इंडिया गठबंधन ने बिहार में चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार दोपहर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पूरा विपक्ष एकजुट हुआ। सभी नेताओं ने एक स्वर में नौ जुलाई को पूरे राज्य में चक्का जाम का एलान किया।
इंडिया गठबंधन के नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण कार्य का विरोध किया गया है। सोमवार दोपहर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने राजद कार्यालय में प्रेस कॉफ्रेंस किया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोग नौ अप्रैल को पूरे बिहार में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। बिहार के हर जिले में चक्का जाम किया जाएगा। लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है। चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था का दुरुपयोग किया जा रहा है। बिहार के गरीबों, वंचितों, दलितों के मतदान के अधिकार से वंचित करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीब मतदाताओं के साथ अन्याय हो रहा है। इसके विरोध में हमलोग पूरे बिहार में चक्का जाम करेंगे। इसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे। हमलोग पूरी मजबूती के साथ इस काम को पूरा करेंगे।
इसका संवैधानिक एवं कानूनी आधार क्या है?
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोगों ने पहले भी यह सवाल पूछा था कि आज फिर से पूछ रहे हैं कि क्या बिहार विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम 2025 के तहत मतदाता सूची में नाम जोड़वाने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग को केवल 11 दस्तावेज मांगने का ही अधिकार है? इसका संवैधानिक एवं कानूनी आधार क्या है? क्या भारतीय निर्वाचन आयोग को यह अधिकार है कि वह केवल उन्हीं 11 दस्तावेजों को मान्य माने और किसी अन्य दस्तावेज को खारिज कर दे? तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह कंफ्यूज हैं। अलग-अलग बात कह रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार के राज में लोग दहशत में जीने को विवश हैं।
काम में लगाए गए शिक्षक परेशान हो चुके हैं
तेजस्वी यादव ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने बताया कि प्रत्येक BLO के साथ चार स्वयंसेवक लगाए गए हैं। हमने पूछा कि ये वॉलियंटर्स कौन हैं और इनके चयन का मानदंड क्या है? क्या वो सरकारी कर्मचारी है अथवा अन्य लोग?? हमने माँग रखी कि चुनाव आयोग बीएलओ की तरह इन वॉलंटियर्स” की भी सूची प्रकाशित करें ताकि सभी लोग उनका सत्यापन कर सकें। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि BLO का काम कर रहे शिक्षक परेशान हो चुके हैं। डीएम कार्यालय से उन्हें लगातार फोन किया जा रहा है। वह दबाव में हैं। आप ही बताएं कि वह यह काम करें या स्कूल में पढ़ाएंगे। स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लोगों के घर-घर भेजकर मतदाता पुनरीक्षण का काम करवाया जा रहा है।