दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार की दिल्ली मेट्रो रेल निगम की ट्रेनों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर योजना पर इशारों-इशारों में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने तंज कसा है।
उन्होंने कहा- अगर कोई मुफ्त चीजें मुहैया कराकर चुनाव जीत सकता है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री हर चीज मुफ्त कर देते। जाहिर है कि मंत्री का इशारा महिलाओं को मुफ्त मेट्रो सवारी और सब्सिडी पर बिजली मुहैया कराने की ओर था।
सुप्रीम कोर्ट भी दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा पर सवाल उठा चुका है। कोर्ट ने पिछले दिनों हुई सुनवाई में अरविंद केजरीवाल सरकार से पूछा था कि वह मुफ्त सौगात क्यों बांट रही है, इससे तो दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को घाटा हो सकता है। सरकार को जनता के पैसे से इस तरह मुफ्त सौगात बांटने से बचना चाहिए। साथ ही चेताया कि कोर्ट शक्तिहीन नहीं है और इस पर रोक लगा सकता है।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की आधी-आधी कीमत केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा वहन किए जाने के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां की थीं। पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा था कि आप मुफ्त सौगात क्यों दे रहे हैं? अगर आप लोगों को मुफ्त यात्रा करने की इजाजत देंगे तो इससे दिल्ली मेट्रो घाटे में जा सकती है। ये जनता का पैसा है सरकार को इसे खर्च करने में सावधानी बरतनी चाहिए।
ऐसे फैसलों से बचना चाहिए। वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से जब मेट्रो पर कर्ज के भुगतान में चूक होने की स्थिति की बात की गई तो जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि अगर आप लोगों को मुफ्त यात्रा करने की इजाजत देते हैं तो यह समस्या होगी। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार पर यह सुनिश्चित करने जिम्मेदारी है कि दिल्ली मेट्रो को घाटा न हो और उसकी आर्थिक स्थिति ठीक रहे। अगर मेट्रो को घाटा होता है तो दिल्ली सरकार को वहन करना होगा।