ताक्षर के बाद डोनल्ड ट्रंप ने कहा- यह काफी व्यापक और महत्वपूर्ण दस्तावेज है 11:12 AM: किम जोंग उन और डोनल्ड ट्रंप ने समझौते पर किये हस्ताक्षर. 11:10 AM: ट्रंप से मुलाकात को किम जोंग उन ने बताया ऐतिहासिक, कहा- दुनिया अब बदलाव देखेगी. 10:45 AM: ट्रंप ने कहा कि वह और किम किसी समझौते पर करेंगे. 7:45 AM: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के साथ हो रही ऐतिहासिक शिखर वार्ता के आलोचकों को ‘बैरी और पराजित’ करार दिया और कहा कि ‘हम ठीक हो जाएंगे.’ 7:40 AM: परमाणु निरस्त्रीकरण पर डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि हम साथ काम करेंगे.7:30 AM: डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता जारी. बैठक में दोनों देशों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद. 7:25 AM: किम जोंग उन से मुलाकात के बाद बोले डोनल्ड ट्रंप, बहुत अच्छी रही बातचीत. 7:15 AM: आमने-सामने सीधी मुलाकात के बाद कैपेला होटल की बालकनी में ट्रम्प और किमजोंग उन साथ चहलकदमी करते भी नज़र आये 6:55 AM: किम जोंग उन और ट्रंप के बीच बातचीत जारी. 6:50 AM: किम जोंग उन ने ट्रंप के मुलाकात के दौरान कहा- आपसे मिलना इतना आसान नहीं था. मुझे खुशी है कि हम सारी बाधाओं को पार कर मिल रहे हैं 6:45 AM: ट्रंप और किम जोंग उन के बीच बैठक जारी, ट्रंप ने कहा- उम्मीद है बातचीत सकारात्मक होगी, दोनों देशों के संबंध बेहत होंगे. 6:35: AM: औपचारिक मीटिंग के लिए मीटिंग स्थल पहुंचे दोनों नेता. 6:30 AM: कैपेला होटल में किम जोंग उन और डोनल्ड ट्रंप ने की मुलाकात, दोनों ने गर्मजोशी से मिलाया ह 6:05 AM: सेंतोसा आइसलैंड स्थित कैपेला होटल पहुंचे डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन, थोड़ी देर में करेंगे मुलाकात. 5:55 AM: किम जोंग उन सेंतोसा द्वीप स्थित कैपेला होटल के लिए रवाना, ट्रंप से होगी मुलाकात. यह पहली बार है कि अमेरिका के राष्ट्रपति उत्तर कोरिया के नेता से मुलाकात कर रहे हैं. अमेरिका ने सिंगापुर सम्मेलन से पहले कहा कि उत्तर कोरिया के साथ चर्चा 'उम्मीद से ज्यादा तेजी' से बढ़ रही है. वहीं उत्तर कोरिया ने कहा कि संबंधों का नया दौर शुरू हो चुका है. ट्रंप मंगलवार शाम को सिंगापुर से रवाना हो जाएंगे. दोनों नेता रविवार को मुलाकात के लिए सिंगापुर पहुंचे थे. डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच मुलाकात पर आने वाले खर्च का वहन सिंगापुर की सरकार कर रही है. सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लुंग ने कहा कि इस बैठक पर करीब 20 मिलियन सिंगापुर डॉलर (100 करोड़ रुपये से ज्यादा) का खर्च आएगा.

ऐतिहासिक तल्खियों को मिटाकर आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की खुशगवार माहौल में मुलाकात हुई और ये मुलाकात सिंगापुर के होटल कैपेला में 50 मिनट तक चली. इस मुलाकात के बाद …

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किम के लिए ट्रंप ने पहनी लाल टाई, 12 सेकेंड तक मिलाया हाथ, 50 मिनट चली बातचीत, 10 खास बातें

