नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास 2,000 बसें खड़ी करने के लिए पर्याप्त जमीन है. शहर के सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ओर से बहुत कम कदम उठाने की भी ईपीसीए ने आलोचना की.
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को लिखे पत्र में सवाल किया कि ईपीसीए की ओर से हालात का जायजा लेने से पहले ही दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना लागू करने की घोषणा क्यों की ? लाल ने पार्किंग फीस में चार गुना बढ़ोतरी के अपने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की ओर से कार्रवाई के अभाव के कारण ग्रेडेड रिस्पॉंस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत किए जाने वाले उपायों पर अमल कमजोर हुआ.
ईपीसीए प्रमुख ने गहलोत के इस आरोप पर जवाब दिया कि प्रदूषण से निपटने में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों के दायित्वों पर उन्होंने चुप्पी साधे रखी जबकि सम-विषम योजना को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना की गई. लाल ने लिखा, डीडीए के साथ काम करने के बाद मई 2016 की अपनी रिपोर्ट में हमने स्पष्ट किया था कि उपलब्ध आधारभूत संरचना के दायरे में 2000 बसों की पार्किंग के लिए जमीन उपलब्ध है. बहरहाल, हमने पाया है कि अब तक किसी बस की खरीद नहीं की गई.