उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त जीत दर्ज की है, लेकिन बीजेपी की जीत से ज्यादा ये कांग्रेस की हार है, क्योंकि बीजेपी प्रत्याशियों ने उन इलाकों में भी जीत दर्ज की है, जो कांग्रेस के गढ़ थे. निकाय चुनाव में जीत के बाद से बीजेपी जश्न में डूबी है, जबकि कांग्रेस में मायूसी छाई हुई है.
इससे भी दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी की जीत से ज्यादा कांग्रेस की हार के चर्चे हैं, क्योंकि इस बार के निकाय चुनाव में कांग्रेस के गढ़ बुरी तरह ढह गए हैं. वहीं, बीजेपी दावा कर रही है कि यूपी नगर निकाय चुनाव में हार के बाद अब गुजरात में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा. हालांकि यह वक्त ही बताएगा कि गुजरात में कांग्रेस अपना परचम लहरा पाएगी या नहीं?
राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में भी कांग्रेस की हार
अमेठी नगर पंचायत में बीजेपी प्रत्याशी चंद्रमा देवी जीतीं हैं. इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 1,035 मतों से मात दी है. मौका भी है और दस्तूर भी है. इसलिए योगी आदित्यनाथ राहुल पर कटाक्ष कर रहे हैं, क्योंकि निकाय चुनाव में बीजेपी ने हर उस इलाके में जीत का परचम लहाराया है, जो कांग्रेस का गढ़ था.
जायस नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर बीजेपी प्रत्याशी महेश सोनकर ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी हाजी इशरत हुसैन को 632 मतों से हराया. इसके अलावा सुल्तानपुर नगरपालिका परिषद में बीजेपी की बबिता जायसवाल जीतीं.
लकी ड्रॉ में भी अनलकी रही कांग्रेस
कहावत है कि जब समय साथ न हो, तो किस्मत भी साथ नहीं देती है. मथुरा के वार्ड नंबर 56 पर कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर में यही देखने को मिला. यहां दोनों प्रत्याशियों को बराबर मत मिले. फैसला लकी ड्रॉ से हुआ. इसमें कांग्रेस अनलकी रही और जीत बीजेपी की हुई.
बीजेपी जीत का जश्न मना रही है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ है और इस जीत को बीजेपी गुजरात की लकीर मान रही है. उसे लगता है कि ऐसी ही जीत गुजरात में भी मिलेगी.