भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने बुधवार को आईसीसी महिला विश्व कप के अपने चौथे मुकाबले में श्रीलंका को 16 रनों से मात दी. दीप्ति शर्मा (78) और कप्तान मिताली राज (53) की दमदार बल्लेबाज़ी के बाद अपने गेंदबाज़ों की शानदार गेंदबाज़ी के बल पर भारतीय टीम ने लगातार चौथी जीत हासिल की.
भारत अंकतालिका में ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर है. दीप्ति शर्मा को उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
कौन हैं दीप्ति शर्मा…
भारतीय टीम की दीप्ति शर्मा ने लगभग सभी रिकॉर्ड तोड़ें हैं. चाहे वो बैटिंग हो, बॉलिंग हो या पार्टनरशिप का रिकॉर्ड हो. और ख़ास बात ये है कि वो अभी सिर्फ 19 साल की हैं.
15 मई, 2017 आईपीएल के पहले क्वालिफायर से पहले, क्रिकेट की दुनिया का फोकस अचानक आईपीएल से हटकर दक्षिण अफ्रीका में दो भारतीय महिला क्रिकेटर्स पर गया. उनमें से एक 19 साल की दीप्ति शर्मा थीं, जिन्होंने अपनी 188 रनों की पारी में 27 चौके लगाए थे. जो महिलाओं के वनडे में दूसरी सबसे बड़ी पारी है. दीप्ती उस समय सोशल मीडिया पर छा गई थीं. वीरेंद्र सहवाग ने उन्हें सबसे पहले इस उपलब्धि पर बधाई दी.
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अपनी फिरकी से बल्लेबाज़ों को उलझाने वाली दीप्ति की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. महज़ 9 साल की उम्र में दीप्ति ने ऐसा कमाल किया था जिसकी वजह से वो आज टीम इंडिया की स्टार खिलाड़ी बन गई हैं.
पहली बार 9 साल की उम्र में स्टेडियम में कदम रखा
कहानी की शुरुआत होती है आगरा से जहां भगवान शर्मा के घर दीप्ति का जन्म हुआ. उनके बड़े भाई सुमित को क्रिकेट का बहुत क्रेज़ था. सात भाई-बहनों में सबसे छोटी दीप्ति अपने भाई के पीछे लग जातीं जब भी वो प्रेक्टिस करने जाते. भाई सुमित को दीप्ति को ले जाना सही नहीं लगता था, लेकिन दीप्ति की ज़िद के आगे उसकी एक न चल सकी. दीप्ति ने पहली बार स्टेडियम में कदम रखा तब वो 9 साल की थीं. सुमित प्रेक्टिस करता था और दीप्ति सिर्फ बैठकर देखा करती थी. मीडियम पेसर रह चुके सुमित भी उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
एक बॉल ने बदल दी जिंदगी
एक दिन सीनियर महिला क्रिकेटर हेमलता बच्चों को ट्रेनिंग देने आई हुईं थीं. उस दिन दीप्ति वहीं बैठी थीं. उनके पास बॉल आई तो बॉलर की तरह उन्होंने बॉल फेंकी जो सीधे स्टम्प्स पर जाकर लगी. जिसे देखकर सभी चौंक गए. किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि 9 साल की बच्ची इतना सटीक बॉल कैसे फेक सकती है. जिसके बाद हेमलता ने दीप्ति को पास बुलाया और सुमित को कहा कि इसको क्रिकेट प्रेक्टिस कराए. एक दिन ये ज़रूर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.
हेमलाता के इन्हीं शब्दों ने दीप्ति की क्रिकेट की फॉरमल ट्रेनिंग में मदद की. दीप्ती को खेल के बारे में कुछ भी सिखाने की ज़रूरत नहीं पड़ी. वो सभी ज़रूरी चीज़ें जानती थीं. दीप्ती सीधा हाथ इस्तेमाल करती हैं लेकिन बैटिंग वो उल्टे हाथ से करती हैं. भाई सुमित ने बताया कि दीप्ती भी मीडम पेसर हैं और ये उनकी अपनी पसंद है.
लोगों ने खूब मारे तानें
दीप्ति जब भी अकेले प्रेक्टिस के लिए जाती थीं तो रिश्तेदार उन्हें ताने मारते थे. लेकिन इस सब पर ध्यान न देते हुए उन्होंने क्रिकेट पर अपना पूरा फेकस किया. दीप्ति ने 28 नवंबर 2014 को बेंगलुरु में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे से क्रिकेट करियर की शुरुआत की. दीप्ति टीम इंडिया में ऑलराउंडर का रोल निभा रही हैं. दीप्ति ने अब तक 25 वनडे खेलते हुए 1 सेंचुरी और 6 हाफ सेंचुरी की मदद से 857 रन बनाए हैं. उनका बेस्ट स्कोर 188 रन रहा है. बॉलिंग में उन्होंने 25 मैच में 35 विकेट लिए हैं.
सुरेश रैना की हैं फैन
दीप्ति ने बताया कि वो सुरेश रैना की बहुत बड़ी फैन हैं. वो जब खेल नहीं रही होतीं तो क्रिकेट मैच की वीडियो क्लिप्स देखती हैं. खासकर सुरेश रैना के. वो एक दिन रैना की तरह इंसाइड-आउट सिक्स लगाना चाहती हैं.
पहले नई बॉल का सामना करना, फिर दुनिया की बेहतरीन बॉलिंग अटैक का सामना करते हुए अपनी टीम को मज़बूत शुरुआत दिलाना और फिर मीडिया का सामना करना जो उनकी भाषा नहीं बोलते, वर्ल्ड कप में दीप्ती के सामने ऐसी ही कई चुनौतियां आएंगी. लेकिन दीप्ती आज जहां हैं वो उनका सपना था. जिस तरह वो हर रोज़ रैना का इंसाइड आउट सिक्स सीखने के लिए महनत कर रही हैं उसे देखकर लगता है कि वो दिन दूर नहीं जब उनकी हर मुश्किल आसान हो जाएगी. एक दिन दीप्ति मैदान के अंदर और बाहर की मास्टर भी बन जाएंगी.