उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ही अब बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) की भर्ती करेगा। प्रदेश सरकार ने ‘उप्र बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (समूह ‘क’ और ‘ख’) सेवा नियमावली-1996’ में संशोधन के जरिए पिछली सपा सरकार के प्रस्ताव को पलट दिया है, जिससे सीडीपीओ के पदावनत होने का खतरा था।
अब सीडीपीओ ब्लॉक स्तर पर विभाग का मुखिया भी होगा। जिला स्तर पर विभागीय प्रमुख की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) केपास होगी। इसका आदेश एक-दो दिन में जारी कर दिया जाएगा।
सपा सरकार के दौरान सीडीपीओ संवर्ग के कर्मियों ने लंबित पदोन्नति का मामला उठाया तो तत्कालीन निदेशक ने सीडीपीओ पद को समूह ‘ख’ से हटाकर समूह ‘ग’ (अराजपत्रित) करने और इनकी भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग की जगह यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कराने का प्रस्ताव कर दिया था। इसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग की अनापत्ति जरूरी थी, लेकिन उसने इन्कार कर दिया।
इस पर तत्कालीन निदेशक ने संवर्ग की पदोन्नतियों का अधिकार हासिल करने के लिए सीडीपीओ संवर्ग के पद को समूह ‘ख’ से हटाकर समूह ‘ग’ में करने और राज्य लोक सेवा आयोग से भर्ती का अधिकार लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को देने का प्रस्ताव तैयार कर दिया। हालांकि इस पर अमल होने से पहले ही विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई, जिससे मामला लटक गया।
नई सरकार आने पर इस संवर्ग की नियुक्ति एवं पदोन्नति से जुड़ी विसंगतियों को दूर करते हुए नियमावली में स्पष्ट प्रावधान करने के निर्देश दिए गए थे। कैबिनेट की सहमति के बाद पहले की नियमावली की कई विसंगतियां दूर कर दी गई हैं। संशोधन के बाद सीडीपीओ संवर्ग के अधिकारियों का राजपत्रित का दर्जा बरकरार रहेगा।
14 साल बाद खुला प्रमोशन का रास्ता
जानकार बताते हैं कि बाल विकास सेवा संवर्ग में केंद्र सरकार ने काफी पद बढ़ाए। राज्य सरकार ने उन पदों पर भर्ती तो कर दी लेकिन सेवा नियमावली में उसका प्रावधान नहीं किया। इससे संवर्ग की पदोन्नतियां भी रुक गईं। नियमावली में संशोधन के साथ ही 14 साल बाद डीपीओ व सीडीपीओ की प्रोन्नति का रास्ता खुल गया है।
एपीएम सहित कई पद खत्म होंगे, डीडी के सात नए पद सृजित
नियमावली में संशोधन के जरिए अपर परियोजना प्रबंधक (एपीएम) के पांच व अपर बाल विकास परियोजना अधिकारी (एसीडीपीओ) के 40 पदों को समाप्त कर दिया गया है। कार्यक्रम अधिकारी मुख्यालय, सेक्शन ऑफिसर व निदेशक के निजी सहायक के एक-एक पदसहित कई अन्य पद भी खत्म होंगे। डिप्टी डायरेक्टर के सात नए पद सृजित किए गए हैं। इन्हें डीपीओ के प्रमोशन से भरा जाएगा। डीपीओ के मौजूदा 34 पदों को बढ़ाकर 73 और सीडीपीओ के 313 पदों को बढ़ाकर 897 कर दिया गया है। सहायक निदेशक का भी एक पद सृजित किया गया है।
3076 पदों पर भर्ती की खुलेगी राह
नियमावली में संशोधन से संवर्ग में खाली 3076 पदों पर भर्ती का भी रास्ता खुल गया है। मुख्य सेविका के 2288 और कनिष्ठ सहायक के 754 पद खाली हैं। विभाग ने सीधी भर्ती के इन पदों को भरने का प्रस्ताव अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेज दिया है। साथ ही 26 सीडीपीओ और आठ डीपीओ के पदों पर भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग को करनी है। इसका प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। इसके अलावा 205 मुख्य सेविकाएं, बाल विकास परियोजना अधिकारी, 28 सीडीपीओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पदोन्नति पा सकेंगे। सात जिला कार्यक्रम अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर बन पाएंगे।