भड़काऊ भाषण मामले में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की मुसीबत और बढ़ गयी हैं। एक अन्य मामले में दोष सिद्ध हुआ है। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रहा है केस। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में शहजादनगर थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा। आजम खां अपने बेटे अब्दुल्ला के साथ पहुंचे कोर्ट। फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में लिया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को भड़काऊ भाषण के एक अन्य मामले में शनिवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने दोषी मान लिया है। उन्हें दो साल की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है। तब आजम खां पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे। प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले विभिन्न थानों में पंजीकृत हुए थे। इनमें एक मामला शहजादनगर थाने में दर्ज किया गया था। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
दोष हुआ सिद्ध
शनिवार को अदालत ने आजम खां को इस मामले में दोष सिद्ध कर दिया। फैसला सुनाने से पहले उन्हें अदालत में तलब किया गया। आजम खां अपने बेटे अब्दुल्ला के साथ दोपहर 12 बजे कोर्ट पहुंचे। दोष सिद्ध किए जाने के बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया। अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि इस मुकदमे में उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है। (171g में 500/ का जुर्माना एक महीने की जेल, 505(1)b में 1000/ जुर्माना दो साल की सजा, 125 में 1000/ जुर्माना दो साल की सजा का प्रावधान है।)
पहले भी हो चुकी है एक मामले में सजा
आजम खां को इससे पहले 27 अक्टूबर 2022 को आजम खां को भड़काऊ भाषण के एक अन्य मामले में सजा हो चुकी है। यह मामला मिलक कोतवाली में दर्ज हुआ था। तब एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने सजा के खिलाफ एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील की थी। वहां से उन्हें राहत मिल गई थी। सजा के फैसले को अदालत ने निरस्त कर दिया था।