एम मोदी ने शी जिनपिंग से मुलाकात

पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से मुलाकात में डोकलाम का उठाया मुद्दा

जर्मनी में चल रही G-20 बैठक के दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई है. चीन से रिश्ते में तल्खी के बीच ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच विवादित मुद्दे को लेकर भी बातचीत हुई है. जानकारों की माने तो यह एक अच्छा कूटनीतिक कदम है.एम मोदी ने शी जिनपिंग से मुलाकात

क्यों अहम है मोदी-शी की मुलाकात?
डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन के बीच तल्खी के बीच ये मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है. डोकलाम में भारत और चीन के बीच तनाव इस स्तर पर है कि दोनों ही देशों ने अपनी सेनाओं को स्टैंड ऑफ पर रखा है.

कल तीन के विदशे मंत्रालय की ओर से यह बयान तक दिया गया था कि दोनों ही शीर्ष नेताओं के बीच कोई मुलाकात नहीं होनी है. इसी के चलते सभी नजरें इस बात पर थीं कि दोनों नेताओं के बीच शिष्टाचार की मुलाकात होती है या नहीं.

G-20 में चीन ने आतंकवाद पर भारत के रुख की तारीफ की
G-20 सम्मेलन के दौरान आज BRICS देशों के नेताओं के साथ हुई बैठक में पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने एक दूसरे की जमकर तारीफ की. मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ G-20 देशों को साथ मिलकर लड़ने को कहा तो जिनपिंग ने आतंकवाद पर भारत के रुख की तारीफ की.

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भारत और चीन के बीच क्या है विवाद, यहां समझें
भारत और चीन के बीच इस तनाव की वजह भारत, चीन और भूटान की सीमा को छूता 89 किलोमीटर का डोकलाम इलाका है. इस पहाड़ी इलाके को चीन डोंगलांग, भूटान डोकला और भारत डोकलाम कहता है और तीनों ही देश इस पर अपना हक जताते हैं. डोकलाम सिक्किम के नाथुला दर्रे से 15 किलोमीटर दूर है, भूटान के मिलिट्री बेस से 10 किलोमीटर दूर और चीन के यादोंग शहर से 10 से 12 किलोमीटर दूर है. डोकलाम क्षेत्र से सिलीगुड़ी कॉरिडोर भी काफी नजदीक है इसलिए सुरक्षा दृष्टि से ये इलाका भारत के लिए जरूरी है.

इस जगह पर विवाद क्यों हुआ?
ये इलाका एक घाटी की तरह है जिसमें चीनी सेना के लोग ऊपर से नीचे की तरफ आ-जा सकते हैं इस जगह को टर्निंग प्वाइंट भी कहते हैं. 16 जून को चीन की सेना पीएलए की कंस्ट्रक्शन पार्टी यानी सड़कें बनाने वाला दस्ता इसी इलाके में अचानक घुस आया था और सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया था. चीन विकास के नाम पर सड़क बनाने की बात कहता है लेकिन इसके पीछे मकसद है भारतीय सीमा तक चीनी टैंकों और गोला-बारूद को पहुंचाना और युद्ध के हालातों में अपने ठिकाने मजबूत करना है.

भारत को दखल क्यों देना पड़ा?
20 जून की बात है जब भूटान की सेना ने चीनी सेना को रोकने की कोशिश की. जब चीन के सैनिक नहीं माने तो भारत को दखल देना पड़ा. इसके बाद भारत और चीन की सेना आमने-सामने हो गई.. दरअसल भारत और भूटान के बीच सुरक्षा समझौता है जिसके तहत भारतीय फौजें भूटान की सीमा के भीतर तैनात हैं.. लेकिन चीन अपनी गलती छिपाने के लिए आरोप लगा रहा है कि भारत ने सीम पार की है.

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