सिंगापुर की मेजबानी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की आज ऐतिहासिक मुलाकात हुई. पुरानी तल्खी भूल दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया. इस दौरान दुनिया भर की मीडिया के सामने ट्रंप और किम के चेहरे पर मौजूद मुस्कान देखने लाइक थी. दोनों फिर एक कमरे में पहुंचे और करीब 50 मिनट तक बातचीत की. जहां उनके अलावा सिर्फ अनुवादक मौजूद था. मुलाकात के बाद दोनों बाहर निकले और कैपेला होटल की बालकनी में चहलकदमी की. इसके ठीक बाद दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. इस मौके पर दोनों देशों के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. जानिए ऐतिहासिक मुलाकात की 10 बड़ी बातें- 1. 12 सेकेंड तक मिलाया हाथ: रविवार से सिंगापुर में मौजूद ट्रंप और किम आज सुबह अलग-अलग काफिले के साथ सेंतोसा आइसलैंड स्थित कैपेला होटल पहुंचे. दोनों नेताओं ने करीब 12 सेकंड तक हाथ मिलाए. फोटोग्राफर्स के सामने ट्रंप ने अपना हाथ किम जोंग के कंधे पर रख दिया. इस दौरान उन्होंने एक - दूसरे से कुछ शब्द कहे और उसके बाद होटल के पुस्तकालय के गलियारे में चले गए. महीनों की लंबी कूटनीतिक खींचतान और बातचीत के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात हुई. 2. बाधा पार कर हम यहां हैं: मुलाकात की शुरुआत में ट्रंप ने कहा, "मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. यह बेहतरीन चर्चा होगी और मुझे लगता है कि यह सफल रहेगी. यह बहुत सफल होगी और हमारे बीच संबंध बेहतरीन होंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है.'' जिसके बाद किम जोंग ने कोरियाई भाषा में कहा कि पुरानी धारणाएं हमारे मार्ग में बाधा बनी लेकिन हमने इन बाधाओं को पार कर लिया है और आज हम यहां मौजूद हैं. 3. अच्छी मुलाकात: यह पूछे जाने पर कि बातचीत कैसी रही , ट्रंप ने कहा , ‘‘बहुत , बहुत अच्छी. शानदार रिश्ते. किम से कम से कम तीन बार पूछा गया कि क्या वह परमाणु हथियार छोड़ देंगे , इसकी प्रतिक्रिया में वह सिर्फ मुस्कुराए. ट्रंप और किम दोनों ने संक्षिप्त टिप्पणी की. ट्रंप ने कहा कि वह मानते हैं कि वह और किम ‘‘बड़ी समस्या, बड़ी दुविधा को दूर कर लेंगे’’ और साथ काम करके हम इसका ध्यान रखेंगे. 4. शांति के लिए मुलाकात: किम जोंग उन ने मुलाकात के बाद कहा, ‘‘आगे चुनौतियां आएंगी लेकिन हम ट्रंप के साथ काम करेंगे. हम इस शिखर वार्ता को लेकर सभी तरह की अटकलों और संदेहों से पार पा लेंगे और मेरा मानना है कि शांति के लिये यह अच्छा है.’’ 5. इसलिए ट्रंप ने पहनी लाल टाइ: उत्तर कोरियाई मीडिया के मुताबिक किम वास्तव में वार्ता स्थल पर ट्रंप से सात मिनट पहले पहुंच गए थे. ऐसा उन्होंने सम्मान व्यक्त करने के लिये किया क्योंकि यह संस्कृति है , जिसमें युवा बुजुर्गों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिये उनसे पहले पहुंचते हैं. ट्रंप ने जो लाल टाई पहनी हुई थी वह भी किम के प्रति कुछ सम्मान व्यक्त करने वाली हो सकती है क्योंकि उत्तर कोरियाई इस रंग को पसंद करते हैं. 6. वन-टू-वन मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई. अमेरिका की ओर से ट्रंप के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली और फिलीपींस में अमेरिका के राजदूत सुंग किम शामिल थे. 7. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के साथ हो रही ऐतिहासिक शिखर वार्ता के आलोचकों को ‘‘बैरी और पराजित’’ करार दिया और कहा कि ‘‘हम ठीक हो जाएंगे.’’उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ बातचीत से कुछ घंटों पहले ट्रंप ने ट्विटर के जरिये इसके आलोचकों पर जमकर निशाना साधा. 8. किम जोंग उन और डोनल्ड ट्रंप रविवार को सिंगापुर पहुंच गए थे और दोनों ने ही सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग से अलग-अलग मुलाकातें कीं. दोनों के बीच हुई मुलाकात पर होने वाले खर्च का वहन सिंगापुर की सरकार कर रही है. सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने सोमवार को कहा था कि हम होटल का बिल चुकाएंगे. 9. अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच लंबे समय से तनातनी रही है. उत्तर कोरिया परमाणु बम के परीक्षण और धमकी से पड़ोसी खासकर दक्षिण कोरिया को चौंकाता रहा है. उत्तर कोरिया परमाणु शक्ति के बल पर अमेरिका को भी धमकी देने से नहीं चूकता है. डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों में तल्खी और बढ़ी. दोनों नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हुई. 10. उत्तर कोरिया की आधिकारिक संवाद समिति ने रविवार को कहा था कि किम वार्ता के दौरान ‘परमाणु निरस्त्रीकरण’ और ‘स्थायी शांति’ के लिये बातचीत को तैयार हैं. ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि किम के पास इतिहास रचने का ‘एक मौका ’ है.

