वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिजिटलीकरण के मामले में विशेषकर भुगतान को लेकर आज भारत ने एक वैश्विक मानक स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि इससे देश को कोविड-19 और इसके आर्थिक दुष्प्रभावों के खिलाफ लड़ाई में तो मदद मिली ही है, साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ा है कि भारत की वृद्धि की कहानी अभी और आगे चलने वाली है.
जॉन हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में छात्रों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘एक समय था जब भारत वैश्विक मानकों, वैश्विक आदर्शों को देखता था और हम कहते थे कि हमें उस स्तर पर पहुंचना है, कैसे करना है यह भी सीखना है. आज भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां हमें बहुत कुछ सीखना है और मानकों के अनुरूप काम करना है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन डिजिटल पक्ष की ओर देखें तो चाहे यह भुगतान हो, पहचान हो, स्वास्थ्य, शिक्षा, अनुपालन आवश्यकताओं के तौर-तरीकों हों, इनमें वास्तव में भारत ने मानक स्थापित किए हैं. डिजिटल अर्थव्यवस्था, इसकी प्रणाली और मंचों को लेकर हमने वास्तव में मानक स्थापित किए हैं और यह भारत के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है.’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो इसकी वजह आत्मविश्वास है जो हमने बीते दो साल में जो कुछ हुआ उससे पाया है, संभवत: लोगों का ऐसा मानना है. इसलिए मुझे लगता है कि आर्थिक पुनरुद्धार निरंतर जारी है.’ उन्होंने कहा कि 2014 से 2019 के बीच डिजिटलीकरण पर दिए गए जोर ने कोविड-19 और उसके बाद आर्थिक संकट से जूझने में मदद दी और इसकी वजह से ही लॉकडॉउन के दौरान मदद और राहत तुरंत दी जा सकी.