सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड की वैधता और अनिवार्यता को एक और चुनौती मिली है. कर्नल मैथ्यू थॉमस ने याचिका दायर कर कोर्ट से गुहार लगाई है कि बायोमेट्रिक प्रणाली की कई बार गड़बड़ियां सामने आई हैं. लिहाजा इसकी वैधता भी शक के दायरे में है. साथ ही हर नागरिक सुविधा और बुनियादी अधिकार की रोशनी में भी इसकी अनिवार्यता यचित नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस याचिका की भी सुनवाई तय की है. लेकिन उम्मीद है कि अब आधार संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई संविधान पीठ ही करेगी. यानी शुक्रवार को जस्टिस चेलमेश्वर की पीठ पहले इस याचिका को भी गुरुवार को दायर याचिका के साथ जोड़ेगी. इसके साथ ही दोनों याचिकाओं को आगे की सुनवाई के लिए संविधान पीठ को भेज दिया जाएगा.
इससे पहले भी दायर हुई है याचिका…
इससे पहले आधार एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी एक याचिका दायर की गई थी. याचिकार्ता ऑर्गेनिक खेती से संबंधित उत्पादों के कारोबारी है, जिसका नाम नचिकेत उडुप्पा है. नचिकेत उडुप्पा ने अपील की है कि आधार एक्ट के तहत सारी निजी जानकारी शेयर करने पर पाबंदी लगाई जाए. क्योंकि निजी जानकारी का दुरुपयोग होने की आशंका ज्यादा रहती है. दुरुपयोग की स्थिति में कोई remedial प्रावधान नहीं है.
याचिकाकर्ता ने आधार बनाम निजता का अधिकार को लेकर पुट्टास्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए अपील की है. याचिकाकर्ता के अनुसार आधार को मोबाइल से लिंक करने को ऐच्छिक यानी volentary ही रहने दिया जाए. यानी मोबाइल को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता न हो.
कोर्ट इस मामले की सुनवाई भी इसी शुक्रवार को करेगा.
क्या है आधार एक्ट…
बता दें कि सरकार ने कई सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है. आम आदमी के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वह आधार कार्ड को अपने बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर से भी लिंक कर दें.