रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रूसी परमाणु नीति में संशोधन पर दस्तखत करने की घोषणा करते ही यूक्रेन ने मंगलवार को पहली बार रूस पर अमेरिका की छह एटीएसीएमएस मिसाइलों से हमला कर दिया है। यह भीषण हमला यूक्रेन-रूस युद्ध के एक हजारवें दिन किया गया।
रूस बोला- पांच मिसाइलों को मार गिराया
रूसी सीमा के 110 किमी अंदर ब्रियंस्क स्थित रूस के एक सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया है। नए सिरे से शुरू हुए इस मिसाइल हमले ने दुनिया को परमाणु युद्ध के मुहाने पर ले जाने का खतरा बढ़ा दिया है। रूसी समाचार एजेंसी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि उसने छह मिसाइल में से पांच मिसाइलों को मार गिराया है। ब्रियंस्क क्षेत्र में सैन्य अड्डे पर एक मिसाइल का मलबा जरूर गिरा है, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ और ना ही कोई क्षति पहुंची है।
यूक्रेन का दावा- कई धमाकों की सुनी गई आवाज
उधर, यूक्रेन ने हथियार का ब्योरा दिए बगैर हमले की पुष्टि की है। यूक्रेन का दावा है कि उसके बाद वहां धमाके हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को ही यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने कहा था कि यूक्रेनी सेना ने रूस के ब्रियंस्क क्षेत्र में काराचेव स्थित 1046वें लॉजिस्टिक्स सपोर्ट सेंटर पर घातक हमला किया है। वहां पर कई विस्फोट हुए हैं और धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं। इस हमले से यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता कम हो जाएगी।
बिगड़ सकते हैं युद्ध के हालात
इसके एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फैसला लिया था कि यूक्रेन को अमेरिका की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के जरिये रूस के काफी अंदर तक हमला करने दिया जाएगा। इसकी प्रतिक्रिया के तौर पर ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश की परमाणु नीति में संशोधन पर दस्तखत किए हैं और इससे युद्ध के हालात और बिगड़ने का अंदेशा है।
तो क्या रूस करेगा परमाणु हमला?
पुतिन का कहना है कि अगर अब रूस पर किसी परमाणु ताकत वाले देश के समर्थन से किसी भी देश ने कोई परंपरागत हमला किया तो इसे उनके देश पर एक संयुक्त हमला माना जाएगा। परमाणु हथियारों का उपयोग बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइलों के हमले, विमानों और ड्रोनों व अन्य उड़ने वाले हथियारों के हमले पर किया जाएगा।
बेलारूस की रक्षा करेगा रूस
संशोधित सिद्धांत से यह भी प्रतीत होता है कि अगर रूस के सहयोगी व पड़ोसी देश बेलारूस पर हमला किया गया तो तब भी वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। याद रहे कि रूसी सेना ने यूक्रेन पर 24 फरवरी 2022 को चढ़ाई की थी। किसी भावी युद्ध की विभीषिका कितनी भयावह हो सकती है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रूस और अमेरिका के पास दुनिया के 88 प्रतिशत परमाणु हथियार हैं।