UPI और BHIM ऐप को और एडवांस करने की तयारी में PM मोदी, अब चुटकियाँ बजाते ही हो जाएँगी पेमेंट

कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ाने के लिए अब नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। जिसके जरिए किसी तरह का पेमेंट करने के लिए यूजर मोबाइल नंबर और क्यू आर कोड स्कैन कराने की जरूरत नहीं होगी। यानी केवल दो फोन के कॉन्टैक्ट में आने से ही पेमेंट हो जाएगा। जिस तरह से गूगल ने tez ऐप को लांच किया है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया इसके जरिए अपने यूपीआई और भीम ऐप पेमेंट सॉल्युशन को कहीं ज्यादा एडवांस करना चाहता है।UPI और BHIM ऐप को और एडवांस करने की तयारी में PM मोदी, अब चुटकियाँ बजाते ही हो जाएँगी पेमेंट

क्या है तैयारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यूपीआई और भीम ऐप के लिए एडवांस पेमेंट सॉल्युशन लाने की तैयारी कर रहा है। नए पेमेंट सॉल्युशन में यूजर को खरीदारी और पेमेंट के लिए मोबाइल नंबर, ई-मेल और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिएनेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने कंपनियों से बिडिंग मांगी है। जिससे कि नया पेमेंट सॉल्युशन डेवलप किया जा सके।

कैसा होगा नया पेमेंट सिस्टम

सूत्रों के अनुसार नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यूपीआई और भीम ऐप के जरिए पेमेंट में होने वाली गलतियों को खत्म करना चाहता है। मौजूदा सिस्टम में यूपीआई से पेमेंट करने के लिए यूजर की वर्चुअल आईडी की जरूरत होती है। इसी तरह भीम ऐप से पेमेंट के लिए यूजर मोबाइल नंबर और क्यू आर कोड का इस्तेमाल करता है। नए पेमेंट सिस्टम में इन चीजों की जरूरत नहीं होगी। दो यूजर मोबाइल फोन या पेमेंट डिवाइस के एरिया में आकर पेमेंट कर सकेंगे। जिसके लिए उन्हें मोबाइल फोन, वर्चुअल पेमेंट एड्रेस, बैंक डिटेल की जरूरत नहीं होगी।

गूगल ने लांच कर दिया तेज

नए पेमेंट टेक्नोलॉजी को गूगल ने लांच भी कर दिया है। हाल ही में गूगल ने तेज ऐप लांच किया है। जिसमें पेमेंट के लिए किसी की डिटेल सबमिट नहीं करनी होगी। अब एनपीएसीआई भी यूपीआई और भीम ऐप के लिए ऐसा सॉल्युशन लांच करना चाहता है।

क्यों करना चाहता है ऐसा

सरकार देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा डेवलप करना चाहती है। इसमें भीम और यूपीआई ऐप का अहम रोल रहेगा। एनपीसीआई ने अगस्त 2016 में यूपीआई और दिसंबर 2016 में भीम ऐप लांच किया था। इसके तहत यूपीआई से हर रोज 5 लाख से ज्यादा के ट्रांजैक्शन किए जा रहे हैं। इसी तरह यूपीआई से होने वाले 50 फीसदी के करीब ट्रांजैक्शन भीम ऐप के जरिए हो रहे हैं।

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