भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि अब तक उन्होंने जो कुछ भी पाया है, वह क्रिकेट की बदौलत है और वह हरसंभव तरीके से इसमें योगदान देना चाहते हैं। भारतीय कप्तान का मानना है कि आज के युवा मैदान पर समय बिताने के बजाय गैजेट्स में लगे रहते हैं। नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में विराट कोहली ने कहा कि आज के बच्चे आईपैड्स और फोन पर लगे रहते हैं। हमारे दिनों में हम लोग बाहर जाकर मैदान या गलियों में खेलते थे। बचपन के दिनों को याद करते हुए विराट ने कहा, अगर हमारे किसी दोस्त के पास महंगा गेम होता था तो हम प्लान बनाते थे कि एक दिन सब उसके घर खेलने जाएंगे। कोहली ने शुक्रवार को आरपी-एसजी ग्रुप के साथ मिलकर देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए आरपी-एसजी इंडियन स्पोर्ट्स ऑनर अवॉर्ड की शुरुआत की है।
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समारोह में विराट ने यह भी कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को अपने सपने पूरे करने हैं तो उसका शारीरिक तौर पर फिट होना बहुत जरूरी है। 2008 में डेब्यू करने वाले विराट ने सभी फॉर्मेट में खुद को साबित किया है। विराट ने यह भी कहा कि वह अभी 8-10 साल क्रिकेट खेल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपने खेल के स्तर को वह हमेशा ऊंचाई पर रखना चाहते हैं। भारतीय कप्तान ने कहा, आपको तब तक मेहनत करनी चाहिए जब तक आप अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते। काफी लोग 70 फीसदी पर ही रुक जाते हैं। हम शुरुआत करने से पहले ही अपनी सीमाएं तय कर लेते हैं, हमें सीमाएं नहीं तय करनी चाहिए। मैं अपनी पूरी जिंदगी में लगातार क्रिकेट नहीं खेलूंगा। इसलिए मैं कड़ी मेहनत करता हूं। आपको हर दिन का पूरा उपयोग करना चाहिए और लगातार मेहनत करनी चाहिए। मेरे लिए छोटी, छोटी चीजें मायने रखती हैं। यही मेरा मानना है।”
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कोहली ने कहा कि पिछले 5-10 वर्षों में भारत ने बाकी खेलों में काफी सुधार किया है। उन्होंने कहा, “हम पहले भी दूसरे खेलों से जुड़े रहते थे, लेकिन दूसरे खेलों में सफलता को लेकर आश्वस्त नहीं थे। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में विश्व स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने की भूख खिलाड़ियों में बढ़ी है।