कैपिटल गेन्स अकाउंट स्क्ीम के तहत बैंक में पैसा जमा करने वाले डिपॉजिटिर्स की मौत होने पर बैंकों को टीडीएस सर्टिफिकेट नॉमिनी के नाम से जॉरी करना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल में इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि बैंक टीडीएस को लेकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
नॉमिनी के पैन पर कटेगा टीडीएस सर्टिफिकेट
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सीबीडीटी की जानकारी में आया है कि कैपिटल गेन्स अकाउंट स्क्ीम के तहत पैसा जमा करने वाले डिपॉजिटर्स की मौत होने के मामले में बैंक ऐसी डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टीडीएस काट कर रहे हैं और टीडीएस सटिफिकेट मृतक डिपॉजिटर्स के नाम से जारी कर रहे हैं। विभाग ने साफ किया है कि यह कानूनी तौर पर गलत है।
विभाग ने कहा है कि ऐसी स्थिति में डिपॉजिटर की मौत होने तक की अवधि में होने वाले इंटरेस्ट इनकम के लिए टीडीएस सर्टिफिकेट उसके पैन पर जारी किया जाना चाहिए और मृतक डिपॉजिटर्स की मौत के बाद की अवधि के लिए टीडीएस सर्टिफिकेट उसके कानूनी उत्तराधिकारी के पैन पर जारी किया जाना चाहिए।
क्या है कैपिटल गेन्स अकाउंट स्क्ीम
कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम किसी व्यक्ति को अपना लॉग टर्म कैपिटल गेन सुरक्षित रखने की सुविधा देती है जब तक वह सेक्शन 54 या सेक्शन 54 एफ के तहत निर्धारित जगह पर निवेश नहीं कर पाता है। सेक्शन 54 के तहत आप अचल संपत्ति बेचने से हुए लॉंग टर्म् कैपिटल गेन को आवासीय प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं। वहीं सेक्शन 54 एफ के तहत शेयर और बांड की बिक्री से हुए लॉंग टर्म कैपिटल गेन को आप आवासीय प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं।
कब खोला जा सकता है कैपिटल गेन्स अकाउंट स्क्ीम अकाउंट
आप कैपिटल गेन्स अकाउंट स्क्ीम के तहत अकाउंट खोल सकते हैं अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेट से पहले आवासीय प्रॉपर्टी में निवेश नहीं कर पाए हैं। यह स्क्ीम 1988 में शुरू की गई थी। आप यह अकाउंट सरकार द्वारा अधिसूचित 28 बैंकों में खोल सकते हैं। इसमें भारतीय स्टेट बैंक, सिंडीकेट बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं।