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लॉन्ग लास्टिंग हेयर कलर के लिए अपनाएं ये टिप्स

आजकल यंगस्टर्स में बालों को कलर करवाने का ट्रेंड बहुत देखा जा रहा है. कोई स्टाइलिश दिखने के लिए तो कोई अपने सफेद बालों को छुपाने के लिए हेयर कलर करवाता है. हेयर कलर करवाने के कुछ महीनों बाद ही …

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महालक्ष्मी मंदिर ने नवरात्रि में श्रद्धालुओं के लिए जारी किया ड्रेस कोड

पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति ने श्रद्धालुओं से नवरात्रि के मौके पर तंग कपड़े पहनकर नहीं आने का अनुरोध किया है। यह अपील पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर के लिए जारी की गई है। महाराष्ट्र देवस्थान समिति पश्चिमी महाराष्ट्र के 3000 से ज्यादा मंदिरों के मामले की देखभाल करती है। समिति की अपील ने महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई को यह चेतावनी जारी करने के लिए प्रोत्साहित किया है कि लादा गया ड्रेस कोड फतवा जैसा होगा और उसके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। सरकार द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष महेश जाधव ने कहा है कि कोई ड्रेस कोड लादा नहीं गया है। यह केवल श्रद्धालुओं से तंग कपड़े नहीं पहनने की अपील की गई है। जाधव ने कोल्हापुर से फोन पर हुई बातचीत में कहा, 'देश भर से हमें हजारों पत्र और ई-मेल मिले हैं। इसमें सुझाव दिया गया है कि मंदिर की पवित्रता को (उचित परिधान के माध्यम से) बनाए रखा जाए। समिति की दो महिला सदस्य भी इससे सहमत हैं। इसलिए हमने दो दिन पहले महालक्ष्मी मंदिर में आने वाले लोगों से उचित परिधान में आने की अपील करने का प्रस्ताव पारित किया है।' उन्होंने कहा कि यदि कोई तंग कपड़े में आएगा या आएगी तो उसे प्रतिमा के दर्शन करने से नहीं रोका जाएगा। हम उन्हें उचित परिधान बदलने के लिए कक्ष भी मुहैया कराने के लिए तैयार हैं। अहमदनगर जिले में शनी शिंग्नापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की मांग करते हुए आंदोलन करने वाली तृप्ति देसाई ने कहा कि वह और उनकी समर्थक महालक्ष्मी मंदिर में ड्रेस कोड लादे जाने का विरोध करेंगी। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से पूरी तरह खुद को ढंक कर आने को कहना या महिलाओं के लिए साड़ी को अनिवार्य करना फतवा के जैसा होगा। यह असंवैधानिक होगा और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ होगा।

पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति ने श्रद्धालुओं से नवरात्रि के मौके पर तंग कपड़े पहनकर नहीं आने का अनुरोध किया है। यह अपील पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर के लिए जारी की गई है। महाराष्ट्र देवस्थान समिति पश्चिमी …

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घर में आसानी से करें अपनी बॉडी पॉलिशिंग

सभी लड़कियां खूबसूरत दिखने के लिए फेशियल, पेडीक्योर और तरह-तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करती हैं. इन्हीं में से एक है बॉडी पॉलिशिंग….. बॉडी पॉलिशिंग के द्वारा आप अपने पूरे शरीर को एक्सफोलिएट और  मॉश्चराइज़्ड कर सकते हैं. बॉडी …

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ये जैकेट्स आपको देंगी स्मार्ट लुक

आजकल का युवा वर्ग अपने ड्रेसिंग को लेकर काफी जागरूक हो गया है, वे अपने रोजाना के ड्रेसप मेें कुछ न कुछ नया करते ही रहते हैं। युवाओं में बढ़ता ड्रेस के प्रति रूझान उन्हें एक नए लुक में सामने …

