बड़ी खबर: रखाइन प्रांत की मुसीबत से बेहद चिंतित मोदी, पेश की तनाव हल करने...

बड़ी खबर: रखाइन प्रांत की मुसीबत से बेहद चिंतित मोदी, पेश की तनाव हल करने…

New Delhi: बुधवार को भारत ने म्यांमार के संकटग्रस्त रखाइन प्रांत में विकास का हल निकाला है। सबसे गरीब और कम क्षेत्रों से जुड़ा ये प्रांत  सबसे गरीब और कम से कम जुड़े हुए क्षेत्रों में से एक है। जिसमें में लाखों की संख्या से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान हैं। वहीं दोनों देश ने उग्रवादी हिंसा को शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा माना।बड़ी खबर: रखाइन प्रांत की मुसीबत से बेहद चिंतित मोदी, पेश की तनाव हल करने...अभी-अभी: शिक्षा मित्रों पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब 10 हजार रूपए मिलेगा…

मोदी ने अपने भाषण के आखिरी में कहा था कि जब बड़ी शांति प्रक्रिया की या किसी विशेष मुद्दे का समाधान तलाशने की बात आती है तो हम उम्मीद करते हैं कि सभी पक्ष एक समाधान की तलाश के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। जो मयामांर की एकता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए सभी के लिए शांति, न्याय और सम्मान सुनिश्चित करता हो।

 

एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा था कि रोहिंग्या समुदाय के लोग अवैध प्रवासी हैं और उन्हें भारत से वापस भेजा जाएगा। मोदी ने अपने बयान में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों की समान सुरक्षा चिंताएं हैं।

 

मोदी ने विकास साझेदारी के तहत म्यांमा में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और स्वास्थ्य एवं अनुसंधान सुविधाओं के विकास में भारत की सहायता का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी भारत ऐसी परियोजनाएं चलाएगा जो म्यांमा की प्राथमिकताओं और जरूरतों के मुताबिक होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज के समझौते हमारे संपूर्ण द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेंगे।’’उन्होंने म्यांमार की शांति प्रक्रिया में सू की के नेतृत्व की तारीफ की।

 

वहीं रीजीजू ने कहा था कि इस मुद्दे पर किसी को भारत को उपदेश नहीं देना चाहिए क्योंकि हमारे देश ने दुनियाभर में सबसे ज्यादा शरणार्थियों को जगह दी है। मोदी और सू की, की बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच समुद्री सुरक्षा, म्यांमा में लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने, स्वास्थ्य और सूचना प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में 11 समझौते हुए। मोदी ने अपने बयान में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों की समान सुरक्षा चिंताएं हैं।

 

आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए सू की ने कहा, हम मिलकर सुनिश्चित करेंगे कि हमारी जमीन में या पड़ोसी देशों की जमीन में आतंकवाद जड़ें नहीं जमा पाए। म्यांमा की नेता ने आतंकवाद पर सख्त रुख अख्तियार करने के लिए भी भारत का शुक्रिया अदा किया। म्यांमा ने हाल ही में आतंकवाद के खतरे का सामना किया है।

रोहिंग्या आतंकवादियों ने पिछले महीने रखाइन प्रांत में पुलिस चौकियों पर हमले किये थे जिनमें 12 सुरक्षाकर्मी मारे गये। मोदी और सू की, की मुलाकात के बीच आज ही म्यांमा की नेता के हवाले से बताया गया कि उन्होंने तुर्की के राष्टूपति रेसिप तैय्यप एर्दोगान से कहा है कि रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर म्यांमा की कार्रवाई पर वैश्विक नाराजगी को व्यापक गलत सूचनाओं से हवा दी जा रही है।

 

सूची ने एर्दोगान से फोन पर बातचीत की और एक सरकारी बयान के मुताबिक उन्होंने कहा कि विभिन्न समुदायों के बीच ढेर सारी समस्याएं पैदा करने और आतंकवादियों के हितों को साधने के मकसद से गलत सूचनाओं का अंबार लगाकर रोहिंग्या समुदाय के लिए सहानुभूति पैदा की जा रही है.

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