टीम इंडिया धर्मशाला वनडे में अपनी लय में नहीं दिखी. श्रीलंकाई आक्रमण के आगे भारतीय टीम के लिए एचपीसीए स्टेडियम में रन बनाना बेहद मुश्किल था. सुरंगा लकमल की धारदार गेंदबाजी के आगे टीम इंडिया न सिर्फ विकेट गिरते रहे, बल्कि वह एक बाद एक मेडन ओवर भी डालते रहे. यकीन मानिए टीम इंडिया ने अपनी पारी में कुल 13 मेडन ओवर खेले. यानी टीम इंडिया 38.2 ओवरों में 112 रन पर ऑल आउट हो गई. इस दौरान ऐसे 13 ओवर थे, जिनमें वह एक भी रन नहीं बना पाई. श्रीलंका की ओर से लकमल और नुआन प्रदीप ने सर्वाधिक 4-4 ओवर मेडन फेंके. 43 साल के अपने वनडे इतिहास में भारत ने पहली बार इतना खराब प्रदर्शन किया है.
1975 में इंग्लैंड के खिलाफ 12 मेडन ओवर खेले थे
इससे पहले 1975 के वर्ल्ड कप के पहले मैच में भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 12 मेडन खेले थे. यह वही मैच है, जिसमें सुनील गावस्कर ने 60 ओवर के मैच में नाबाद 36 रन बनाए और शुरुआत से अंत तक विकेट पर कायम रहे, यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. यानी 335 रनों के लक्ष्य के आगे टीम इंडिया ने पूरे ओवर (60 ओवर) खेल कर महज 132/3 रन बनाए.
1981 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 12 मेडन ओवर खेले थे
इसके अलावा एक बार फिर भारत न 12 ओवर मेडन खेले, जब वह 1981 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में 45 ओवरों के मैच में 219 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 140/9 रन ही बना पाई थी. उस मैच में भारत के 5 विकेट 41 रन पर गिर गए थे. कपिल देव ने सर्वाधिक 50 रन बनाए, और रन आउट हुए. गावस्कर और गुंडप्पा विश्वनाथ ने 40-40 गेंदें खेलीं और 14-14 रन बनाए.