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प्रधानमंत्री मोदी की एक अपील ने इस क्षेत्र में तोड़ डाले सारे पुराने रिकॉर्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील ने राष्ट्रीय राजधानी में खादी उत्पादों की बिक्री ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अकेले कनॉट प्लेस के स्टोर से बिक्री का मामला एक करोड़ से ऊपर पहुंच गया। यह रिकार्ड बिक्री दो अक्टूबर को हुई है। इसके दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात रेडियो कार्यक्रम में लोगों से खादी के उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की थी। एक अधिकारी ने बताया कि पूरी दिल्ली में खादी के स्टोर से गांधी जयंती के दिन दो अक्टूबर को बिक्री में 50 फीसद तक का इजाफा हुआ। कनॉट प्लेस के स्टोर में रिकार्ड तोड़ बिक्री हुई। बिक्री का आंकड़ा 1.06 करोड़ पर पहुंच गया। यह प्रधानमंत्री की अपील का असर है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में बिक्री का आंकड़ा 70.01 था। ADVERTISING inRead invented by Teads एक वर्ष में 2 अक्टूबर के दिन की बिक्री में करीब 36 लाख रुपये का इजाफा देखने को मिला, जो 51 फीसद का उछाल लिए हुए है। उस दिन कुल 13, 657 लोग स्टोर में आए, जबकि 2,730 बिक्री रसीद बनी। अधिकारी ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना दो अक्टूबर को खुद उपस्थित होकर ग्राहकों को संभाल रहे थे। दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना, युवती ने दूसरी युवती को बनाया 'हवस' का शिकार यह भी पढ़ें यहां पर याद दिला दें कि केंद्र सरकार खादी को विशुद्ध 'भारतीय ब्रांड' के रूप में स्थापित करने और विदेशी बाजारों तक इसकी पहुंच को मजबूती देने की योजना बना रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) के सचिव अरुण कुमार पांडा के मुताबिक, सरकार खादी को ऐसे भारतीय ब्रांड के रूप में स्थापित करने की सोच रही है, जिसकी बिक्री या प्रमोशन का हक सिर्फ खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) को है। इसके साथ ही सरकार विदेशी प्रदर्शनियों और अन्य आयोजनों में खादी की पैठ बढ़ाने की तैयारियों में भी जुट गई है। असल में कई विदेशी कंपनियां स्थानीय बाजारों में खादी को अपने ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत कराने की कोशिशों में लगी हैं। जर्मनी की एक कंपनी खादी नेचरप्रोडक्टे जीबीआर ने यूरोपीय यूनियन में ट्रेडमार्क और डिजाइन पंजीकरण के लिए नोडल एजेंसी ओएचआइएम से खादी को अपने ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत कराया था। सरकार का नया कदम ऐसी कंपनियों के मंसूबों को नाकाम करना और खादी को विदेशी बाजार में प्रतिष्ठित भारतीय ब्रांड के रूप में स्थापित करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील ने राष्ट्रीय राजधानी में खादी उत्पादों की बिक्री ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अकेले कनॉट प्लेस के स्टोर से बिक्री का मामला एक करोड़ से ऊपर पहुंच गया। यह रिकार्ड बिक्री दो अक्टूबर …

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इन बातों को ध्यान में रखकर करें फ़ोन सेक्स

रिलेशनशिप आजकल अलग-अलग तरह के होने लगे हैं. साथ में रहने वाला भी होता हैं, लॉन्ग डिस्टेंस भी हैं जिनमें पार्टनर दूर रहता है और ऐसे में वो एक दूसरे के साथ का मज़ा नहीं ले पाते. लॉन्ग डिस्टेंस में …

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2 अक्टूबर की आधी रात का पूरा सच, इस समझौते से टला टकराव

