केंद्र सरकार के द्वारा पशुवध नियम को लेकर जारी किये गए नोटिफिकेशन का कई जगह विरोध हुआ है. केरल सरकार ने इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. केरल विधानसभा के विशेष सत्र में केंद्र के पशुवध नोटिफिकेशन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार को अपने इस आदेश को वापिस लेना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र का यह आदेश संघीय ढांचे के खिलाफ है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इसको लेकर कहा है कि एक साल में राज्य में लगभग 15 लाख पशु लाए जाते हैं, लेकिन अब इसमें कमी आने की संभावना है. इस दौरान कई विधायक नाश्ते के दौरान ही बीफ खाते हुए दिखे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में करीब 5 लाख लोग इसके व्यापार से जुड़े हैं. जिनपर सीधा असर हो सकता है. वहीं इसका असर राज्य के दूध उत्पादन पर भी पढ़ेगा. उन्होंने कहा कि एक ओर किसान आंदोलन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार ऐसा फैसला ले रही है.
पढ़ें अब तक इस मुद्दे पर क्या हुआ…
केरल हाईकोर्ट ने नहीं किया था हस्तक्षेप
मवेशियों की खरीद-फरोख्त के संबंध में केंद्र सरकार के नए नोटिफिकेशन पर केरल हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. बुधवार को कोर्ट ने उस जनहित याचिका को रद्द कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. हाईकोर्ट ने कहा के मवेशियों की खरीद-फरोख्त के संबंध के नए नोटिफिकेशन को प्रदर्शकारियों ने गलत समझ लिया है. हाईकोर्ट ने आगे कहा कि कोर्ट ने समीक्षा में पाया कि ‘मवेशियों के मांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार का नए नोटिफिकेशन केवल बड़े बाजारों के माध्यम से पशुओं के बड़े पैमाने की बिक्री पर रोक लगाता है.’
मद्रास हाईकोर्ट लगा चुका है रोक
केरल हाईकोर्ट ने बेशक नए नोटिफिकेशन पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया हो, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मवेशियों की खरीद-फरोख्त के संबंध में केंद्र सरकार के नए नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी और केंद्र और राज्य सरकार को 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा था.
बीजेपी के नेता भी दे चुके हैं इस्तीफा
गोहत्या और बीफ खाने को लेकर जारी विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से काटने के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर बैन लगाने का न सिर्फ विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं, बल्कि बीजेपी में भी कोहराम मचा हुआ है. अब इस मुद्दे पर मेघालय के एक और बीजेपी नेता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले भी बीफ पार्टी की घोषणा करने वाले नेता ने बैन के बाद पार्टी छोड़ दी थी.
दरअसल, केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद नॉर्थ गारो हिल्स के जिला प्रमुख बाचु मरक ने इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि मैं गारो की भावनाओं से समझौता नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि बीफ खाना हमारे कल्चर का हिस्सा है. पार्टी की नॉन-सेक्युलर सोच को किसी जाति पर थोपना सही नहीं है. उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष शिबुन लिंगदोह को सौंपा.