हिंदुस्तान टाइम्स की खबरे के मुताबिक सट्टेबाजों का कहना है कि बीजेपी साल 2012 में पाई जीत को दोहरा नहीं सकती, लेकिन वह जीतेगी इसकी उन्हें पूरे आसार दिख रहे हैं। बता दें कि देश में सट्टेबाजी गैरकानूनी है, लेकिन क्रिकेट ही नहीं अब चुनाव में जीत-हार पर भी इसका काला खेल अपनी जड़े मजबूत कर चुका है। इस बार करीब 1000 करोड़ रुपये का काला कारोबार गुजरात चुनाव में खेला जा सकता है।
सट्टेबाजों के रेट के मुताबिक अगर बीजेपी पर 1 रुपया लगाया जाता है तो उसका 1 रुपये 25 पैसे मिलेंगे, वहीं कांग्रेस पर ये रेट 1 रुपये पर 3 रुपये है। चौंका देने वाली बात है कि कांग्रेस की हार का खतरा नवंबर में ज्यादा उछल रहा था, इसलिए उस वक्त रेट 1 रुपये लगाने 7 रुपये मिलने का चल रहा था।
जिन पार्टियों की जीत के यहां कम उम्मीद है उनमें आम आदमी पार्टी (आप) और शिव सेना शामिल हैं, इसलिए आप की जीत के लिए 1 रुपये पर 25 रुपये और शिवसेना के लिए 30 रुपये दिए जा रहे हैं। एक सट्टेबाज का कहना है कि चुनाव के नजदीक आने और बीजेपी-कांग्रेस का प्रदर्शन जितना बेहतर होगा वैसे ही ये रेट बदलते रहेंगे।
बताया जा रहा है कि हार्दिक के कांग्रेस को समर्थन दिए जाने के बाद रेट्स में कई बदलाव आए हैं।
सट्टेबाजों का ये भी कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी ने गुजरात की कई जगहों में बीजेपी की पकड़ को कमजोर किया है। एक सट्टेबाज ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से शहरी इलाकों में बीजेपी कमजोर हुई है और ये उसे नीचे भी गिरा सकता है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal