ऐसा माना जाता है कि रामायण की इन चौपाइयों से दूर हो सकती हैं घर या काम में होने वाली परेशानियां।
सिरदर्द या दिमागीी परेशानी दूर करने के लिए-
हनुमान अंगद रन गाजे। हाँक सुनत रजनीचर भाजे।।
नौकरी के लिए –
बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।
धन-सम्पत्ति के लिए –
जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।
पुत्र पाने के लिए –
प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान।
सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।
शादी के लिए –
तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि संवारि कै।
मांडवी श्रुतकीरति उर्मिला, कुँअरि लई हँकारि कै॥
खोई वस्तु पाने के लिए –
गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।
पढ़ाई में कामयाबी के लिए-
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥
जहर उतारने के लिए –
नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।
नजर उतारने के लिए –
स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।
हनुमानजी की कृपा के लिए –
सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपनें बस करि राखे रामू।।
पवित्रता के लिए –
जुगुति बेधि पुनि पोहिअहिं रामचरित बर ताग।
पहिरहिं सज्जन बिमल उर सोभा अति अनुराग।।
कुशल यात्रा के लिए –
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदयँ राखि कोसलपुर राजा॥
शत्रुता मिटाने के लिए –
बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥
भूत बाधा दूर करने के लिए –
प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन।
जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥
बीमारियां व अशान्ति दूर करने के लिए –
दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥
अकाल मृत्यु दूर करने के लिए –
नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।