मोदी सरकार ने गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए. इस कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसलों से आम आदमी को फायदा होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदने वालों को मिलने वाली ब्याज दर पर राहत का दायरा बढ़ा दिया गया है, तो जीएसटी को लेकर भी आम आदमी के लिए खास प्रावधान किया गया है.
ब्याज सब्सिडी का दायरा बढ़ा
केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इंटरेस्ट सब्सिडी का दायरा बढ़ाया है. पहले जहां यह सब्सिडी 90 सेंटीमीटर एरिया पर मिलती थी. अब इसके लिए 120 स्क्वायर मीटर एरिया तय किया गया है. इसके साथ ही कैबिनेट ने इस स्कीम के लिए एलिजिबल घरों के लिए कारपेट एरिया भी बढ़ा दिया है. यह सुविधा मध्यम आय समूह के लोगों को क्रेडिट लिंक्ड स्कीम के तहत दिया जाएगा.
इनको मिलती है ये खास छूट
गरीब तबके के लोगों और कम आय समूह के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ब्याज दर पर राहत दी जाती है. अगर ये लोग बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और अन्य संस्थानों से अगर लोन लेते हैं, तो उन्हें सिफ 6.5 फीसदी ब्याज देना होगा. इसके लिए कुछ शर्तों के साथ 20 साल का लोन टेन्योर मिलता है.
ये है शर्त
इसके अलावा इस स्कीम के तहत मिलने वाली क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सिर्फ 6 लाख रुपये के लोन व अतिरिक्त 6 लाख रुपये लोन रकम को दिया जाता है. इस सब्सिडी स्कीम को तब ही लिया जा सकता है, जब कोई नया निर्माण कर रहा है या फिर मौजूदा घर में नया कमरा बनाना चाहता है अथवा किचना का निर्माण करना चाहता है.
दाल के निर्यात से प्रतिबंध हटाने को मंजूरी दी
कैबिनेट ने दाल को लेकर भी आम आदमी को बड़ी राहत दी है. कैबिनेट ने दालों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए ज्यादा विकल्प दिए जाएंगे, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके.
जीएसटी को लेकर दिया ये तोहफा
मोदी सरकार ने दूसरा बड़ा तोहफा जीएसटी को लेकर दिया है. मोदी कैबिनेट ने मुनाफा विरोधी अखिल भारतीय समिति को स्थापित करने को हरी झंडी दे दी है. इससे आम लोगों तक जीएसटी के घटे रेट का फायदा नहीं पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.
ऐसी होगी समिति
सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि अखिल मुनाफा विरोधी समिति की स्थायी समिति राज्य के साथ केंद्रीय स्तर पर भी बनाई जाएगी. अगर किसी भी ग्राहक को लगता है कि उसके साथ मुनाफाखोरी हो रही है, तो वह इसकी शिकायत कर सकता है. ऐसे में उनकी कारोबारियों की जाएगी.
मुनाफोखोरी करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान भी किया जाएगा या नहीं. इसको लेकर रविशंकर ने कहा कि इस पर आगे विचार किया जाएगा. अभी फिलहाल समिति के गठन को मंजूरी मिली है.