द्वारका में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्नातक छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। परिजनों ने ब्लू व्हेल गेम की वजह से खुदकुशी की आशंका जताई है। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है। मोतीलाल नेहरू कॉलेज में बीए (प्रोग्राम) फाइनल ईयर में पढ़ रहे राज आर्यन तोमर (20) के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
पुलिस के अनुसार, राज परिजनों के साथ द्वारका सेक्टर-13 स्थित रोजवुड अपार्टमेंट में रहता था। उसके पिता संजीव कुमार तोमर बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत हैं। परिवार मूूल रूप से बागपत के गांव शिकोहपुर का रहने वाला है।
परिजनों के मुताबिक, मंगलवार को संजीव अपनी पत्नी और छोटे बेटे के साथ एक शादी में शामली गए थे। पिता ने राज को भी साथ चलने के लिए कहा, लेकिन उसने तबीयत खराब होने की बात कह कर जाने से मना कर दिया।
दोपहर ढाई बजे एक दोस्त ने संजीव को फोन कर कुछ कागजात मांगे तो उन्होंने बाहर होने की बात कह कर राज से बात करने को कहा। संजीव के दोस्त ने राज को कई बार फोन किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया।
इसके बाद अपार्टमेंट पहुंच कर उन्होंने कई बार दरवाजे की कॉल बेल भी बजाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस दरवाजा तोड़कर कमरे में गई तो राज पंखे से लटका हुआ था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दोस्तों से पूछताछ कर रही पुलिस
परिजनों का कहना है कि पुलिस ने मौके से राज का मोबाइल बरामद किया है। खुदकुशी से पहले उसने मोबाइल को फॉर्मेट कर दिया था। परिजनों को आशंका है कि राज ब्लू व्हेल गेम खेल रहा था।
वहीं, पुलिस का कहना है कि ब्लू व्हेल के नियम के मुताबिक उसे खेलने वाला अपने हाथ पर निशान बनाता है, जो राज के हाथ पर नहीं मिला है। पुलिस ने ब्लू व्हेल के कारण खुदकुशी से इनकार किया है। वह राज के दोस्तों से पूछताछ कर मामले की छानबीन में जुटी है।
इसमें बच्चे के व्यवहार पर लगातार नजर रखने को कहा गया है। इसके अलावा बच्चों के शरीर पर चोट या किसी प्रकार के कट पर ध्यान देने को कहा है। अतिरिक्त शिक्षा निदेशक (स्कूल) सरोज जैन की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि युवाओं के लिए ब्लू व्हेल गेम एक नए साइबर खतरे के रूप में उभरा है।
जो छात्र भावनात्मक रूप से असुरक्षित, अंतर्मुखी, उदास, परिवार व दोस्तों से अलग, बैचेन, उत्तेजित व होते हैं वह ऐसे खतरों में आसानी से उलझ सकते हैं। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूल प्रमुख छात्रों अभिभावकों व शिक्षकों को ब्लू व्हेल को लेकर संवेदी बनाएं।
यह गाइडलाइन स्टॉफ मीटिंग में शिक्षकों को व पीटीएम में अभिभावकों को बताने को भी कहा गया है। इसके अलावा इसके प्रति छात्रों को भी जागरूक करने का भी निर्देश है। गाइडलाइन में शिक्षकों से कहा गया है कि यदि कोई छात्र अलग तरह से व्यवहार करता है तो सचेत रहें और उससे बात करें।
इसके लिए चाहे तो स्पेशल एजुकेटर की सहायता भी लें। छात्र के शरीर पर कट या चोट पर नजर रखें। इस बात पर भी ध्यान दें कि बच्चे की आदत में कोई बदलाव तो नहीं आ रहा या वह अपने सहपाठियों से अलग-थलग तो नहीं पड़ रहा।
वहीं, अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताने और उसे महत्वपूर्ण महसूस कराने को भी कहा गया है। इसके अलावा अगर बच्चा इंटरनेट व सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं, तो उसको लेकर भी जागरूक रहें।