राष्ट्रपति चुनावों को लेकर भाजपा और एनडीए द्वारा रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार घोषित करने के बाद अब दबाव विपक्ष पर है। भाजपा ने जिस तरह एक दलित उम्मीदवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए खड़ा किया है उसने विपक्ष की गोलबंदी में सेंध लगा दी है। अब कोविंद की उम्मीदवारी के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती खुद को एकजुट बनाए रखने की है क्योंकि कोविंद के मुद्दे पर अभी तक साथ खड़े आ रहे कई दलों के सुर बदलने लगे हैं।
जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने कोविंद की तारीफ की है तो मायावती ने यह कहकर कांग्रेस को हैरान कर दिया है कि अगर विपक्ष कोई योग्य दलित उम्मीदवार नहीं उतारता है तो फिर कोविंद पर सोचा जा सकता है। कांग्रेस जानती है कि अगर राष्ट्रपति के मुद्दे पर फूट पड़ी तो आने वाले समय में तमाम विपक्षी दलों का एक साथ मिलकर भाजपा से लड़ने की उसकी मुहिम कमजोर पड़ जाएगी।
ऐसे में उसके सामने भी किसी दलित चेहरे को आगे करने का दबाव पैदा हो गया है। ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकारों ने भी कोविंद के सामने खड़े होने वाले योग्य दलित उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। फिलहाल खबरों में से छन छनकर कुछ नाम सामने आ रहे हैं
मीरा कुमार
लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार का नाम फिलहाल विपक्ष के दावेदारों में सबसे आगे चल रहा है। मीरा कुमार को कांग्रेस का प्रमुख दलित चेहरा माना जाता है। पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार को कांग्रेस नेतृत्व का नजदीकी भी माना जाता है। महिला होना भी उनके पक्ष में जा सकता है, बसपा सुप्रीमो मायावती सहित कई अन्य दलों को उनके नाम पर साधना आसान होगा।
सुशील कुमार शिंदे
पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे की गिनती भी कांग्रेस के प्रमुख दलित नेताओं में होती है। एनडीए द्वारा कोविंद का नाम घोषित करने के बाद शिंदे का नाम तेजी से विपक्ष की ओर से सामने आया है। शिंदे के नाम पर कांग्रेस अन्य दलों को आसानी से राजी रख सकती है जो गृहमंत्री रहने के दौरान दूसरे दलों से हमेशा अपने अच्छे संबंधों को बनाए रखते थे।
पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे की गिनती भी कांग्रेस के प्रमुख दलित नेताओं में होती है। एनडीए द्वारा कोविंद का नाम घोषित करने के बाद शिंदे का नाम तेजी से विपक्ष की ओर से सामने आया है। शिंदे के नाम पर कांग्रेस अन्य दलों को आसानी से राजी रख सकती है जो गृहमंत्री रहने के दौरान दूसरे दलों से हमेशा अपने अच्छे संबंधों को बनाए रखते थे।
प्रकाश अंबेडकर
कांग्रेस की ओर से एक संभावना भारिपा बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अंबेडकर को भी अपना प्रत्याशी बनाने की दिख रही है। उसकी बड़ी वजह है कि प्रकाश अंबेडकर दलितों के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले डा. भीमराव अंबेडकर के पौत्र हैं। हालांकि अंबेडकर का नाम वामदलों की ओर से बढ़ाया जा रहा है जो किसी भी सूरत में भाजपा को जीतने से रोकने के लिए लामबंद हो रहे हैं। एस स्वामीनाथन
हरित क्रांति के जनक और मशहूर कृषि वैज्ञानिक एस स्वामीनाथन का नाम भी तेजी से इस चर्चा में सामने आया है। मीडिया रपटों के अनुसार कांग्रेस गंभीरता से उनके नाम पर भी विचार कर रही है। उसकी बड़ी वजह ये भी है कि स्वामीनाथन के नाम पर उसे शिवसेना का समर्थन भी मिल सकता है जो खुद उनका नाम आगे करती रही है। वहीं स्वामीनाथन की छवि को देखते हुए अन्य दलों का साथ मिलने की उम्मीद भी की जा सकती है।
कांग्रेस की ओर से एक संभावना भारिपा बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश अंबेडकर को भी अपना प्रत्याशी बनाने की दिख रही है। उसकी बड़ी वजह है कि प्रकाश अंबेडकर दलितों के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले डा. भीमराव अंबेडकर के पौत्र हैं। हालांकि अंबेडकर का नाम वामदलों की ओर से बढ़ाया जा रहा है जो किसी भी सूरत में भाजपा को जीतने से रोकने के लिए लामबंद हो रहे हैं। एस स्वामीनाथन
हरित क्रांति के जनक और मशहूर कृषि वैज्ञानिक एस स्वामीनाथन का नाम भी तेजी से इस चर्चा में सामने आया है। मीडिया रपटों के अनुसार कांग्रेस गंभीरता से उनके नाम पर भी विचार कर रही है। उसकी बड़ी वजह ये भी है कि स्वामीनाथन के नाम पर उसे शिवसेना का समर्थन भी मिल सकता है जो खुद उनका नाम आगे करती रही है। वहीं स्वामीनाथन की छवि को देखते हुए अन्य दलों का साथ मिलने की उम्मीद भी की जा सकती है।