पाकिस्तान में एक ईसाई युवक को ईशनिंदा कानून का उल्लंघन करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई। युवक इस सजा के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगा ।
दरअसल पाकिस्तान दुनिया का पहला ऐसा देश है, जहां पर कोई ईशनिंदा कानून भी बना है, जिसके तहत आरोपी को मौत की सजा दी जाती है। ईशनिंदा कानून का मतलब है कि अगर किसी ने भी मोहम्मद साहब या किसी भी मु्स्लिम धर्म से जुड़ी कोई चीज सोशल मीडिया पर शेयर कर दी, या कुछ भी इस्लाम के खिलाफ बोला, तो उसे फांसी की सजा दी जाएगी । ऐसे कई मामलों में लोग जेल में सजा भी काट रहे हैं ।
जुलाई, 2016 में 35 साल के नदीम जेम्स को गिरफ्तार किया गया था। उसके दोस्त यासिर बशीर ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि नदीम ने मोहम्मद साहब के खिलाफ व्हाट्सएप्प पर कंटेट शेयर किया था । गुरुवार को लोकल कोर्ट ने ईशनिंदा कानून के तहत नदीम जेम्स को मौत की सजा सुनाई है। नदीम के वकील रियाज अंजुम वकील ने कहा कि नदीम ने बताया था, कि वह एक मुस्लिम लड़की को पसंद करता था, और इसी वजह से उसके दोस्त ने उसके खिलाफ झूठी शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई है। वह नहीं चाहता था कि नदीम उस लड़की से मिले, बातचीत करे ।
द इंडिपेंडनेट ने लिखा कि नदीम और उसके दोस्त यासिर के बीच एक लड़की को लेकर झगड़ा हुआ था, इसी वजह से नदीम को फंसाया जा रहा है। नदीम के वकील ने बताया कि नदीम सजा के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट में अपील करेगा । हालांकि पाक अथॉरिटी ने फेसबुक और ट्विटर से ईशनिंदा कानून के खिलाफ शेयर किए गए कंटेन्ट की जानकारी देने की अपील की है।
एक ऐसा ही मामला 12 जून का भी है, जब एन्टी-टेरेरिज्म कोर्ट ने शिया तैमूर रजा को मौत की सजा सुना दी । तैमूर पर आरोप है कि उसने सुन्नी मौलवियों और मोहम्मद साहब के खिलाफ अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा था। वह अभी जेल में बंद है, उसे मौत की सजा दी जाएगी ।