नोटबंदी के दौरान अगर आपने भी अपने पैसों के साथ ऐसा किया है तो अब सजा भुगतने के लिए तैयार रहें।
नोटबंदी के बाद खातों में 50 लाख रुपये से अधिक जमा कराने वाले उत्तराखंड और यूपी के करीब तीन हजार लोगों और कंपनियों को आयकर विभाग ने चिह्नित किया है। उत्तराखंड में ऐसे लोगों की संख्या करीब एक हजार है जबकि यूपी में करीब दो हजार।
यह संख्या बढ़ भी सकती है। इन्हें अपना पक्ष रखने के लिए आयकर विभाग 15 दिन के भीतर नोटिस जारी करेगा। जवाब से असंतुष्ट होने पर इनके खिलाफ गहन जांच की जाएगी। नोटबंदी का एक साल पूरा होने के बाद आयकर विभाग उसके नतीजों को परख रहा है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर लिया गया है जिनके खातों में गड़बड़ी पाई गई है।
पहली कैटेगरी में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने दो से 10 लाख रुपये तक खातों में जमा किए। दूसरी कैटेगरी में 11 से 50 लाख रुपये जमा करने वाले और तीसरी कैटेगरी में 50 लाख रुपये से अधिक जमा करने वाले शामिल हैं। जांच की कैटेगरी निर्धारित करके आयकर विभाग ने सभी पर शिकंजा कसने की तैयारी पूरी कर ली है।
पहले चरण में 50 लाख रुपये से अधिक धन खाते में जमा करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। आयकर मुख्यालय सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को जांच के लिए निर्धारित समय पर टारगेट देगा।
नोटबंदी से पहले और बाद के आंकड़ों की हुई डाटा माइनिंग
विभागीय सूत्र बताते हैं कि नोटबंदी के दौरान खाताधारक का इतिहास खंगालने (डाटा माइनिंग) के लिए सीबीडीटी ने बैंकों से नोटबंदी से पहले यानी एक अप्रैल से आठ नवंबर तक और नोटबंदी के बाद यानी 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक की डीटेल मांगी थी।
इसकी डाटा माइनिंग करने के बाद देश भर में करीब 18 लाख खातों को संदिग्ध श्रेणी में रखा था। इन खाताधारकों को अलग अलग कैटेगरी में रखकर जांच की जा रही है या भविष्य में की जाएगी।