अखिलेश यादव ने पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम करने वाले जिस नेता पर कार्रवाई नहीं की उसने भी अब बसपा का दामन थाम लिया है। इस नेता को शिवपाल का करीबी नेता माना जाता है। शिवपाल यादव ने इसे विधानसभा का टिकट दिया था, जिसे अखिलेश यादव ने बाद में काट दिया था।
समाजवादी पार्टी में गुटबाजी और चापलूसी का शिकार हुए सपा नेता और पूर्व विधायक हाजी ज़मीरुल्लाह खान ने बसपा का दामन थाम लिया है। उनके बसपा में जाने से सपा को झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
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सूत्र बता रहे हैं कि 20 अगस्त को ज़मीरुल्लाह ने मायावती के समक्ष बसपा ज्वाइन कर ली है। अब अलीगढ में 17 सितम्बर को बड़े कार्यक्रम में औपचारिक घोषणा होना बाकी है।
गत विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ज़मीरुल्लाह की शिवपाल यादव से नजदीकी होने के चलते टिकट काट दिया था। अखिलेश के खिलाफ ज़मीरुल्लाह ने खुलकर आवाज़ उठाई और निर्दलीय चुनाव लड़ा।
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ज़मीरुल्लाह खुद तो नहीं जीत पाए लेकिन वोटर भ्रमित हुआ और सपा का सफाया हो गया। हालांकि ज़मीरुल्लाह ने सपा से बगावत कर सपा के सामने चुनाव लड़ा, लेकिन फिर भी अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी से बाहर नहीं किया था।
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