कालेधन और अवैध संपत्ति के सफाए में सरकार दिन रात लगी हुई है लेकिन लोग हैं कि अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे।
सरकार भले ही कालाधन और अवैध संपत्ति पर वार करने में जुटी हो लेकिन लोग हैं कि अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे। सरकारी अफसरों और बड़े व्यवसायियों के स्तर पर तो स्थितियां और भी खराब हैं।इस बीच जयपुर के एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जयपुर दमकल विभाग में कार्यरत चीफ फायर अफसर को धर दबोचा है। इस अफसर को डेढ़ लाख लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। यह अफसर अब गिरफ्त में है।
एंटी करप्शन ब्यूरो को देखते ही फेंकने लगा पैसा
फायर अफसर को जैसे ही इस बात की भनक लगी कि वह पकड़ा जा सकता है। उसने अपने पैसों को पड़ोसी से घर में फेंकना शुरू कर दिया। चीफ फायर ऑफिसर दिनेश वर्मा की घर तलाशी में 61 लाख की नकदी बरामद हुई। इस नकदी में 40 लाख के नए नोट हैं। एसीबी टीम की दबिश पर फायर अफसर के घर के सदस्यों ने मिठाई के डिब्बे में 3 लाख रुपए और आईफोन 7 अपने बगल वाले खाली प्लॉट में फेंक दिया।
देर रात तक चलता रहा सर्च ऑपरेशन
एसीबी का सर्च ऑपरेशन देर रात तक चलता रहा। वहां से उन्होंने बैंक लॉकरों की चाबी के साथ-साथ जमीनों के भी दस्तावेज बरामद किए हैं। उन्हें घर से 40 लाख की कीमत के जेवरात भी मिले हैं। अफसर के यहां लग्जरी गाड़ियां भी पाई गई हैं।
विभाग से एनओसी देने में खाता था रिश्वत
अफसर दिनेश वर्मा पर ऐसे आरोप हैं कि जेडीए ,नगर निगम ,फायर ऑफिस में बिल्डर्स के पेंडिंग कामों को करवाने के लिए उसे पुष्पेन्द्र अग्रवाल नामक दलाल से काफी पैसे मिलते रहे हैं। दीपावली से कुछ दिन पहले ही उसे चीफ फायर ऑफिसर की नई जिम्मेदारी दी गई थी। उसने दमकल विभाग में दी जाने वाली एनओसी को ही दलाली का मुख्य हथियार बना लिया। मानसरोवर के परमहंस मार्ग में स्थित तीन मंजिले मकान पर उसने ऐशोआराम की सारी व्यवस्था कर रखी थी।
यहां हम आपकों बता दें कि दमकल विभाग में इससे पहले सीएफओ संजय शर्मा की भी एनओसी जारी करने के मामले को लेकर शिकायत मिली थी जिसके बाद उन्हें हटा दिया गया था। देर रात तक चली एसीबी की सर्च ऑपरेशन में 61 लाख रूपये बरामद किये जा चुके थे और सर्च जारी थी।