सिक्किम में भारत-चीन के बीच का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल में ही पूरे हालात की जानकारी ली. एनएसए ने प्रधानमंत्री कोजानकारी दी. विदेश सचिव भी इजराइल में ही मौजूद हैं. CNN-News18 सूत्रों के मुताबिक बुधवार को देर रात एनएसए अजीत डोभाल और विदेश सचिव ने चीन के साथ विवाद और मौजूदा स्थिति के बारे में बताया.
सीमा पर 20 दिनों से तनातनी
सिक्किम में डोका ला में भारत और चीन के बीच पिछले 20 दिनों से तनातनी है. चीन अपने सरकी मीडिया के जरिए लगातार भारत को उकसा रहा है और युद्ध की धमकी दे रहा है.
बता दें कि 1962 में भारत चीन युद्ध के बाद सीमा पर दोनों देशों के बीच यह सबसे लंबी तनातनी है. चीन ने भारत को युद्ध तक की धमकी दी है.
चीन ने भारत के दावे को गलत बताया
इससे पहले चीनी दूतावास ने एक वीडियो जारी कर भारत के उस दावे को गलत बताया जिसमें डोका ला को भूटान का इलाका बताया जा रहा है. दूतावास के पॉलिटिकल काउंसलर ली या ने कहा, डोका ला चीन का है और इसे साबित करने के लिए कई पुराने रिकॉर्ड हैं. चीन ने मौजूदा विवाद में किसी बातचीत के लिए सबसे पहले डोका ला से भारतीय सेना के हटने की शर्त रखी है.
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सरकारी मीडिया से धमकी दे रहा है चीन
विवाद शुरू होने के साथ ही चीन अपने सरकारी मीडिया के जरिए भारत को लगातार धमकी दे रहा है. गुरुवार को भी ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में धमकी देते हुए कहा, भारत को अपनी सैन्य शक्ति को लेकर ओवर कॉन्फीडेंट नहीं होना चाहिए और न ही उसे भ्रम में रहना चाहिए कि चीन की उससे डरता है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “चीन अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा.”
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा, “दोनों देशों के बीच मिलिट्री गैप 1962 से भी बड़ा है.” 1962 में पहली बार दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था.
क्या है हालिया विवाद की वजह
चीन सिक्किम क्षेत्र में आने वाले भूटान के डोका ला तक सड़क निर्माण कर रहा है. डोका ला को चीन, भूटान और भारत का मिलन बिंदु माना जाता है. चीन इसे अपना इलाका मानता है जबकि भारत और भूटान इसे भूटान का इलाका मानते हैं.
भारतीय सेना ने भूटान की मदद करते हुए इस इलाके में घुसकर सड़क निर्माण को बाधित किया था. इसके बाद से चीन लगातार घुसपैठ के दावे कर रहा है. दोनों देशों की सेना के बीच धक्का-मुक्की की खबरें भी आई थीं.वहीं चीन ने नाथू ला पास पर स्थित भारत के बंकर ध्वस्त कर दिए थे, जिसके चलते इस रास्ते से कैलाश मानसरोवर यात्रा को रद्द करना पड़ा. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है. भारत के लिए डोका ला पर चीन का सड़क निर्माण रोकना इसलिए भी आवश्यक है कि सड़क बनने के बाद युद्ध की स्थिति में चीनी सेना भारत की सीमा तक आसानी से पहुंच सकती है.
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