देश में बुजुर्ग लोगों के मनवाधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा। इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि देश के 86 प्रतिशत लोग अपने मानवाधिकारों से अंजान हैं। इसमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग छोटे परिवारों से हैं जो सिस्टम के संपर्क नहीं हैं। बता दें कि एजवेल फाउंडेशन द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर यह रिपोर्ट रविवार को जारी की गई है। यह अध्यन 5000 लोगों पर किया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि 86 प्रतिशत लोग अपने अधिकारों से ही अंजान हैं अध्यन में यह भी सामने आया कि केवल 68.8% लोगों को आवश्यक दवाएं और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है। शहरी इलाकों में यह स्थिति ज्यादा बदतर है।
मानवाधिकार हनन बर्दाश्त नहीं
रिपोर्ट में 23% से अधिक लोगों को अमानवीय परिस्थितियों में रहना पाया गया है। वहीं लगभग 13% लोगों ने बताया कि उनकी उम्र में उन्हें उचित भोजन नहीं मिलता है। सर्वेक्षण के करीब आधे (47.4%) ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि उनकी बढ़ती हुई आयु उनके भेदभाव और अपमान का भी कारण रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 60-70 आयु के बीच के लोग अपने मानवाधिकारों से ज्यादा अंजान हैं।
एजवेल फाउंडेशन के चेयरमैन हिमांशु रथ ने कहा कि मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता की कमी है। इस कारण पुराने लोग उम्र के भेदभाव, आयुवर्ग, बड़ी दुर्व्यवहार और दुर्व्यवहार के बढ़ते उदाहरणों का सामना करते हैं। बुजुर्गों के मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करना और उनकी रक्षा करना हम सभी के लिए एक कठिन काम है।