हिमाचल प्रदेश में चीन और पाकिस्तान की सीमा तक जाने वाली महत्वाकांक्षी रोहतांग टनल की खुदाई का काम पूरा हो चुका है। इस टनल की मदद से किसी भी मौसम में लाहौल स्पीति तक जाने का रास्ता खुल जाएगा। तीन साल की देरी के बाद बुधवार को इस टनल के निर्माण का काम लगभग पूरा हो जाएगा।
टनल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आधिकारिक तौर पर 24 अक्तूबर को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण इसका उद्घाटन कर सकती हैं। बीआरओ के इंजीनियर ने बताया कि दोनों तरफ से टनल के जुड़ने में महज 4 मीटर से भी कम का फासला रह गया है। बता दें कि यह भारत की सबसे बड़ी टनल है।
हालांकि यह सुरंग आम लोगों के यातायात के लिए अगले साल 2018 में ही खुल पाएगी, लेकिन चीन के साथ युद्ध समेत आपात सेवाओं के लिए इस टनल का अक्तूबर के बाद इस्तेमाल किया जा सकेगा। सर्दियों में मौसम खराब होने की सूरत में हेलीकॉप्टर के न आने पर एंबुलेंस को इस टनल के जरिए आने-जाने दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार की दिवाली लाहौल घाटी के निवासियों के लिए खास है। इस बार उन्हें बर्फबारी के चलते छह माह तक चलने वाली कैद से सदा के लिए मुक्ति मिल जाएगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस टनल की खुदाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।