क्यूबा के हवाना स्थित अमेरिकी दूतावास पर राजनयिकों पर रहस्मयी हमले की पर्त खुलने लगी है. बीते एक महीने से जारी इस हेल्थ अटैक से अभीतक 21 से ज्यादा अमेरिकी राजनयिक बहरे हो चुके हैं और कुछ राजनयिक मानसिक बिमारी से ग्रस्त बताए जा रहे हैं. हवाना में दूतावास पर इस सिलसिलेवार हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जल्द से जल्द दूतावास को बंद करने का दबाव बढ़ने लगा है.
क्या है रहस्यमयी हेल्थ अटैक?
अमेरिका के शीर्ष राजदूतों के दावे के मुताबिक बीते एक महीने से ज्यादा समय से हवाना शहर में स्थित अमेरिकी दूतावास पर किसी रेडियोधर्मी अथवा सोनार तरंगों से हमला किया जा रहे है. इस हमले से लगातार अमेरिकी दूतावास में रह रहे राजनयिकों का स्वास्थ बिगड़ रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक अभी तक 21 से ज्यादा राजनयिक इस सोनार तरंगों के हमले की चपेट में आ चुके हैं.
एक साल से चल रही हमले की साजिश
रहस्मयी तरंगों से घायल हुए राजनयिक बहरेपन की शिकायत कर रहे हैं और इसके अलावा उनकी मानसिक स्थिति (ब्रेन ट्रॉमा) भी खराब हो रही है. इस हमले की शुरुआती शिकायतें पिछले साल से ही आने लगी थी. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक पिछले साल क्यूबा में कुछ अमेरिकी राजदूतों ने अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देने की शिकायत की थी.
रहस्मयी हमले का असर
कुछ राजनयिकों ने तेज घंटी की आवाज सुनाई देने की बात कही थी तो कुछ ने दरखने की तेज आवाज सुनाई देने की बात डॉक्टरों को बताई थी. इस आवाज की शिकायत के बाद ज्यादातर राजनयिकों ने चोट, जी मचलने, बहरेपन और याद्दाश्त खोने की शिकायत की है.
बंद होगा हवाना दूतावास?
गौरतलब है कि इस हमले की शिकायतें बढ़ने के बाद क्यूबा पर भी अमेरिका से एक बार फिर रिश्ता खराब होने का डर बढ़ रहा है. इसी दबाव में क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कैस्त्रो को अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई को जांच के लिए हवाना पहुंचने की मंजूरी देनी पड़ी. जांच से जाहिर हो रहे तथ्यों के बाद क्यूबा सरकार भी सख्ते में है और राउल कैस्त्रो आधिकारिक तौर पर सफाई दे चुके हैं कि इस हमले से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी माना है कि इस हमले के बाद अमेरिका की ट्रंप सरकार हवाना में अपने दूतावास को बंद करने का फैसला ले सकती है. अमेरिकी विदेश मंत्री (सेक्रेटरी ऑफ स्टेट) रेक्स टिलर्सन ने कहा कि ट्रंप सरकार अभी दूतावास बंद करने पर विचार कर रही है.