लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 16 नगर निगम, 198 नगरपालिका और 438 नगर पंचायतों के चुनाव के नतीजे शुक्रवार को आए। 16 नगर निगमों में से 14 पर बीजेपी जीती। 2 पर बीएसपी को जीत हासिल हुई। नगरपालिका और नगर पंचायतों में भी बीजेपी आगे रही। इन नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी सरकार, बीजेपी वर्कर्स और वोटर्स को बधाई दी। उन्होंने कहा- ये विकास की जीत है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जीत के बाद कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “ये चुनाव सभी की आंखें खोलने वाला रहा और जो लोग इसे गुजरात से जोड़कर देखते थे, उनकी भी आंखें खोलने वाला रहा। गुजरात इलेक्शन में जीत का ख्वाब देख रही कांग्रेस यूपी में चित हो गई।”
क्या कहते हैं यूपी निकाय चुनाव के नतीजे, 5 साल में कितना फर्क आया?
पार्टी | 2017 के नतीजे | 2012 के नतीजे | नफा/नुकसान |
बीजेपी | 14 | 10 | +4 |
बीएसपी | 2 | 0 | +2 |
एसपी | 0 | 0 | 0 |
कांग्रेस | 0 | 0 | 0 |
मोदी ने दी जनता और योगी को बधाई
– नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “विकास की इस देश में फिर एक बार जीत हुई। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में शानदार जीत के लिए प्रदेश की जनता को बहुत-बहुत धन्यवाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को ढेरों शुभकामनाएं। यह जीत हमें जन कल्याण की दिशा में और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगी।”
इन नतीजों ने हमारी जिम्मेदारी बढ़ा दी है- योगी
– योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हम साढ़े चार करोड़ वोटर्स के आभारी हैं। मीडिया के लोगों का भी धन्यवाद करना चाहूंगा। स्टेट इलेक्शन कमीशन ने निष्पक्ष चुनाव कराने में अहम किरदार निभाया। हम उनके आभारी रहेंगे। इन नतीजों ने हम सब लोगों को जिम्मेदारी बढ़ाई है। इन नतीजों से बीजेपी वर्कर्स की जिम्मेदारी बढ़ा दी है। अब संगठन और सरकार को ज्यादा जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। पीएम नरेंद्र मोदी के विकास के विजन और बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह की कुशल रणनीति की वजह से जनता का भारी सपोर्ट मिला। यूपी नगर निकाय चुनाव सबकी आंखों को खोलने वाला है। गुजरात के बारे में जो लोग बड़ी-बड़ी बाते करते थे, उनका खाता नहीं खुला। अमेठी में हारे, नगर निकाय में खाता नहीं खुला।”
यूपी के 16 निगर निगमों में क्या रहे नतीजे?
यूपी नगर निगम | कौन जीता? |
आगरा | नवीन कुमार जैन (BJP) |
कानपुर नगर | प्रमिला पांडेय (BJP) |
झांसी | रामतीर्थ सिंघल (BJP) |
वाराणसी | मृदुला जायसवाल (BJP) |
इलाहाबाद | अभिलाषा गुप्ता (BJP) |
गोरखपुर | सीताराम जायसवाल (BJP) |
लखनऊ | संयुक्ता भाटिया (BJP) |
मथुरा | मुकेश (BJP) |
फिरोजाबाद | नूतन राठौर (BJP) |
गाजियाबाद | आशा शर्मा (BJP) |
सहारनपुर | संजीव वालिया (BJP) |
मेरठ | सुनीता वर्मा (बीएसपी) |
बरेली | उमेश गौतम (BJP) |
मुरादाबाद | विनोद अग्रवाल (BJP) |
अलीगढ़ | मो. फुरकान (बीएसपी) |
अयोध्या | ऋषिकेश जायसवाल (BJP) |
इन नतीजों के मायने क्या हैं?
1) BJP शहरी वोटरों की पसंद बनी हुई है
– बीजेपी शहरी इलाकों की पार्टी बनी हुई है। पिछली बार की तरह इस बार भी यूपी के शहरी निकायों में उसका परफॉर्मेंस बहुत अच्छा है। उसने पिछली बार से चार निकाय ज्यादा जीते हैं।
2) BSP की यह वापसी है
– बहुजन समाज पार्टी इस बार बढ़त पर है। यह उसके लिए वापसी की तरह है। पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में खाली हाथ रहने और मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर नुकसान उठाने के बाद जमीनी स्तर पर काम किया। इसका नतीजा दो निकायों में देखने को मिला, जहां उसे जीत मिली।
3) सपा-कांग्रेस खाली हाथ
– शहरी वोटरों के बीच सपा और कांग्रेस खाली हाथ ही नजर आ रही है। 2012 में सपा सत्ता में थी, उसके बाद भी शहरी निकायों में उसे सफलता नहीं मिली थी। पांच साल बाद भी उसके लिए हालात ऐसे ही हैं।
4) गुजरात चुनाव पर पड़ सकता असर
– इन चुनाव के नतीजे गुजरात विधानसभा चुनाव पर भी असर डाल सकते हैं। बता दें कि वहां 9 और 14 दिसंबर को वोटिंग होनी है। रिजल्ट 18 दिसंबर को आएंगे।
4 नए शहरी निकायों में हुए चुनाव
– 2012 में 12 शहरी निकायों के चुनाव हुए थे। इस बार चार निकायों में पहली बार चुनाव हुए। इस तरह 16 निकायों में यूपी के कुल 3.36 करोड़ लोगों ने वोट डाले। वोटिंग तीन फेज में 22, 26 और 29 नवंबर को हुई। कुल 53% मतदान हुआ। पहले फेज में 52.59%, दूसरे में 49.3 फीसदी वोटिंग हुई थी। तीसरे फेज में 58.65% वोट डाले गए।