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले ट्रैक्टर-ट्रॉली, टाटा-407 समेत अन्य वाहनों से लैस किसानों का आधी रात को हुआ समझौता कई सवाल पैदा कर रहा है। इस आंदोलन से किसानों को क्या मिला? यह भी समझ से परे है। लेकिन सबसे बड़ा राज तो यह है कि आखिर 2 अक्टूबर की रात को ऐसा क्या हुआ कि पुलिस-किसान दोनों 'दोस्त' बन गए और किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत मिल गई। अब धीरे-धीरे इस समझौते की परतें खुल रही हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से आए हजारों किसानों की मांग सुनने के लिए कोई नेता आगे नहीं आ रहा था। हालांकि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं से जरूर बात की, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद किसान नेताओं के सामने किसान क्रांति पदयात्रा की सार्थकता का सवाल पैदा हो गया। सवाल यह भी था किसान क्रांति पदयात्रा दिल्ली के राजघाट तक नहीं पहुंची तो वे अपने समर्थकों को क्या मुंह दिखाएंगे, क्योंकि किसान नेताओं ने पदयात्रा राजघाट पर जाकर समाप्त करने का एलान किया था। दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना, युवती ने दूसरी युवती को बनाया 'हवस' का शिकार यह भी पढ़ें सूत्रों के मुताबिक, 2 अक्टूबर को किसान सुबह से लेकर शाम तक पुलिस से भिड़ते रहे। इस दौरान हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया, जिसमें 40 किसान और दर्जन भर पुलिसवाले घायल हुए। लेकिन जैसे-जैसे शाम से रात हुई और रात बीतने लगी किसान नेताओं की बेचैनी भी बढ़ी। इस दौरान किसान नेताओं को यह अहसास हो चला था कि पुलिस बल उन्हें दिल्ली में नहीं घुसने देगा। इस तरह हुआ किसान-पुलिस में समझौता सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के आला अधिकारी और किसान नेता दोनों ही चाह रहे थे कि मामला जल्द खत्म हो। ऐसे में एक फॉर्मूला पेश किया गया। इस फॉर्मूले के तहत यह तय हुआ कि किसान आधी रात को किसान घाट जाएंगे और 3 अक्टूबर को सुबह उजाला होने से पहले दिल्ली से यूपी लौट जाएंगे। इस पर किसान नेता और पुलिस दोनों राजी थे, लेकिन किसान अपने ट्रैक्टर ले जाने पर अड़ गए। इस पर पुलिस ने शर्त रखी कि रात को ट्रैफिक नहीं होता इसलिए ट्रैक्टर के साथ किसान जाएं, लेकिन रात में ही इन्हें लौटना होगा। दोनों पक्षों में हुए समझौते के तहत ऐसा ही हुआ। समझौते का हुआ पालन डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध से ट्रैक्टर को छूट, दिल्ली समेत 4 राज्य के लाखों किसानों को राहत यह भी पढ़ें पुलिस और किसान नेताओं के बीच हुए समझौते के तहत किसानों ने एक से दो बजे के बीच दिल्ली में प्रवेश करना शुरू किया। दो बजे किसान नेता राजघाट होते हुए किसान घाट पहुंचे। समझौते के तहत चार बजे तक किसानों ने यूपी वापस लौटना शुरू किया। पुलिस ने दिखाई समझदारी, दिल्ली में नहीं प्रवेश करने दिया किसानों को गुजरात के व्यापारियों से 4.5 करोड़ लूट में सनसनीखेज खुलासा, डॉन दाऊद से जुड़े तार यह भी पढ़ें पुलिस की मानें तो अगर किसानों को मंगलवार सुबह राजधानी में प्रवेश करने देने से दिल्ली की कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी। पांच हजार से अधिक किसान दिल्ली में प्रवेश करना चाह रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने देर रात तक उन्हें उत्तर प्रदेश-दिल्ली की सीमा पर रोके रखा। किसानों की ओर से हिंसक प्रदर्शन करने पर भी पुलिस ने आपा नहीं खोया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकना बड़ी चुनौती थी। स्पेशल ब्रांच से पुलिस को पहले ही सूचना मिल गई थी कि किसान हिंसक रूप भी धारण कर सकते हैं। लिहाजा तीन दिन पहले से पुलिस ने उन्हें सीमाओं पर रोकने की तैयारियां शुरू कर दी थी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस आमतौर पर दो या तीन स्तरीय बैरिकेड लगाती है, लेकिन किसानों को रोकने के लिए सात स्तरीय बैरिकेड लगाए गए थे। PM मोदी की एक अपील ने इस क्षेत्र में तोड़ डाले सारे पुराने रिकॉर्ड यह भी पढ़ें सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो स्तरीय बैरिकेड लगाए थे। उसके बाद 40 मीटर की दूरी पर दिल्ली पुलिस की ओर से बैरिकेड लगाए गए थे। यूपी पुलिस के बैरिकेड के बाद दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड से पहले पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े रखे थे, जिसे जर्सी बैरियर कहते हैं। इस बैरिकेड को हटाना आसान नहीं होता है। मंगलवार सुबह जब किसान दिल्ली कूच करने लगे, तब यूपी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। अधिकारियों ने किसान नेताओं से बात की, लेकिन वे नहीं माने। किसानों ने जब धमकी दी तो यूपी पुलिस डर गई और उनके आगे घुटने टेक दिए। किसान टै्रक्टर से उनके दोनों बैरिकेड तोड़कर चंद मिनटों में दिल्ली पुलिस के जर्सी बैरियर के पास पहुंच गए। क्या पलवल की मस्जिद में लगा है पाकिस्तान का पैसा? मेवात के मदरसे भी NIA के रडार पर यह भी पढ़ें ... इस तरह पुलिस ने दिया किसानों को जवाब 2 अक्टूबर को सुबह 11 बजे के आसपास सैकड़ों की संख्या में लाठी लिए किसानों ने जब पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया तो, उसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, फिर आंसू गैस व रबर बुलेट चलानी शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी का कहना है कि बड़ी मुश्किल से किसानों को देर रात तक दिल्ली आने से रोका गया। इस दौरान किसानों से निबटने को पुलिस पल-पल रणनीति बदलती रही। उसके बाद देर रात किसानों को किसान घाट जाने की अनुमति दे दी गई। तब तक करीब 80 फीसद किसान अपने घर लौट चुके थे। किसानों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए आयुक्त ने अपने कर्मचारियों की प्रशंसा की। वहीं, राजेश चौहान (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकियू) का कहना है कि कोई कुछ भी कह सकता है लेकिन सच्चाई यही है कि किसानों की मांगों को सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने मजबूती के साथ रखा गया। उसी का असर है कि केंद्र की सरकार सात प्रमुख मांगों पर मानने को तैयार हो गई।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले ट्रैक्टर-ट्रॉली, टाटा-407 समेत अन्य वाहनों से लैस किसानों का आधी रात को हुआ समझौता कई सवाल पैदा कर रहा है। इस आंदोलन से किसानों को क्या मिला? यह भी समझ से परे है। …

