आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2017 में मिताली ब्रिगेड की नजरें इंग्लैंड के खिलाफ खिताबी मुकाबले को जीत कर इतिहास रचने पर होंगी. यह फाइनल मुकाबला रविवार को क्रिकेट के मक्का ‘द लॉर्ड्स’ में खेला जाएगा. भारतीय महिला टीम अगर यह मुकाबला जीत जाती है,
तो महिला वर्ल्ड कप के 44 साल के इतिहास में वह पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनेगी. इसी के साथ ही टीम इंडिया की कप्तान मिताली राज के पास भारतीय क्रिकेट (महिला और पुरुष) के इतिहास में कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी के बाद वर्ल्ड चैंपियन कप्तान बनने का मौका है. कपिल देव ने भारत को 1983 और महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. अगर मिताली टीम इंडिया को चैंपियन बना देती हैं, तो इतिहास के सुनहरे पन्नों में उनका नाम दर्ज हो जाएगा.
महिला वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का सफर
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11वां महिला वर्ल्ड कप जारी है, जबकि भारतीय टीम का यह नौवां विश्व कप है. जिसके खिताबी टक्कर के लिए टीम तैयार है. उसने शुरुआती वर्ल्ड कप 1973 और 1988 वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं लिया था. 2005 में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर जरूर तय किया, लेकिन वह अबतक खिताब पर कब्जा नहीं जमा पाई है. पिछली बार 2013 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया 7वें स्थान पर रही थी
टीम इंडिया के लिए चैंपियन बनने का मौका
टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप 2017 का धमाकेदार आगाज किया है. अपने पहले ही मैच में टीम इंडिया ने मेजबान इंग्लैंड को 35 रनों से हराया था. उसके बाद वेस्टइंडीज, पाकिस्तान,श्रीलंका और न्यूजीलैंड को धूल चटाकर 7 मैचों में से 5 में जीत हासिल करके सेमीफाइनल में जगह बनाई. फिर सेमीफाइनल में 6 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को मात देकर दूसरी बार महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में अपनी जगह पक्की की. अगर फाइनल में भी टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ लीग मैच वाला प्रदर्शन किया तो भारत की बेटियां वर्ल्ड कप लेकर ही घर लौटेंगी.