हिंदी पंचांग के अनुसार, साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या को पड़ रहा है। ग्रहण के समय राहु और केतु का नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है। इसके लिए सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। साथ ही सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा, सूर्य ग्रहण के समय कई अन्य सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए, जानते हैं कि ग्रहण के समय क्या करें और किन चीजों से परहेज करें-
क्या न करें
-ज्योतिषियों की मानें तो गर्भवती महिलाओं को सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय कैंची, सुई, ब्लेड या चाकू का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में ग्रहण के दौरान काटने की मनाही है। ऐसा करने से बच्चे में शारीरिक या मानसिक विकृति हो सकती है।
-शास्त्र की मानें तो गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान फल, फूल, पत्ते या लकड़ी नहीं तोड़नी चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण दोष लगता है।
-सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ समेत कोई भी धार्मिक या शुभ काम नहीं करना चाहिए। शास्त्र में ग्रहण के समय शुभ काम करने की मनाही है।
-सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर पड़ती है। साथ ही ग्रहण से भोजन दूषित हो जाता है। ग्रहण के समय भोजन करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है।
-ग्रहण के दौरान खाना न पकाएं। भूख लगने पर तुलसी दल युक्त चीजें ही खाएं। धार्मिक मान्यता है कि तुलसी दल से राहु और केतु का प्रभाव क्षीण हो जाता है। वहीं, ग्रहण के समय घर में रहना चाहिए।
क्या करें
-ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने पास नारियल रखना चाहिए। इससे ग्रहण का प्रभाव समाप्त हो जाता है। ग्रहण खत्म होने के बाद नारियल को बहते हुए जलधारा में प्रवाहित कर दें।
-गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय पेट पर गेरू लगाकर रखें। इस उपाय को करने से गर्भ में पल रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।
-ग्रहण के समय मन ही मन ईश्वर का नाम लें। गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना अधिक फायदेमंद होते है।