सिंगापुर की मेजबानी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की आज ऐतिहासिक मुलाकात हुई. पुरानी तल्खी भूल दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया. इस दौरान दुनिया भर की मीडिया के सामने …

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दिल्ली हाईकोर्ट ने वेबसाइट और केबल ऑपरेटर्स को फुटबाल मैचों का प्रसारण करने पर लगाई रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने वेबसाइट, केबल ऑपरेटर्स और इंटरनेट सेवा देने वालों समेत 160 इकाइयों पर सोनी से बिना लाइसेंस लिए अवैध तरीके से किसी भी रूप में 2018 फीफा विश्व कप के प्रसारण पर रोक लगा दी है. फुटबाल विश्वकप 14 जून से शुरू हो रहा है. बता दें कि सोनी को फुटबाल विश्वकप के प्रसारण का अधिकार मिला है. जज प्रतिभा एम सिंह ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क डिस्ट्रीब्यूशन इंडिया प्राइवेट लि. (सोनी) की याचिका पर यह अंतरिम निर्देश दिया. याचिका में यह आशंका जतायी गई थी कि केबल परिचालक और वेबसाइट कार्यक्रम के अनाधिकृत पारेषण में शामिल हो सकती हैं. कोर्ट ने इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और दूरसंचार विभाग (डीओटी) से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इंटरनेट सेवा प्रदाता उन वेबसाइट को ब्लॉक करें जो विश्वकप फुटबाल मैच का अवैध तरीके से प्रसारण कर सकती हैं और जिनके नाम कंपनी की याचिका में हैं. कोर्ट ने सभी 160 इकाइयों को सोनी की याचिका पर अपना रुख बताने के लिये तलब किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सितंबर की तारीख रखी है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने वेबसाइट, केबल ऑपरेटर्स और इंटरनेट सेवा देने वालों समेत 160 इकाइयों पर सोनी से बिना लाइसेंस लिए अवैध तरीके से किसी भी रूप में 2018 फीफा विश्व कप के प्रसारण पर रोक लगा दी है. फुटबाल विश्वकप …

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क्यों हो रहे हैं बैंक घोटाले? आज संसदीय समिति के सामने बताएंगे RBI गवर्नर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल आज संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. इस दौरान वह बैंकिंग धोखाधड़ी और बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के बारे में अपना पक्ष रखेंगे. वित्त पर संसद की इस स्थायी समिति में …

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UPSC पास किए बगैर संयुक्त सचिव के लिए सीधी भर्ती पर विपक्ष ने साधा निशाना, येचुरी ने कहा ये ‘संघियों’ की भर्ती योजना है

यूपीएससी एग्जाम के बगैर संयुक्त सचिव स्तर पर सीधी भर्ती कराने के फैसले पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर करारा निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक स्तर पर संघियों की भर्ती कराने की कोशिश है. इसके जरिए यूपीएससी और एसएससी पास करने वाले कैंडिडेट का महत्व कम किया जा रहा. उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसलों के जरिए केन्द्र सरकार आरक्षण को भी खत्म करने की कोशिश कर रही है. येचुरी अलावा अन्य कई विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशासनिक विफलता का परिणाम है. उन्होंने कहा, "दस विभागों में वरिष्ठ स्तर पर नौकरशाही के पद ऐसे निजी लोगों के लिए खोलना जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास नहीं की है, ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशासनिक विफलता का परिणाम है."उन्होंने कहा कि यह खतरनाक परम्परा है और इससे केंद्र सरकार की नीतियों में पूंजीवादियों और धनाढ्यों का प्रभाव बढ़ने की संभावना है. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी सरकार के फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा देश भर में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कमी के कारण उत्पन्न जरूरतों को देखते हुए प्रयोग के तौर पर ये योजना लाई गई है. साल 2013 से 2017 को छोड़कर 1990 के दशक से एनडीए के सहयोगी रहे कुमार ने सिविल सेवाओं को कमतर करने के लिए कांग्रेसी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पहले कि सरकारों ने हमें इस स्थिति में छोड़ दिया है कि हमें प्रशासन की कई जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई आ रही है. विपक्ष की आलोचनाओं से इत्तेफाक नहीं रखते हुए केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में भी सीधी भर्ती की वकालत की और कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. मानव संसाधन राज्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से शैक्षणिक संस्थानों की क्षमता में सुधार आएगा. इस पर आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि सरकार प्रतिबद्ध नौकरशाही यानि कि डेडिकेटेड ब्युरोक्रेसी चाहती है, इसलिए बिना यूपीएससी के ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाने का फैसला लिया गया है. हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का कहना है कि हमें अभी और ब्यौरे के बारे में जानने की जरूरत है. देखते हैं कि हमारे अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले सरकार क्या जवाब देती है. उन्होंने कहा, ‘‘इस विज्ञापन को लेकर आशंका है. अगले कुछ दिनों में हम इस बारे में जवाब दे सकेंगे.’’राजनीति में आने से पहले नौकरशाह रहे कांग्रेस प्रवक्ता पी एल पुनिया ने आरोप लगाया कि सरकार सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े लोगों की भर्ती करने का प्रयास कर रही है.

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