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पांच कैमरों के साथ लॉन्च हुआ LG V40 ThinQ, जानिए फ़ाचिर्स

एलजी ने ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप वाला स्मार्टफोन लॉन्च किया है. कोरियन कंपनी ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन LG V40 ThinQ में टोटल 5 कैमरे दिए हैं. इंडस्ट्री में फिलहाल कम ही स्मार्टफोन है जिसमें तीन रियर कैमरे दिए गए हैं, लेकिन अब ये ट्रेंड शुरू हो चुका है. डुअल कैमरे के बाद अब दौर ट्रिपल रियर कैमरे का है. देखना होगा कि आगे क्या कंपनी दर्जनों कैमरे वाले स्मार्टफोन लाएंगी या फिर पांच कैमरे तक ही रुक जाएंगी. यह स्मार्टफोन IP68 सर्टिफिकेशन वाला है यानी पूरी तरह वॉटर रेजिस्टेंट है. इसमें क्वॉल्कॉम का फ्लैगशिप प्रोसेसर स्नैपड्रैगन 845 प्रोसेसर दिया गया है और 6GB रैन है. इसे दो मेमोरी वेरिएंट्स में खरीदा जा सकता है – 64GB और 128GB जिसे माइक्रो एसडी से बढ़ा कर 2TB तक किया जा सकता है. वो अलग बात है कि आपको 2TB की मेमोरी कार्ड मिलनी मुश्किल है. अब बात करते हैं कैमरे की जो इसकी खासियत है. फोन के रियर में तीन कैमरे हैं. एक स्टैंडर्ड लेंस है जो 12 मेगापिक्सल का है जिसमें f/1.5 अपर्चर दिया गया है. दूसरे लेंस टेलीफोटो है जो 12 मेगापिक्सल का है और इसका अपर्चर f/2.4 है. तीसरे लेंस के तौर पर पर 16 मेगापिक्सल का वाइड एंगल लेंस दिया गया है जिसका अपर्चर f/1.9 है. सेल्फी के लिए फ्रंट में 5 मेगापिक्सल का वाइड एंगल लेंस दिया गया है जिसका अपर्चर f/2.2 है. कंपनी ने ट्रिपल कैमरा सेटअप को यूटिलाइज करने के लिए ट्रिपल शॉट नाम का एक फीचर दिया है जिससे यूजर्स तीनों लेंस को यूज करते हुए एक साथ तीन तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं. इस स्मार्टफोन में एलजी का हाईफाई क्वॉड DAC दिया गया है जो बेहतर साउंड क्वॉलिटी देगा. अमेरिका में इस स्मार्टफोन की कीमत 888 डॉलर (लगभग 66,400 रुपये) से शुरू है और यह वहां के टेलीकॉम कंपनियों पर भी डिपेंड करता है. यह ऑरोरा ब्लैक, मोरक्कन ब्ल्यू, प्लैटिनम ग्रे और रेड कलर वेरिएंट में मिलेगा. इसकी बिक्री 18 अक्टूबर से होगी.

एलजी ने ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप वाला स्मार्टफोन लॉन्च किया है. कोरियन कंपनी ने अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन LG V40 ThinQ में टोटल 5 कैमरे दिए हैं. इंडस्ट्री में फिलहाल कम ही स्मार्टफोन है जिसमें तीन रियर कैमरे दिए गए हैं, …

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ओरल सेक्स के आदि हैं तो हो जाएं सावधान

आज की जेनेरशन को ओरल सेक्स और फोरप्ले में ज्यादा भाता है. सेक्स से ज्यादा उन्हें इसी में मज़ा आता है. कई कपल तो ओरल सेक्स से ही चरम सुख पाते हैं लेकिन वो लोग इसके नुकस नहीं जानते हैं. …

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इन टिप्स से बनाएं अपने सेक्स को बेहतर

अक्सर लड़कियों की ख्वाहिश होती है कि वो अपने पार्टनर को बैडरूम में अच्छे से रिझाये. इसके लिए वो कई तरीके अपनाती है लेकिन कई बार वो सफल नहीं हो पति. हालाँकि दोनों के बीच संबंध तो बंध जाते हैं …

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