एनसीपी (शरद) के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने सरपंच की हत्या के बाद बिगड़ती स्थिति को लेकर अजित पवार ने बीड का संरक्षक मंत्री बनने में रुचि दिखाई है। संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति की आलोचना करने का कोई मतलब नहीं है। अब यह देखना होगा कि संरक्षक मंत्री कैसा प्रदर्शन करते हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने जिलों में संरक्षक मंत्री नियुक्त कर दिए हैं। इसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पुणे के अलावा बीड जिला भी आवंटित किया गया है। इसे लेकर एनसीपी (शरद) के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अजित पवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरपंच की हत्या के बाद बिगड़ती स्थिति को लेकर अजित पवार ने बीड का संरक्षक मंत्री बनने में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति की आलोचना करने का कोई मतलब नहीं है। अब यह देखना होगा कि संरक्षक मंत्री कैसा प्रदर्शन करते हैं।
पाटिल ने कहा कि बीड में स्थिति जटिल है। इसलिए अजित पवार ने वहां जाना पसंद किया होगा। वहीं मंत्री चंद्रकांत पाटिल को सांगली जिले का संरक्षक मंत्री बनाए जाने पर एनसीपी (शरद) के नेता ने कहा कि उम्मीद है कि वे जिले के विकास के लिए काम करेंगे और सबको साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ महीने में राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। पुलिस की ताकत नजर नहीं आ रही है। पुलिस पूरी तरह से फेल है। कानून का कोई डर नहीं है। पुलिस पक्षपात कर रही है।
मालशिरास विधानसभा सीट से एनसीपी (शरद) के विधायक उत्तम जानकर के 23 जनवरी को चुनाव आयोग को इस्तीफा देने की खबर पर पाटिल ने कहा कि उन्होंने शायद बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के लिए ऐसा प्रयास किया है। मालशिरास विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले गांव मरकाडवाड़ी के लोगों ने ईवीएम पर शंका जाहिर की थी और बैलेट पेपर से फिर से चुनाव कराने की मांग की थी।
मुंडे को नहीं बनाया गया संरक्षक मंत्री
बीड के पराली से विधायक धनंजय मुंडे को संरक्षक मंत्री नहीं बनाया गया है। वे हाल ही में जिले में सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या को लेकर विपक्ष और स्थानीय भाजपा विधायकों दोनों के निशाने पर हैं। इस मामले में धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने विवाद के चलते उनसे इस्तीफा मांगने से इनकार कर दिया था।